जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे का निधन हो गया। पश्चिमी जापान के नारा शहर में एक चुनावी सभा में भाषण के दौरान शुक्रवार सुबह उन्हें गोली मारी गई थी, जिसके बाद उन्हें कार्डियक अरेस्ट भी आया था। वहीं पीएम मोदी ने अपना गहरा दुख व्यक्त किया और जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे के प्रति गहरे सम्मान के प्रतीक के रूप में देश में 9 जुलाई को एक दिन के राष्ट्रीय शोक की घोषणा की।
पीएम ने जताई संवेदना
पीएम मोदी ने कहा, “अपनी हाल की जापान यात्रा के दौरान, मुझे आबे से दोबारा मिलने और कई मुद्दों पर चर्चा करने का अवसर मिला। वह हमेशा की तरह हाजिर जवाब और व्यावहारिक थे। मुझे क्या पता था कि यह हमारी आखिरी मुलाकात होगी। उनके परिवार और जापानी लोगों के प्रति मेरी हार्दिक संवेदना।”
उन्होंने कहा, “आबे ने भारत-जापान संबंधों को एक विशेष सामरिक और वैश्विक साझेदारी के स्तर तक बढ़ाने में बहुत बड़ा योगदान दिया। आज पूरा भारत जापान के साथ शोक में है और हम इस कठिन घड़ी में अपने जापानी भाइयों और बहनों के साथ खड़े हैं।”
प्रधानमंत्री ने उनके साथ अपनी हालिया मुलाकात की तस्वीर साझा की और कहा कि भारत-जापान संबंधों को मजबूत करने के लिए हमेशा भावुक रहने वाले आबे अभी-अभी जापान-भारत एसोसिएशन के अध्यक्ष के रूप में पदभार संभाला था।
2021 में पद्म विभूषण से सम्मानित
भारत अपनी दोस्ती के लिए पूरे विश्व में मशहूर है। जापान के साथ भारत का कुछ ऐसा रिश्ता था कि दोनों देश हमेशा एक दूसरे के साथ खड़े रहते हैं। पीएम मोदी और शिंजो आबे की दोस्ती का भी अंदाजा इस बात से भी लगा सकते हैं कि भारत सरकार ने जनवरी 2021 में शिंजो आबे को भारत का दूसरा सबसे बड़ा नागरिक सम्मान पद्म विभूषण से सम्मानित किया था। भारत और जापान के बेहतर संबंधों में आबे की अहम भूमिका मानी जाती है।
जापान के पीएम रहते हुए सबसे ज्यादा बार भारत दौरा
वैसे भारत और जापान की दोस्ती काफी पहले से चली आ रही है। लेकिन पीएम मोदी ने उस दोस्ती को एक नया आयाम दिया। यही वजह रही कि प्रधानमंत्री रहते हुए शिंजो आबे सबसे अधिक तीन बार भारत के दौरे पर आए थे। आबे जनवरी 2014, दिसंबर 2015 और सितंबर 2017 में भारत के आधिकारिक दौरे पर आए थे।
पीएम रहते हुए शिंजो आबे में जब भारत आए तो पीएम मोदी उन्हें बनारस लेकर गए थे। जहां दोनों नेताओं ने एक साथ दशाश्वमेध घाट पर गंगा आरती में शामिल हुए। शिंजो आबे का भारत की संस्कृति और सभ्यता के प्रति खास स्नेह था। इसके बाद जब वो साल 2017 में भारत आए तो पीएम मोदी उन्हें अहमदाबाद लेकर गए।
इसके अलावा जापान के पूर्व पीएम शिंजो आबे ने स्वच्छ भारत मिशन में भी अपना सहयोग देने के लिए आगे आए थे। एक लिखित संदेश में आबे ने कहा था कि जापान भारत के साथ सहयोग करेगा, जो पीएम मोदी के नेतृत्व में स्वच्छ भारत पहल को बढ़ावा दे रहा है।
शिंजो आबे के कार्यकाल में भारत-जापान रिश्ते
देश आज विकास की नई इबारत लिख रहा है। चाहे मेट्रो हो या बुलेट ट्रेन जापान इसमें भारत का सहयोगी है। दरअसल, भारत-जापान के बीच रिश्तों में दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन एक अहम कड़ी है। भारत की पहली बुलेट ट्रेन जापान की मदद से ही बन रही है। सिर्फ यही नहीं दिल्ली मुंबई इंडस्ट्रियल कॉरिडोर हो या डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर हो जापान के सहयोग से बन रहे ये प्रोजेक्ट नए भारत की ताकत बन रहे हैं। इसके अलावा भी भारत और जापान आज कई परियोजनाओं समेत आर्थिक, व्यापारिक, रक्षा और कई अलग-अलग क्षेत्रों में सहयोगी हैं। खास बात ये रही कि शिंजो आबे के कार्यकाल में ही इन परियोजनाओं पर समझौता हुआ। इसके अलावा भी भारत और जापान आज कई परियोजनाओं समेत आर्थिक, व्यापारिक, रक्षा और कई अलग-अलग क्षेत्रों में सहयोगी हैं। खास बात ये रही कि शिंजो आबे के कार्यकाल में ही इन परियोजनाओं पर समझौता हुआ। पीएम मोदी ने एक कार्यक्रम में कहा था कि दोनों देश वन टीम वन प्रोजेक्ट के तौर पर काम कर रहे हैं।