देश भर के अस्पतालों में ‘बूस्टर डोज’ लगने का सिलसिला ’10 जनवरी’ को शुरू हो चुका है। कोरोना की तीसरी लहर को देखते हुए पीएम नरेन्द्र मोदी ने ’25 दिसंबर’ को घोषणा की थी। तब से फ्रंटलाइन वर्कर्स, हेल्थ कर्मी व बुजुर्गों का हौसला बढ़कर दोगुना हो गया है। जी हां, जहां साल भर पहले वैक्सीनेशन अभियान की शुरुआत में लोग आशंकित नजर आए थे, इस बार माहौल उसके विपरीत दिखाई पड़ रहा है। बूस्टर डोज लगवाने को लेकर अस्पतालों स्वास्थ्यकर्मियों, फ्रंटलाइन वर्कर और 60 साल से ऊपर के लोगों में खासा उत्साह नजर आया।
पीएम मोदी ने किया देशवासियों से बूस्टर डोज लगवाने का आह्वान
वहीं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी उन सभी लोगों से कोविड प्रीकॉशनरी डोज लगवाने का आग्रह किया है, जो इसके पात्र हैं। उल्लेखनीय है कि भारत ने प्रीकॉशनरी डोज लगाना शुरू कर दिया है। पीएम मोदी ने उन सभी की सराहना की, जिन्होंने बूस्टर डोज टीके लगवाए।
प्रधानमंत्री ने किया ट्वीट
“भारत ने प्रीकॉशन डोज लगाना शुरू कर दिया है। उन सबको साधुवाद, जिन्होंने आज टीका लगवाया है। मैं टीका लगवाने के पात्र लोगों से आग्रह करता हूं कि वे टीके लगवा लें। जैसा कि हम सब जानते हैं कि कोविड-19 से लड़ने में टीकाकरण सबसे ज्यादा कारगर तरीका है।”
पहले ही दिन लगभग 10 लाख लोगों को लगी प्रीकॉशनरी डोज
कोरोना के चलते पहले ही दिन करीब 10 लाख लोगों को प्रीकॉशनरी डोज यानि एहतियाती टीका दिया गया। बूस्टर डोज लेने के लिए आने वाले लोगों के चेहरे पर इस बार आशंका नहीं बल्कि धैर्य और साहस नजर आया। बूस्टर डोज लेने का उत्साह इनके चेहरे से साफ झलकता नजर आया।
60 साल से ऊपर के लोगों का भी हुआ टीकाकरण
60 साल से ऊपर के कोमोरबिडिटी वाले लोग भी डॉक्टर की सलाह के बाद टीकाकरण केंद्रों पर पहुचें। जहां वाक इन बेसेस पर भी उनका टीकाकरण किया जा रहा था। आधार नंबर और पुराने फोन नंबर दर्ज करने पर पहले के दोनों डोज कब लिए हैं इसकी जानकारी मिल जाती है। इसके बाद यह देखा जा रहा है व्यक्ति 9 महीने या 39 सप्ताह वाली डोज अंतराल वाली प्रक्रिया को पूरा कर चुका है या नहीं। यदि व्यक्ति को 9 महीने बीत चुके होते हैं तभी उन्हें बूस्टर डोज दिया जा रहा है।
इस प्रक्रिया में लोगों की मुश्किलों को कुछ आसान बनाते के लिए स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने बीते दिनों बयान जारी कर कहा था कि जो लोग कोविड-19 वैक्सीन के बूस्टर या ‘एहतियाती खुराक’ के लिए पंजीकरण करना चाहते हैं, उन्हें कोविन पोर्टल पर नया पंजीकरण करने की आवश्यकता नहीं है। इस बयान के अनुसार, लाभार्थी सीधे अपॉइंटमेंट ले सकते हैं या किसी टीकाकरण केंद्र में जा सकते हैं और अपना तीसरा डोज लगवा सकते हैं।
इस संबंध में जारी किए गए नए निर्देशों के अनुसार, लाभार्थी को एक ही टीका लगाया जाना है और अब तक किसी भी तरह के मिश्रण की अनुमति नहीं दी जाएगी। इसका मतलब है कि जिन लोगों को कोवैक्सिन की पहली और दूसरी खुराक दी गई थी, उन्हें ‘एहतियाती खुराक’ के तौर पर उसी वैक्सीन का डोज दिया जाएगा। जैसे, कोविशील्ड प्राप्त करने वाले लोगों को ही कोविशील्ड लेने की अनुमति होगी।
स्वास्थ्य कर्मी, फ्रंटलाइन वर्कर इसके दायरे में
बूस्टर डोज के दायरे में अभी अग्रिम पंक्ति के लोग आते हैं। यानि जो डॉक्टर और स्वास्थ्यकर्मी अस्पतालों में लोगों के जीवन की रक्षा में डटे खड़े हैं, उन्हें यह वैक्सीन दी जा रही है। कई स्वास्थ्यकर्मियों को ये कन्फ्यूजन हो सकती है कि पिछली बार की तरह इस बार भी उनके परिवार के लोगों को उनके साथ ही वैक्सीन दी जाएगी तो ऐसे बिलकुल नहीं है।
फ्रंटलाइन वर्कर्स के परिवार वालों को नहीं लग रहा बूस्टर डोज
जी हां, फ्रंटलाइन वर्कर्स के परिवार वालों को यह बूस्टर डोज अभी नहीं दिया जाएगा। फिलहाल यह केवल अग्रिम पंक्ति वाले पुलिसकर्मियों और सुरक्षाकर्मियों, डॉक्टरों व स्वास्थ्य कर्मियों के लिए ही है। यानि अभी प्रायोरिटी बेस पर केवल अग्रिम पंक्ति के लोग ही जो अभी सरकारी ड्यूटी पर लोगों की जीवन रक्षा में तैनात है।
राष्ट्रव्यापी टीकाकरण अभियान के तहत अब तक 152.89 करोड़ कोविड रोधी टीके लगाए जा चुके हैं। भारत में वर्तमान में 8,21,446 सक्रिय मामले हैं। देश में ओमिक्रोन मामलों की संख्या 4,461 पहुंच चुकी है। तेजी से पैर पसार रहे कोरोना के नए वेरिएंट को रोकने के लिए लोगों को बूस्टर डोज दिए जाने की यह मुहिम वाकई काबिल-ए-तारीफ है।