जिलाधिकारी का सबु तैं मेरु रैबार |
उत्तरकाशी जिले के जिलाधिकरी की गढ़वाली चिट्ठी
उत्तरकाशी के जिलाधिकारी डॉ आशीष चौहान की गढ़वाली में लिखी चिठी कर चर्चा का विषय बन गयी है। कोरोना वाइरस के लिये जागरुक करने का उनका तरीका उत्तरकाशी जिले में ही नही पूरे उत्तराखंड में सराहा जा रहा है । उत्तराखण्डी बोली भाषा को बढ़ावा देने वाले कदम माना है रहा है । पढ़े डॉ आशीष चौहान की पूरी चिठी उनके शब्दों में सबु तैं मेरु रैबार –
जनु की आप सबु तैं पता छ कि कोरोना वायरस (कोविड-19) कु प्रकोप दुनिया में महामारी के रूप मा चलुणु छ अर अपड़ राज्य उत्तराखण्ड म भी ये प्रकोप क कारण तारीख 23.03.2020 बटिण लॉक डाउन घोषित हुई छ अर तारीख 03.05.2020 क बाद जिला म राज्य सी भैर रेनवाल ये जिला का मूल निवासी अपड़ा गौ मा वापस औण चाला। भले ही यूं संख्या के स्वास्थ्य की जांच हुई छ फिरभी यों मनख्यों म केकी भी संक्रमित हवंण की सम्भावना सी इन्कार न करै सकदू। ये वास्ता यूं मनख्यों तें अपडा घर म अर पंचायत संगरोध (धर/गांव का सब लोग सी दुरू रखण) म 14 दिनु त रखे जाणू जरूरी छ। यदि भैर बटिन ऑण वाला यूं मनख्यों से संगरोधन म सबुसी अलग नि रखूला तय व्यमारी औरूते भी सरणे की गुन्जेस छ। ईव्यमारी सि बचणा क खातिर भैंर बटिन ओण वाला सबि मनख्यों तैं गौं म ही पंचायत घर/बेसिक स्कूल म दुरू रखण क वास्ता तुमारी मदत की मौत भारी जरूरत छ। यूं मनख्यों तैं गौं म ऊँ की कुटमदारी क लौग ही यूं का रण व खांण की व्यवस्था करल या का लावा आशा/आंगनवाड़ी कार्यकर्ता / महिला अर युवक मंगल दल क लौगुका द्वारा यूं मनख्यों त ई बीमारी सी बचोण क खातिर मास्क/सेनेटाईजर/ लौगु सी दुरू रण कु पालन करना क खातिर जग्वाल करैय जाली व 14 दिनु त यूं मनख्यों कु पंचायत संगरोधन रखी तैं रोज यूं कु रैबार कन्ट्रोल रूम क फोन नम्बर-01374.222722, 222641. 226126 क दगड़ा-दगिड़ी कोविड मजिस्ट्रेट अर पटवारी तो बतौणु जरूरी छ। याद रख्या कि आपका गौं म बगैर बताया भैर बटिन ऑण वाला मनख्यों द्वारा अगर होम संगरोध/पंचायत संगरोध कु पालन न करये जालू त त्यूंका खिलाफ आपदा प्रबन्धन अधिनियम तथा महामारी अधिनियम अन्तर्गत कार्यवाही करें जाली।
ई चिट्ठी म ऍच बताई सभी छुई भौत जरूरी छ यख म कै भी तर सि लापरमैं न करिया, इनि मेरी तुम सबु सी उम्मीद छ।
आपकु अपडु
(डॉ आशीष चौहान)
गढ़वाली बोली भाषा के संघर्षरत लोगों ने जिलाधिकारी की इस पहल की तारीफ़ की है और आगे भी उत्तराखंडी बोली भाषा के लिए कार्य करने की उम्मीद जताई ।।
बहुत ही सराहनीय कदम छा।