पर्यावरण संरक्षण : हमारी आवश्यता हमारे जंगल,जल, जमीन है – चन्दन सिंह नयाल ।।web news।।

Uncategorized

प्रकृति प्रेमी चन्दन सिंह नयाल की प्रकृति संरक्षण यात्रा ।।

शुरुआती दौर में आज से चार पांच साल पूर्व मेरे गांव में सड़क भी नहीं थी लगभग 3 किलोमीटर पैदल जाना पड़ता था तो उस वक्त मैं मेरे परिवार वाले मेरे युवा सहयोगी सड़क से गांव तक पेड़ों को अपने सर में ले जाकर अपने क्षेत्र में पौधारोपण करते थे और कई जगह कई गांव में हमने कंधों पर पौधे ले जाकर पौधारोपण भी किया कई जल स्रोतों पर भी हम लोगों ने चौड़ी पत्ती का पौधा रोपण किया एक जोश जुनून के साथ अभी भी यह कार्य निरंतर प्रगति पर है ।

पहाड़ की जिंदगी सब समझते हैं पहाड़ के रास्ते पहाड़ के स्कूल, नैनीताल जिले की कई दूरस्थ स्कूलों में जाकर बच्चों को पर्यावरण संरक्षण की जानकारी देने का कार्य भी निरंतर जारी है जिसमें अभी तक 251 से अधिक विद्यालयों में जाकर बच्चों को पर्यावरण संरक्षण की जानकारी दी, कई विद्यालयों में कई कई किलोमीटर पैदल जाना पड़ता है धूप हो या छांव हो निकल पड़ता था, प्रकृति से अमिट प्रेम ने सब कुछ भुला दिया बस यही समझा दिया की प्रकृति ही जीवन है जिसके लिए निरंतर प्रयास जारी है गांव के लोगों में जागरूकता धीरे-धीरे आने लगी है क्योंकि हम लोगों द्वारा दूरस्थ दूरस्थ गांव में जाकर वहां की महिलाओं को वहां के लोगों को जंगलों की महत्वता को समझाया खत्म होते विलुप्त होते जंगलों की रक्षा के लिए उन सब के साथ बीड़ा उठाया क्योंकि मुफ्त की चीज की कोई कदर नहीं करता यह कदर करना हमने गांव के लोगों को समझाने की कोशिश की मेरे नजदीकी गांव कोटली से लगता हुआ एक देव गुरु का बहुत बड़ा जंगल है जहां पर मध्य में देव गुरु बृहस्पति महाराज का मंदिर है जो लगभग 700 से 800 हेक्टेयर का जंगल है जिसमें कई गांव के लोग इस जंगल का अनियंत्रित दोहन कर रहे थे परंतु पिछले तीन-चार वर्षो के गांव वालों की और हमारे प्रयास से लोग समझने लगे हैं और अनियंत्रित दोहन कम किया है जिससे यह जंगल पुनः और भी घना प्रतीत होता है यहां 200 से अधिक जल स्रोत हैं ।

