रोटी-कपड़ा-मकान के साथ रोजगार भी दे रही है केंद्र सरकार

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पीएम मोदी की नेतृत्व वाली सरकार ”सबका साथ-सबका विकास-सबका विश्वास” के मूल मंत्र पर चलते हुए लगातार विकास कर रही है। विकास के तमाम मानकों पर बेहतर कार्य हो रहे हैं, जिससे ग्रामीण विकास में नित नया अध्याय लिखा जा रहा है। लोगों को रोटी, कपड़ा और मकान देने के साथ रोजगार एवं स्वरोजगार की दिशा में भी तेजी से काम हो रहे हैं। यह बात ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री गिरिराज सिंह ने कही है।

2014 से 2022 तक 2152 करोड़ श्रम दिवस किया गया सृजित

गिरिराज सिंह ने कहा कि महात्मा गांधी रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के तहत सभी श्रमिकों को गांव के आसपास काम देने के लिए लगातार रोजगार सृजित किए जा रहे हैं। 2006 से 2014 तक 1660 करोड़ श्रम दिवस सृजित किया गया, जबकि 2014 से 2022 तक 2152 करोड़ श्रम दिवस सृजित किया गया। 2006 से 2014 तक दो लाख 13 हजार 220 करोड़ की केंद्रीय निधि 2014 से 2022 में पांच लाख 11 हजार 577 करोड़ हो गई। 2006 से 2014 तक एक सौ 53 लाख 45 हजार कार्य पूर्ण किए गए, जबकि 2014 से 2022 तक 541 लाख कार्य पूरे किए गए। 2006 से 2014 तक महिलाओं की भागीदारी 48 प्रतिशत थी, लेकिन 2014 से 2022 तक में यह भागीदारी 55 प्रतिशत हो गई है। 2006 से 2014 तक ईएफएमएस से 37 प्रतिशत भुगतान होता था, अब 99.61 प्रतिशत भुगतान हो रहा है। 2014 तक 48 प्रतिशत प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन कार्य को बढ़ावा दिया जाता था, आज 52 प्रतिशत बढ़ावा दिया जा रहा है।

आठ करोड़ 20 लाख महिलाएं आजीविका से जुड़ी

ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री ने यह भी कहा कि पीएम मोदी ने घर दिया, घर की चाबी दी और अब रोजगार दे रही है, महिलाओं को आर्थिक रूप से संपन्न बनाया जा रहा है। पीएम मोदी जिस समय प्रधानमंत्री बने थे तो उस वक्त मात्र दो करोड़ 33 लाख महिलाएं आजीविका से जुड़ी हुई थी, अभी आठ करोड़ 20 लाख महिलाएं जुड़ चुकी है। उस समय 80 हजार करोड़ ऋण था, अभी पांच लाख करोड़ का ऋण दिया गया है। उस समय का एनपीए 9.58 था, अभी एनपीए 2.3 हो गया है।

देश को इन महिलाओं से सीख लेने की जरूरत

उन्होने आगे जोड़ते हुए कहा, देश को इन महिलाओं से सीख लेने की जरूरत है कि एनपीए कैसे कम कर दिया जाता है। स्वयं सहायता समूह (एचएसजी) को बैंक दस लाख कर्ज देता था, अभी 20 लाख देने का नियम बना दिया गया है। सरकार ने गरीब कल्याण के तहत मुफ्त राशन दिया, आईएमएच ने लिखा है कि भारत सरकार इन गरीबों को राशन नहीं देती तो देश में हाहाकार मचता। गरीबी उन्मूलन के लिए रोटी-कपड़ा-मकान के साथ आजीविका को जोड़कर रोजगार दिया जा रहा है।

मनरेगा से देश के हर जिले में बनेंगे 75-75 अमृत सरोवर

उन्होंने कहा कि नीचे गिरते जल स्तर को ऊपर उठाने के लिए भी पीएम मोदी संकल्पित हैं। प्रधानमंत्री का फोकस देश के सभी जिला में 75-75 अमृत सरोवर बनाने पर है। मनरेगा से यह अमृत सरोवर बनेगा, जल शक्ति मंत्रालय वाटर बॉडीज होगा, ग्रामीण विकास मंत्रालय के तहत बनाया जाएगा, पंचायती राज मंत्रालय उसका एडमिनिस्ट्रेटिव यूनिट होगी तथा मत्स्य विभाग मछली डालेगा तो एसेट तैयार होगा। ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा कि आजादी से 2019 तक तीन करोड़ 23 लाख घर तक नल का जल पहुंचा था, 2019 में जल जीवन मिशन शुरू किया गया तो नौ करोड़ 40 लाख घर तक नल का जल पहुंच चुका है। सबको सशक्त करने के लिए मुद्रा योजना शुरू की गई, इससे व्यवसाय को नई गति मिली है। उद्यमिता को बढ़ावा मिला, ग्रामीण क्षेत्रों में भी बड़े पैमाने पर रोजगार का सृजन हो रहा है।

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