केदारनाथ से वापस आते हुए तकरीबन 63 वर्ष की बुजुर्ग माता जी जिन्होनें अपना नाम तर्निका पत्नी परेश कुमार निवासी अहमदाबाद बताया। देर रात्रि में केदारनाथ धाम से वापसी में गौरीकुण्ड पर पहुंची और काफी परेशान नजर थी। परेशानी पूछी तो पता चला कि उनके पति मिल ही नहीं रहे। शटल पार्किंग पर तैनात उप निरीक्षक रमेश चन्द्र बेलवाल जी ने पीछे की चौकियों सहित गौरीकुण्ड व सोनप्रयाग में माता जी द्वारा बताये गये हुलिए व नाम के व्यक्ति के बारे में सूचना भिजवायी गयी। अथक प्रयासों के बाद पता चला कि गौरीकुण्ड में एक व्यक्ति का स्वास्थ्य खराब हो गया था, जिसे कि प्राथमिक उपचार के बाद एम्बुलेंस से सोनप्रयाग भिजवाया गया है। ये व्यक्ति ही इन माता जी के पति निकले। इस पर माता जी को राहत तो मिली पर परेशानी भी। अब समस्या ये थी कि अब तक तो जिनका पता नहीं चल पा रहा था, जानकारी मिली भी तो इस रूप में कि उनका स्वास्थ्य खराब है। माता जी को परेशान न होने व उनकी हर सम्भव मदद का भरोसा दिलाते हुए गौरीकुण्ड से सोनप्रयाग भिजवाया गया। जिनके कि सोनप्रयाग पहुंचने पर आपसी मिलाप होने के उपरान्त जिनका स्वास्थ्य अत्यधिक थकान होने के चलते खराब हो गया था, डॉक्टरी उपचार व आराम के चलते काफी हद तक ठीक हो चुके थे। इनका आपसी मिलाप हुआ तो प्रश्न एक दूसरे से यही था कि मुझे क्यों छोड़ दिया था। जबकि केदारनाथ धाम पैदल मार्ग की हकीकत यही है कि कोई किसी को नहीं छोड़ता बल्कि यहॉं की भौगोलिक परिस्थितियां अक्सर श्रद्धालुओं को बिछड़ा देती है। और बिछडों को मिलाने हेतु हम (पुलिस) हैं ही। इसी पुनीत कार्य के लिए हमने “ऑपरेशन मुस्कान” भी चलाया हुआ है।