वर्ष 2020-21 में वार्षिक स्थानान्तरण सत्र को शून्य घोषित किया गया ।
उत्तराखण्ड लोक सेवकों के वार्षिक स्थानान्तरण अधिनियम, 2017 प्राविधानों के अन्तर्गत प्रत्येक वर्ष सरकारी अधिकारियों/कर्मचारियों के स्थानान्तरण किये जाने की व्यवस्था की गई है। लेकिन वर्तमान में कोविड-19 के दृष्टिगत राज्य लॉकडाउन की स्थिति में है। लॉकडाउन की अवधि में राज्य की आर्थिक गतिविधियां बन्द होने के कारण राज्य की अर्थव्यवस्था पर भी पखराब प्रभाव पड़ा है। कोविड-19 महामारी घोषित है, ऐसी दशा में कार्मिकों का एक स्थान से दूसरे स्थान पर यात्रा आदि किये जाने पर संक्रमण फैलने की आशंका बनी रहेगी।
इसलिए सरकार ने सेवाओं में स्थानान्तरण अधिनियम, 2017 के प्राविधान लागू है, उन सेवाओं हेतु वर्तमान स्थनान्तरण पत्र को शून्य कर दिया है ।
साथ ही किसी अधिकारी/कर्मचारी अथवा विभाग को किसी प्रकार की कठिनाई होने पर अधिनियम में की गयी व्यवस्थाओं के अनुरूप धारा-27 के अन्तर्गत उक्त कठिनाईयों के निराकरण हेतु औचित्यपूर्ण प्रस्ताव स्थानान्तरण समिति के विचारार्थ कार्मिक विभाग को उपलब्ध कराया जा सकता है । यह जानकारी राधा रतूड़ी अपर मुख्य सचिव ने मीडिया के साथ साझा की ।