देहरादून में आयुर्वेद चिकित्सकों ने डीएसीपी एवं अन्य मांगों को लक्ष्य कर बनायी नयी रणनीति
देहरादून: आज आयुर्वेद चिकित्सकों के प्रान्तीय एवं जिला कार्यकारिणी की देहरादून में मीटिंग हुयी।
मीटिंग के बारे में जानकारी देते हुएराजकीय आयुर्वेदिक एवं यूनानी चिकित्सा सेवा संघ उत्तराखंड (पंजीकृत) के प्रदेश मीडिया प्रभारी डॉ० डी० सी० पसबोला ने बताया कि मीटिंग डॉ. एम. पी. सिंह, (निदेशक, आयुर्वेदिक एवं यूनानी सेवाऐं, उत्तराखंड) की गरिमामयी उपस्थिति एवं डॉ. के. एस. नपलच्याल(प्रान्तीय अध्यक्ष) की अध्यक्षता में संपन्न हुयी। मीटिंग का संचालन डॉ. हरदेव रावत(प्रान्तीय महासचिव) द्वारा किया गया ।
डॉ० पसबोला ने आगे बताया कि मीटिंग में आयुर्वेद चिकित्सकों की डीएसीपी, निदेशक नियमावली सहित अन्य प्रमुख मांगों पर गंभीरता पूर्वक चर्चा एवं विचार विमर्श किया गया और डीएसीपी के लिए विशेष प्रयास करने की आवश्यकता पर जोर दिया गया। साथ ही सरकार से डीएसीपी लागू करवाने के लिए एकजुट होकर सम्मिलित प्रयास करने पर जोर दिया गया। सभी आयुर्वेद चिकित्सकों को करो या मरो की रणनीति पर चलने का संदेश दिया गया।
मीटिंग में संयुक्त निदेशक डॉ. जंगपांगी, डॉ. आर. पी. सिंह के अतिरिक्त डॉ. डी. डी. बधानी(सहा. औषधि नियंत्रक), डॉ.रमेश नौटियाल, डॉ. सुशील चौकियाल, डॉ. मीरा रावत, डॉ. अजय चमोला, डॉ. वंदना डंगवाल, डॉ. गजेन्द्र बसेरा, डॉ. दीपांकर बिष्ट, डॉ. राजेन्द्र तोमर, डॉ. शैलेष जोशी, डॉ. हरिद्वार शुक्ला, डॉ. आलोक शुक्ला, डॉ. दिनेश जोशी, डॉ. एच एस धामी, डॉ. राकेश खाती, डॉ. दिनेश शर्मा, डॉ. अजय तिवारी, डॉ. दुष्यन्त पाल, डॉ. जितेंद्र पपनोई, डॉ. विकास दुबे, डॉ. राकेश सेमवाल, डॉ. मनमोहन राणा, डॉ. बिरेंद्र चंद, डॉ. गुरूदयाल नेगी, डॉ. टी. एस. रावत, डॉ. मो. नावेद आजम, डॉ. अवनीश उपाध्याय, डॉ. प्रदीप मेहरा, डॉ. गिरेन्द्र चौहान, डॉ. विजय सक्सेना आदि उपस्थित रहे।