पूर्व राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद एवं राज्यपाल Lt Gen Gurmit Singh ने लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी, मसूरी में आयोजित ‘विपश्यना’ शिविर कार्यक्रम में प्रतिभाग किया

UTTARAKHAND NEWS

पूर्व राष्ट्रपति श्री राम नाथ कोविंद एवं राज्यपाल Lt Gen Gurmit Singh ने मंगलवार को लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी, मसूरी में आयोजित ‘विपश्यना’ शिविर कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। 2022 बैच के प्रशिक्षु, अधिकारियों के फेज-1 प्रशिक्षण कार्यक्रम में 10 दिवसीय ‘विपश्यना’ शिविर के अवसर पर उन्होंने अधिकारियों को संबोधित किया।
अपने संबोधन में श्री कोविंद ने कहा कि 2047 में जब देश स्वतंत्रता के 100 वर्ष मना रहा होगा तो आप सभी अधिकारी में देश के सबसे वरिष्ठ अधिकारियों में होंगे। स्वर्णिम भारत के निर्माण के लिए आधुनिक और सेवा परक सोच के साथ काम करना होगा। उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार के विरूद्ध चल रहे राष्ट्रीय अभियान में आप सभी को अग्रणी भूमिका निभानी है। भ्रष्टाचार उन्मूलन में योगदान देने और देश तथा समाज में नैतिकता पर आधारित व्यवस्था को आगे बढ़ाने में विपश्यना जैसी पद्धतियां उपयोगी सिद्ध होती हैं।
उन्होंने कहा कि समाज में सामान्यत ऐसी अवधारणा बनी है कि योग व ध्यान क्रियाओं का पालन करने का समय सेवानिवृत्ति के बाद का समय होता अथवा इन पद्धतियों की उपयोगिता सन्यासी जीवन जीने वालों के लिए होती है। लेकिन योग क्रियाओं को जब सरल व आम भाषा में सिखाया गया तो उसके लाभ का अनुभव होने लगा और समय के साथ-साथ आज योग न केवल भारत में बल्कि विश्व के अधिकांश देशों में हम सभी की जीवन क्रियाओं का हिस्सा हो गया है। उन्होंने प्रशिक्षु अधिकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि आपको सुसंस्कृत व लोकोपयोगी जीवन जीने का लक्ष्य रखना होगा। अपने कार्यों में पारदर्शिता, निष्पक्षता और लोगों को संतुष्ट करने की भावना के साथ आगे बढ़ना होगा।
कार्यक्रम में राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) ने कहा कि विपश्यना ध्यान प्रक्रिया से प्रशिक्षु अधिकारियों को परिचित कराना एक अच्छी पहल है, यह उनके आत्मावलोकन में लाभप्रद साबित होगा। उन्होंने कहा कि यदि हम अपने अंतर्मन को नियंत्रित कर लें, तो हम अपने बाहरी कार्यों को भी नियंत्रित कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि फील्ड में प्रशिक्षु अधिकारियों के सम्मुख अनेक प्रकार की चुनौतियां व परिस्थितियां आएगी जिसे वे अपने आत्मानुशासन और दृढ़ इच्छाशक्ति से उसके समाधान खोजें।
राज्यपाल ने कहा कि एक लोक सेवक के रूप में आपको प्रत्येक व्यक्ति की समस्या को सुनने की क्षमता का विकास करना होगा। किसी की समस्या को सुनने से उस समस्या के समाधान के रास्ते मिलते हैं। उन्होंने कहा कि इस प्रकार की क्षमताओं को विकसित करने के लिए योग व ध्यान जैसी पद्धतियां कारगर साबित हो सकती हैं। उन्होंने कहा कि लोक सेवकों को भ्रष्टाचार उन्मूलन और लोगों के जीवन को सरल बनाने में अपना योगदान देने के लिए सदैव तत्पर रहना चाहिए।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *