देश में सड़क के माध्यम से कनेक्टिविटी बढ़ाने और लोगों की सुविधा के मद्देनजर केंद्र सरकार कई स्तर पर काम कर रही है। केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि भारत का सड़क इन्फ्रास्ट्रक्चर 2024 के समाप्त होने के पहले अमेरिका की तरह होगा। केंद्रीय मंत्री ने अमेरिकी राष्ट्रपति कैनेडी के एक बयान को कोड करते हुए कहा कि “अमेरिका के रोड अच्छे इसलिए नहीं है कि अमेरिका अमीर देश है बल्कि अमेरिका के रोड अच्छे हैं इसलिए अमेरिका अमीर है। केंद्रीय मंत्री ने यह बात सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय की वित्त वर्ष 2022-23 के लिए अनुदान मांगों पर लोकसभा में जवाब देते हुए कही।
इस दौरान केंद्रीय मंत्री ने सड़क इन्फ्रास्ट्रक्चर को मंत्रालय द्वारा किए जा रहे सुधार से संबंधित कई महत्वपूर्ण बातों को रखा। जिसमें उन्होंने बताया कि देश के कई हिस्सों में लोग हाइवे और टोल के आस-पास रहते हैं। ऐसे में उन्हें कम दूरी पर जाने के लिए भी टोल के पैसे चुकाने पड़ते हैं, क्योंकि नई सड़कें और राजमार्ग बनने से उनके गांवों की दूरी के बीच में टोल नाका पड़ जाता है। ऐसे लोगों की समस्या को देखते हुए सरकार उन स्थानीय लोगों को पास उपलब्ध कराएगी, जिनके पास आधार कार्ड है।
60 किमी के भीतर होगा केवल एक टोल प्लाजा
केंद्रीय मंत्री ने यह भी कहा कि 60 किमी के भीतर केवल एक टोल प्लाजा होगा और यदि दूसरा टोल प्लाजा है, तो इसे अगले 3 महीनों में बंद कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि उनका मंत्रालय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत को समृद्ध व शक्तिशाली बनाने के लिए वह सड़क ढांचागत सुविधाओं को बढ़ाने के लिए प्रयासरत हैं। इसके अलावा उनका प्रयास है कि निर्माण कार्यों पर होने वाले खर्च को कम किया जाए। इसके लिए वह आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल करने का पूरा प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि हमारा प्रयास विश्व स्तरीय प्रौद्योगिकी को शामिल करके निर्माण की लागत को कम करना और निर्माण की गुणवत्ता में सुधार करना है।
देशभर में चल रहे निर्माण कार्य
केंद्रीय मंत्री ने बताया कि जोजी-ला सुरंग का निर्माण किया जा रहा है। फिलहाल वहां एक हजार लोग काम कर रहे हैं जहां तापमान माइनस एक डिग्री है। हम इसे साल 2024 से पहले पूरा करने का प्रयास कर रहे हैं। दिल्ली-अमृतसर-कटरा एक्सप्रेस-वे पर भी काम शुरू हो गया है। चेन्नई से बेंगलुरु तक सड़क का निर्माण किया जा रहा है। हम दुनिया भर से अत्याधुनिक तकनीक लाने की कोशिश कर रहे हैं। मजोली द्वीप के लिए निविदा यूपी निगम को 680 करोड़ रुपये में बहुत कम लागत पर दी गई थी और कंपनी वर्तमान में वहां काम कर रही है। इसी तरह हमने ब्रह्मपुत्र पर बने मजौली पुल की निर्माण लागत को 6000 करोड़ रुपये से घटाकर 680 करोड़ रुपये कर दिया है। हमारा प्रयास निर्माण लागत को कम करना और निर्माण की गुणवत्ता में सुधार करना है। पहले दिल्ली से मेरठ जाने में साढ़े चार घंटे लगते थे, लेकिन अब एक्सप्रेस-वे बनने के बाद उक्त दूरी को पूरा करने में महज 40 मिनट का समय लगता है। यह ईंधन की भी बचत कर रहा है। हम पूरे देश में 22 ग्रीन हाइवे और औद्योगिक गलियारे बना रहे हैं।
एक्सप्रेस-वे से ट्रैफिक समय और ईंधन बचेगा
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने महंगाई को लेकर कहा कि देश की सबसे बड़ी समस्या उच्च रसद लागत है। यूक्रेन और रूस के बीच जारी जंग के चलते कच्चे तेल की कीमतों में एक बार फिर से उछाल आया है। नतीजतन, सब्जियां महंगी हो रही हैं, अन्य सभी चीजें भी महंगी हो रही हैं क्योंकि परिवहन लागत बढ़ रही है। देश भर में एक्सप्रेस-वे के बनने से ट्रैफिक का समय भी बचेगा और ईंधन की खपत भी कम होगी और अंतत: लॉजिस्टिक्स की लागत में भी कमी आएगी। उन्होंने कहा कि हम जिलों, बंदरगाहों, औद्योगिक गलियारों और औद्योगिक समूहों को चार लेन वाले राजमार्गों से जोड़ रहे हैं। हम इसे मत्स्य पालन और कृषि-प्रसंस्करण उद्योग से भी जोड़ रहे हैं। आत्मनिर्भर भारत का सपना पूरा करना है, तो निर्यात बढ़ाना चाहिए और साथ ही आयात कम करना चाहिए। उसके लिए हमें लॉजिस्टिक्स कॉस्ट कम करनी होगी। हमारे देश में टेक्नोलॉजी में भी बड़े पैमाने पर सुधार हो रहा है। मेरा कहना है कि जब भी राज्य को कहीं भी एनएच चाहिए, तो कृपया पूरी सूची भेजें। हम उनके सभी राष्ट्रीय राजमार्गों का निर्माण करेंगे।
कार में 6 एयरबैग अनिवार्य
भारत में हर साल पांच लाख दुर्घटनाएं होती हैं और इन हादसों में डेढ़ लाख लोगों की मौत हो जाती है और करीब तीन लाख लोग दिव्यांग हो जाते हैं। इससे जीडीपी का तीन फीसदी का नुकसान होता है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सड़क सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए मैंने फैसला किया है कि हम प्रोजेक्ट मैनेजमेंट कंसल्टेंसी लाएंगे। यात्रियों की जान बचाने के लिए हर कार में 6 एयरबैग अनिवार्य किए गए हैं। रोड इंजीनियरिंग के साथ-साथ ट्रैफिक एजुकेशन की भी बहुत जरूरत है। सड़क हादसों को रोकने के लिए सभी के सहयोग की जरूरत है। तमिलनाडु एक ऐसा राज्य है, जिसने विश्व बैंक के सहयोग से सड़क दुर्घटनाओं और दुर्घटना में होने वाली मौतों की संख्या में 50 प्रतिशत तक की कमी की है। तमिलनाडु मॉडल को पूरे देश में लागू करना है। हम शहर की सड़कों पर भी सभी ब्लैक स्पॉट को सुधारने की योजना बना रहे हैं ताकि दुर्घटना में होने वाली मौतों को कम किया जा सके।
इलेक्ट्रिक वाहन की ओर बढ़ रहे लोग
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने बताया कि प्रदूषण के खतरे से निपटने के लिए इथेनॉल, मेथनॉल, बायो-डीजल, बायो-सीएनजी, बायो-एलएनजी, ग्रीन हाइड्रोजन और इलेक्ट्रिक पर स्विच कर रहे हैं। केंद्रीय मंत्री ने अनुरोध किया हम सभी हरित हाइड्रोजन के लिए पहल करें। 3000 करोड़ रुपये की लागत से हाइड्रोजन मिशन की घोषणा की गई है। प्रौद्योगिकी और हरित ईंधन में तेजी से होती प्रगति से इलेक्ट्रिक ऑटोमोबाइल की लागत कम होगी, जिससे इनकी कीमतें अगले दो वर्षों में पेट्रोल से चलने वाले वाहनों के बराबर आ जाएगी। गडकरी ने कहा कि ज्यादा से ज्यादा दो वर्षों के भीतर इलेक्ट्रिक स्कूटर, कार, ऑटो रिक्शा की कीमत पेट्रोल से चलने वाले स्कूटर, कार, ऑटो रिक्शा के समान होगी। लिथियम आयन बैटरी की कीमतें कम हो रही हैं। हम जिंक-आयन, एलुमिनियम-आयन, सोडियम-आयन बैटरी के रसायन को विकसित कर रहे हैं। पेट्रोल जहां 100 रुपये खर्च होते हैं वहीं इलेक्ट्रिक वाहन पर 10 रुपये खर्च होंगे।
पिथौरागढ़ से मानसरोवर के लिए सीधा मार्ग
पिथौरागढ़ से मानसरोवर के लिए सीधा मार्ग विकसित करने का मेरा सपना था। इस सड़क पर काम चल रहा है। भारत के लोग दिसंबर 2023 के बाद इस सड़क के माध्यम से मानसरोवर की यात्रा कर सकेंगे।
28 राष्ट्रीय राजमार्गों पर इमरजेंसी लैंडिंग रोड-कम-रनवे
भविष्य में हमारे सड़क नेटवर्क पर ग्रीन राजमार्गों के साथ लॉजिस्टिक पार्क, स्मार्ट सिटी, स्मार्ट गांव आ सकते हैं। हम ट्रॉमा सेंटर सहित 650 सड़क किनारे सुविधाएं बना रहे हैं। 28 राष्ट्रीय राजमार्गों पर इमरजेंसी लैंडिंग रोड-कम-रनवे बना रहे हैं। अगर उड़ान योजना के तहत छोटे विमानों का संचालन किया जाता है तो यह लोगों के लिए फायदेमंद होगा। इलेक्ट्रॉनिक टोल संग्रह 97 प्रतिशत के स्तर पर पहुंच गया है। अब जीपीएस सिस्टम लाना चाहते हैं।
पेड़ स्थानांतरित करने पर प्रति पेड़ के हिसाब से मिलेंगे पैसे
पर्यावरण से संबंधित अपने मंत्रालय की प्रतिबद्धता को दोहराते हुए केंद्रीय मंत्री गडकरी ने कहा कि उनका प्रयास है कि किसी भी पेड़ को निर्माण कार्य के लिए काटा न जाए। इसके लिए उनका मंत्रालय देशभर में केवल पेड़ स्थानांतरित करने वाले एक हजार से अधिक कांट्रेक्टर तैयार करेगा और सरकार उन्हें पेड़ स्थानांतरित करने के लिए प्रति पेड़ के हिसाब से पैसे देगी।