Ram Mandir : अयोध्या में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भूमि पूजन किया ,समूचा उत्तराखंड उल्लास में डूब गया, पढ़े पूरी खबर ।।web news।।

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अयोध्या में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भूमि पूजन किया

आज अयोध्या में जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भूमि पूजन किया और राम मंदिर निर्माण की आधारशिला रखी, तो मानो जनमानस त्रेतायुग से जुड़ गया। पूरी दुनिया इन ऐतिहासिक पलों की साक्षी बनी, जब करोड़ों भारतीयों की राम मंदिर निर्माण की इच्छा फलीभूत हुई। मंत्रोच्चारण के साथ भूमि पूजन की शुरूआत की गई और फिर प्रधानमंत्री के हाथों आधारशिला रखे जाने के साथ ही मंदिर निर्माण का विधिवत आरंभ हो गया। भूमि पूजन समारोह में उतर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत भी शामिल हुए। शिलान्यास से पूर्व प्रधानमंत्री हनुमान गढ़ी मंदिर पहुंचे और वहां पूजा-अर्चना की। प्रधानमंत्री ने पारिजात का पौधा भी रोपा। भूमि पूजन के बाद अपने संबोधन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राम मन्दिर को राष्ट्रीय एकता का प्रतीक बताते हुए विश्वभर के सभी रामभक्तों को बधाई दी। प्रधानमंत्री ने कहा कि आज पूरा देश भावुक है क्योंकि सदियों का इंतजार समाप्त हो रहा है। करोड़ों लोगों को तो यह विश्वास ही नहीं हो रहा होगा कि उनका सपना साकार हो रहा है।

राम मंदिर निर्माण की आधारशिला रखे जाने पर पूरा उत्तराखंड उल्लास में डूब गया।

अयोध्या में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों राम मंदिर निर्माण की आधारशिला रखे जाने के साथ ही समूचा उत्तराखंड उल्लास में डूब गया। प्रदेश भर में जगह-जगह लोगों ने मिष्ठान वितरण कर एक-दूसरे को बधाई दी। बदरीनाथ धाम समेत तमाम मंदिरोें में विशेष पूजा-अर्चना की गई। बाजारों को विशेष तौर पर सजाया गया था। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने श्रीराम मंदिर के भूमि पूजन का टेलीविजन पर सीधा प्रसारण देखा। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने कहा कि कई वर्षों के संघर्ष के बाद आज यह स्वर्णिम अवसर आया है। देश और अयोध्या में सैकड़ों परिवार ऐसे हैं, जो काफी समय से अखण्ड रामायण का पाठ एवं रामधुन कर रहे हैं। अयोध्या में श्रीराम मन्दिर बने, हजारों लोगों ने इसके लिए बलिदान दिया। आज उन हजारों लोगों का संघर्ष फलीभूत हो रहा है। मुख्यमंत्री ने राम जन्मभूमि आंदोलन से जुड़े रहे संघ प्रचारक मोरोपंत पिंगले, अशोक सिंघल, महन्त अवैध्यनाथ और बलिदान देने वाले कोठारी बंधुओं को याद करते हुए उन्होंने कहा कि इन सभी ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। श्री रावत ने कहा कि जल्द ही अयोध्या जाकर वे भगवान श्रीराम के दर्शन करेंगे।

13 डिस्ट्रिक्ट-13 डेस्टिनेशन’ के तहत हरिद्वार में 52 शक्तिपीठों के प्रतीक के रूप में भव्य मंदिर समूह का निर्माण किया जाएगा ।

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के ड्रीम प्रोजेक्ट, ‘13 डिस्ट्रिक्ट-13 डेस्टिनेशन’ के तहत हरिद्वार में 52 शक्तिपीठों के प्रतीक के रूप में भव्य मंदिर समूह का निर्माण किया जाएगा। इसके लिए कनखल में बैरागी कैंप के पास लगभग 10 हेक्टेयर भूमि का चयन किया गया है। इस मंदिर के बनने के बाद जहां लोगों को राजा दक्ष के यज्ञ विध्वंस और सती की त्याग कथा जुड़े प्रसंगों के दर्शन होंगे, वहीं यह 52 शक्तिपीठों का केंद्र बनेगा। पर्यटन अधिकारी सीमा नौटियाल ने बताया कि शक्तिपीठ मंदिर के लिए चयनित भूमि के लिये वन विभाग से एनओसी प्राप्त करके मंदिर के निर्माण की प्रक्रिया शीघ्र शुरू कर दी जाएगी। इसके लिए जिलाधिकारी के माध्यम से शासन को प्रस्ताव भेजा जा रहा है। माना जा रहा है कि 52 शक्तिपीठों के मंदिर श्रृंखला का परिसर बनने से हरिद्वार में तीर्थाटन और पर्यटन को और बढ़ावा मिलेगा। हरिद्वार स्थित माया देवी मंदिर के मुख्य पुजारी महादेवानंद गिरि ने बताया कि प्रस्तावित मंदिर में शिव पुराण की पूरी कथा और 52 पीठों के इतिहास के बारे में श्रद्धालु जान पाएंगे।

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