चर्चा में है : भगवान सिंह धामी का कुमाउँनी कार्ड पढे पूरी खबर।।web news।।

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बोली भाषा संरक्षण के लिए भगवान सिंह धामी ने कुमाउँनी सन्देशों के साथ कुमाउँनी में छपाया शादी का कार्ड

बोली भाषा से, अपनी संस्कृति से लगाव हो तो छोटे छोटे प्रयास मिशाल बन जाती है वहीं से बदलाव की शुरूआत का सफर शुरू हो जाता है , लेकिन इस महान प्रयास के लिए लीग से हटकर चलने ने लिए प्रबल इच्छाशक्ति होना जरूरी है। ऐसी की संस्कृति प्रेम के मीठे आखर सुखद यात्रा पर के जाने का मीठा एहसास हुआ जब सचिवालय में कार्यरत और उत्तखण्ड का सामान्य ज्ञान को जिज्ञासु छात्रों तक पहुचाकर उनकी राह सरकारी नौकरी के लिए आसान करवाने वाले सामान्य ज्ञान के भंडार उत्तराखंड के यूकेपीडिया भगवान सिंह धामी के परिणय सूत्र में बंधने के निमंत्रण पत्र प्राप्त हुआ । कुमाउँनी भाषा मे सन्देशों के साथ कुमाउँनी भाषा मे छपा निमंत्रण पत्र भाषा विकास की सूक्ष्म कड़ी सुनहरे कल के संकेतों के रूप में देखा जा सकता है ।


चर्चा में है भगवान सिंह धामी के विवाह निमंत्रण पत्र

निमंत्रण पत्र पर नजर पड़ते ही श्री गणेश के चित्र के बाद शुभ ब्यौ अंकित है जो पहली नजर में कुछ खास ध्यानाकर्षण नही करता लेकिन कवर पर चेली बचाओ चेली पढ़ाओ , आपणि भाषा बचाया , संकृति बचाया संदेश देख निमंत्रण पत्र विवाह स्थल और तारीख देखने की औपचारिकता के बंधन से मुक्त होकर आखर आखर पढ़ने पर विवश कर देता है, पन्ने पलते तो पहाड़ी भाषाओं की विकास यात्रा की शुरुआत होते देख एक सकून सा होता है । निमंत्रण पत्र के मुख्य पृष्ठ पर कोविड 19 से संबंधित नोट ” विवाह समारोह मा कृपया मास्क पहिन ब आई  व सोशल डिस्टेसिंग पालन करिया” भी पहाड़ी आखरों में शोभा बढ़ा रहा है साथ ही पहाड़ी भाषा मे “ईष्ट देव दैणा हया पैली तुमर नाम छू , मित्रलोगों जरूर अया घर म शुभ काम छू” जैसे स्नेह पूर्ण निमंत्रण आग्रह संदेश पहाड़ी भाषा प्रेमियों के मन को छूने का कार्य कर रहे है।

पहाड़ी भाषा मे विवाह कार्ड छपवाने वाले भगवान सिंह धमी ने कहा

सही मायने में सुमन (ब्योली)का ही विचार था कार्ड पहाड़ी में छपवाने के लिए सुमन ने बोला और मैंने इसे छापने की शुरुआत कर दी मैंने इसके किये कुछ पुराने कार्ड्स की भी मदद ली जो गढ़वाली और कुमाउनीं भाषाओं में पहले से छपे थे ।

कन्या पक्ष के निमंत्रण पत्र में भी कुमाउँनी सन्देश

भगवान सिंह धामी बता चुके है कि यह विचार सुमन का था तो कन्या पक्ष का निमंत्रण पत्र देखा तो निमंत्रण पत्र की भाषा हिंदी है लेकिन कुमाउँनी संदेश आपनी बोली भाषा के प्रति लगाव को दर्शाता है , सुमन कार्की पुलिस विभाग में कार्यरत है उनका संस्कृति प्रेम पहाड़ी गानों पर नृत्य और अन्य संस्कृति गतिविधियों से प्रदर्शित होता है ।

सोशल मीडिया में कुमाउँनी कार्ड की तारीफ

उत्तराखंड सचिवालय में कार्यरत मेरे परम् मित्र शिक्षा विद भगवान भाई के विवाह का कार्ड प्राप्त हुआ । खुशी की बात यह है कि उन्होंने विलुप्त होती हमारी कुमाउँनी भाषा के प्रति प्रेम व आदर प्रकट करते हुए अनपने विवाह का कार्ड पहाड़ी भाषा में छपवा दिए । परिणय सूत्र में बंधने की अग्रिम शुभकामनाएं भगवान भाई – एस एस जोशी

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