 जिन का मुख्य कारण यह है यहां चौड़ी पत्ती के बाज खरसू रेयाज बुरास उतीस , ऐसी कई जोड़ी पत्ती के पौधे हैं यह जंगल गोला नदी को भी अपने जल स्रोतों से पानी देता है, मन में ख्याल आया कि खुद ही अपने घर पर पौधे तैयार करो छोटी सी नर्सरी तैयार कर जंगल में पौधे रोपित करने के लिए पौधे तैयार किए अपनी निजी भूमि पर, देखिए हमारे पहाड़ में जंगल की महत्वता सर्वाधिक होती है चाहे वह खेती हो चाहे वह बागवानी हो चाहे वह ईधन के लिए हो, हमारी जरूरत हमारे जंगल हैं अगर हम कुछ भी करना चाहते हैं तो सर्वप्रथम जंगल की ही आवश्यकता है जल की ही आवश्यकता है जब जल जंगल जमीन है तब हम खेती की बात कर सकते हैं बागवानी की बात कर सकते हैं स्वरोजगार की बात कर सकते हैं गहराई से जंगल की महत्वता को समझना होगा आज जहां कई प्रजातियां विलुप्त हो रही हैं उनकी विलुप्तता का कारण कहीं ना कहीं हम ही लोग हैं मेरा मुख्य उद्देश्य यह भी रहा कि जो प्राकृतिक जंगल है उन्हें संरक्षित करने का कार्य बहुत जरूरी है जो हमने प्रारंभ किया, साथ ही युवा साथियों के साथ वन पंचायतों में पौधारोपण कार्य किया और कई जल स्रोतों के आसपास चाल खाल खंन्तिया बनाई गई साथ ही अगस्त सितंबर माह में प्रत्येक वर्ष पौधा वितरण का कार्यक्रम भी हम लोग करते हैं 1- 1,2 – 2 पौधे अलग-अलग गांव में जाकर ग्रामीणों को देते हैं जो फलदार पौधे होते हैं जिन्हें वह अपने घर पर लगाते हैं, इस वर्ष लॉकडाउन में हमारे द्वारा कई चाल खाल बनाए गए हैं जो जल संरक्षण की मुख्य भूमिका पर है

यह सारे कार्य युवा साथियों के सहयोग से ही किया जाता है क्योंकि हमारा कोई एनजीओ नहीं है और ना ही कोई फंडिंग होती है पिछले छह 7 वर्षों से हमारे द्वारा यह कार्य किए जा रहे हैं यह 6,7 वर्षों का समय पहाड़ जैसा संघर्षशील रहा है क्योंकि पहाड़ में बहुत सारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है और इन कठिनाइयों का सामना हमने किया और आगे भी करते रहेंगे ।

◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆

लेखक : चंदन सिंह नयाल

परिचय : प्रकृति प्रेमी,पर्यावरण संरक्षक कार्यकर्ता

◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆

अन्य आर्टिकल-

जन्मदिवस विशेष: अमर हुतात्मा श्रीदेव सुमन ने टिहरी रियासत को राजशाही के बेड़ियों से मुक्ति दिलायी- विनय तिवारी ।।web news ।।

Biodiversity Day Special : जैव विविधता का असंतुलन है केदारनाथ जैसी त्रासदी – संदीप ढौंडियाल ।। web news uttrakhand ।।

भारत नेपाल के बीच चर्चा में आये काली नदी विवाद को आसान भाषा मे समझा रहे है- भगवान सिंह धामी ।।web news ।।

इम्युनिटी बढ़ाये कोरोना भगाये – डॉ शैलेन्द्र कौशिक व डॉ प्रिया पांडेय कौशिक

Environment Day :पहाड़ का बदलता पर्यावरण और हाशिये पर पहाड़ी – सुमित बहुगुणा ।। Web news Uttrakahnd ।।

लोकपर्व हरेला : पर्यावरण संरक्षण का स्वयं सिद्ध पर्व है हरेला – संदीप ढौंडियाल, ।। Web News।।

◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆

©web news 2021

4 thoughts on “पर्यावरण संरक्षण : हमारी आवश्यता हमारे जंगल,जल, जमीन है – चन्दन सिंह नयाल ।।web news।।

  1. चन्दन सिंह नयाल जी (पर्यावरण प्रेमी) अति उत्तम कार्य…..आपका पर्यावरण के प्रति इतने वर्ष के संघर्ष को मेरा प्राणाम🙏🙏🙏!! आपके निरंतर इस कार्य को अग्रसर करेंगे ये मेरी आशा है,…
    पर्यावरण को संरक्षण करना प्रत्येक नागरिक का दायित्व है…..मैं आशा करती हूँ कि प्रत्येक नागरिक पर्यावरण के प्रति जागरूक रहें…… घर पर रहें स्वस्थ रहें …. सुरक्षित रहें….
    धन्यवाद…!!

  2. बहुत-बहुत धन्यवाद हेमा जी आप सभी युवा साथियों के सहयोग से ही यह कार्य निरंतर प्रगति पर है

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *