देश की 97% वयस्क आबादी को लगी कोविड-19 वैक्सीन की पहली डोज

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कोरोना के खिलाफ जारी अपनी जंग में भारत अब एक और नया कीर्तिमान स्थापित करने जा रहा है। दरअसल, देश में 97% से अधिक वयस्क आबादी (adult population) को वैक्सीन की पहली डोज लगाई जा चुकी है। यानि अब वह दिन दूर नहीं जब भारत अपने शत-प्रतिशत पहली डोज के लक्ष्य को हासिल करेगा।

इस संबंध में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने गुरुवार को ट्वीट कर बताया कि देश में अब तक 97% से अधिक वयस्क आबादी को कोविड-19 वैक्सीन की पहली डोज लगाई जा चुकी है। “शत-प्रतिशत पहली डोज के लक्ष्य की तरफ बढ़ते कदम।” गौरतलब है कि देश में अब तक 178 करोड़ से अधिक कोविड-19 वैक्सीन की डोज दी जा चुकी है।

शत-प्रतिशत पहली डोज के लक्ष्य की तरफ बढ़ते कदम,97% से अधिक वयस्क जनसंख्या को लगी वैक्सीन की पहली डोज।

कोविड-19 के खिलाफ भारत की बड़ी उपलब्धि

वाकयी भारत की यह उपलब्धि पूरी दुनिया के सामने एक मिसाल कायम करने वाले एतिहासिक दिन के रूप में जानी जाएगी। दरअसल, कोरोना महामारी ने जब दुनिया के तमाम देशों की चौखट पर दस्तक दी थी तब भारत को लेकर पूरा विश्व यह सोच रहा था कि आखिरकार यह देश इतनी विशाल जनसंख्या के साथ इस वैश्विक महामारी से कैसे निपटेगा। क्योंकि कोरोना संकट के बीच एक समय ऐसा भी आया था जब कई यूरोपीय देशों समेत अमेरिक और ब्रिटेन जैसे विकसित देश भी इस महामारी के सामने हौसला पस्त नजर आ रहे थे। लेकिन ऐसे वक्त में भारत ने हिम्मत कायम रखी। भारत न सिर्फ राष्ट्रीय स्तर के संकट से निपटा, बल्कि इसने भविष्य के स्वास्थ्य संकट के लिए दुनिया के लिए एक खाका भी तैयार किया।

भारत की वैज्ञानिक क्षमता को दर्शाता कई स्वदेशी टीकों का विकास

आज कई स्वदेशी टीकों का विकास भारत की वैज्ञानिक क्षमता को दर्शाता है। वहीं पीएम मोदी के दूरदर्शी और राज्यों के प्रभावी सहयोग से दुनिया का सबसे बड़ा कोविड-19 टीकाकरण अभियान सफल हुआ है। फरवरी 2022 में जारी की गई ‘कोविड-19-इंडियाज वैक्सीन डेवलपमेंट स्टोरी’ और ‘इंडियाज कोविड-19 वैक्सीनेशन एडमिनिस्ट्रेशन जर्नी’ शीर्षक वाली ये दोनों रिपोर्ट भारत के टीकाकरण अभियान की पूरी कहानी बयां करती है। इन रिपोर्ट में उन महत्वपूर्ण पहलुओं को उजागर किया गया हैं, जिनका भारत के कोविड-19 वैक्सीन के विकास और टीकाकरण के प्रयासों की सफलता में योगदान है, जिसमें स्वदेशी टीकों का विनिर्माण, जबरदस्त और समयानुकूल प्रक्रियाएं और अनुमोदन के लिए प्रोटोकॉल, जो सुरक्षित तरीके से टीकाकरण को सुनिश्चित करता है, शामिल हैं। इन दोनों रिपार्ट में महत्वपूर्ण जानकारी और अनुभव संकलित किए गए हैं। यही अनुभव भविष्य में महामारी प्रबंधन और सार्वजनिक स्वास्थ्य संबंधी मसलों के लिए एक सीख के तौर पर काम भी आएंगे।

संक्रमण के प्रसार को रोका

इसके अलावा एक भारत ने एक मजबूत निगरानी नेटवर्क के माध्यम से संक्रमण के प्रसार को रोकने का कार्य किया। इसके अंतर्गत संक्रमण के प्रसार का पता लगाने, परीक्षण करने, उपचार करने और उसे नियंत्रित करने की क्षमता, प्रधानमंत्री के दूरदर्शी नेतृत्व में देश के स्वास्थ्य कर्मियों, अग्रिम पंक्ति के कार्यकर्ताओं ने संभाला। वहीं नागरिकों द्वारा प्रदर्शित एकजुटता और राज्यों व अन्य मंत्रालयों के सहयोग से कोविड-19 टीकाकरण अभियान को सफलता की इस सीढ़ी तक लेकर पहुंचे।

भारत के 1.3 अरब लोगों को मुफ्त टीका कराया उपलब्ध

भारत के 1.3 अरब लोगों में से अधिकांश, जो कोविड-19 टीकों के लिए पात्र थे उनको मुफ्त टीका मुहैया करवाना सुनिश्चित करने और राज्य सरकारों के साथ मिलकर समान रूप से टीके का वितरण करने, टीके के प्रति लोगों की हिचकिचाहट दूर करने और वैक्सीन के प्रति लोगों में उत्सुकता पैदा करने के प्रभावी प्रबंधन में केंद्र सरकार के सामने आने वाली अहम चुनौतियों भी सामने आई। इनमें भारत जैसे देश के आकार और विविधता को देखते हुए व्यापक प्रयासों की भी सराहना की गई है। भारत के टीकाकरण कार्यक्रम का चरणबद्ध दृष्टिकोण, उन लोगों की आबादी को प्राथमिकता देना था, जिन्हें स्वास्थ्य सेवा पेशेवरों, अग्रिम पंक्ति के कार्यकर्ताओं, वरिष्ठ नागरिकों और कोमोरबिडिटीज वाले लोगों सहित सबसे बड़ी आवश्यकता थी।

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