#WorldWaterDay: बूंद-बूंद से शक्तिशाली होता भारत

National News

आज यानि 22 मार्च 2022 को ”विश्व जल दिवस” मनाया जा रहा है। इस दिन का बेहद खास महत्व है। दरअसल, ”विश्व जल दिवस” के मौके पर पानी की एक-एक बूंद के संचय को लेकर लोगों को जागरूक किया जाता है। ऐसा इसलिए किया जाता है ताकि हम अपने भविष्य को सुरक्षित रख पाएं। हमारा भविष्य हमारी आने वाली पीढ़ी है। उनके लिए ऐसा करना बेहद जरूरी है। इसी जागरूकता की कमी के चलते आज देश में बहुत से स्थान ऐसे हैं जहां घरों में पीने के पानी का प्रबंध नहीं है। लेकिन अब बीते कुछ साल में इस स्थिति में काफी सुधार देखने को मिला है और यह सब संभव हुआ केंद्र सरकार के प्रयासों से। आइए जायजा लेते हैं कि कैसे जल की हर छोटी बूंद से देश के 130 करोड़ लोगों के जीवन में आ रहा है बदलाव!

ढाई साल में 6 करोड़ परिवारों तक पहुंचाया नल जल कनेक्शन

आपको याद हो, एक समय ऐसा भी था जब देश की महिलाओं को पानी लाने के लिए कई किलोमीटर दूर पैदल जाना पड़ता था। ऐसे में कई बार महिलाएं जंगल में जानवरों का शिकार बन जाती थी। ऐसे ही अपनी जान पर खेलकर कई महिलाएं अपने परिवार के लिए कोसों दूर से पानी भर कर लाती थीं। पीएम मोदी के कुशल नेतृत्व में जल जीवन मिशन के अंतर्गत पिछले 2.5 वर्षों में 6 करोड़ परिवारों तक नल जल कनेक्शन प्रदान किया गया है। इस दौरान प्रतिदिन 63,000 घरों को नल से जल का कनेक्शन प्रदान किया गया है। इसी के बलबूते आज 1.4 लाख गांव में हर घर जल पहुंच चुका है।

2024 तक हर ग्रामीण घर को पेयजल उपलब्ध कराने का लक्ष्य

आप सोच रहे होंगे कि आखिर इतने व्यापक स्तर पर यह सब कैसे संभव हुआ ? सरकारें तो पहले भी रहीं हैं लेकिन तब देश में इतने वृहद स्तर पर घरों तक पाइल लाइन से जल पहुंचाने का कार्य नहीं हुआ? जी हां, दरअसल पीएम नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र की प्रगति के लिए जल संसाधनों के समुचित उपयोग हेतु ‘वाटर वॉरियर’ बनने का आह्वान किया जो आज देश का विजन और मिशन बन गया है। आपको याद हो पीएम मोदी ने लाल किले की प्राचीर से जल संरक्षण का आह्वान किया था और कहा था कि 2024 तक हर ग्रामीण घरों को पेयजल उपलब्ध कराने का लक्ष्य निर्धारित किया है। यानि 2024 तक हर ग्रामीण को घर में नल से जल का पानी उपलब्ध कराने के प्रति सरकार प्रतिबद्ध है। उसी लक्ष्य की पूर्ति के लिए केंद्र सरकार दिन-रात काम कर रही है। इस दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए केंद्र सरकार ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाया।

जल शक्ति मंत्रालय का किया गठन

केंद्र सरकार ने एक अहम कदम उठाते हुए साल 2019 में जल शक्ति मंत्रालय का गठन किया। इसके अलावा केंद्रीय बजट 2021 में 50,000 करोड़ रुपए पेयजल आपूर्ति के लिए और 10,000 करोड़ रुपए स्वच्छता के लिए आवंटित किए गए, यह जल एवं स्वच्छता के मुद्दे पर पीएम मोदी के नेतृत्व वाली सरकार की प्राथमिकता और गंभीरता को दर्शाता है। बीते साल आगामी 5 वर्षों में जल जीवन मिशन (शहरी) के लिए 2.87 लाख करोड़ रुपए का प्रावधान किया जा चुका है, इससे 2.86 करोड़ शहरी घरों में जल पहुंचेगा, वहीं जल जीवन मिशन (ग्रामीण) के लिए भी बीते साल के बजट में खासी वृद्धि की गई थी।

वहीं केंद्रीय बजट 2022-23 फंड आवंटन को 2021-22 के 45,000 करोड़ रुपए से बढ़ाकर 2022-23 में 60,000 करोड़ रुपए कर दिया गया है। जन स्वास्थ्य और ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के कल्याण के प्रति अपने संकल्प की पुष्टि करते हुए केंद्र सरकार निरंतर इस दिशा में कार्य कर रही है। याद हो, इस बार ‘केंद्रीय बजट 2022 उपरांत – लिविंग नो सिटीजन बिहाइंड’ पर वेबिनार के दौरान पीएम मोदी ने कहा था, “एक स्पष्ट रोडमैप बनाया जाना चाहिए ताकि राज्य व केंद्रशासित प्रदेश निर्धारित समय-सीमा के भीतर लक्ष्य प्राप्त कर सकें। उत्तर-पूर्वी सीमावर्ती राज्यों, पर्वतीय क्षेत्रों और आकांक्षी जिलों को प्राथमिकता दी जानी चाहिए।” इस दिशा में भी केंद्र सरकार कार्य कर रही है।

इन राज्यों के लिए रखा है ये लक्ष्य

मणिपुर, मेघालय और सिक्किम के लिए 2022 में हर घर जल के लक्ष्य को प्राप्त करना है। अरुणाचल प्रदेश, मिजोरम, त्रिपुरा और नागालैंड द्वारा निर्धारित समय-सीमा 2023 है, असम के लिए 2024 का लक्ष्य है। उत्तर-पूर्व में कुल 43,668 गांव हैं, जिनमें से 6,798 ने हर घर जल का लक्ष्य प्राप्त कर लिया है। अब तक, कार्यक्रम के तहत, 30,196 ग्राम जल और स्वच्छता समितियों (वीडब्ल्यूएससी) का गठन किया गया है और 31,811 ग्राम कार्य योजनाएं (वीएपी) विकसित की गई हैं।

पूर्वोत्तर राज्यों द्वारा जागरूकता निर्माण, सामुदायिक लामबंदी, ग्रामीण समुदायों को सहायता प्रदान करने आदि के लिए 197 कार्यान्वयन सहायता एजेंसियां (आईएसए) लगी हुई हैं। इस क्षेत्र में 14 आकांक्षी जिले हैं, जहां 18.79 लाख घरों में नल के पानी के कनेक्शन उपलब्ध कराए गए हैं। क्षेत्र के 68,936 आंगनबाड़ी केंद्रों में से 35,944 (52 प्रतिशत) में अब नल के पानी का कनेक्शन है। पूर्वोत्तर में 71,814 स्कूल हैं और आज की तारीख में 48,724 (68 प्रतिशत) पीने योग्य नल का पानी पीने, मध्याह्न भोजन पकाने, हाथ धोने और शौचालयों में उपयोग के लिए उपलब्ध हैं।

विश्व जल दिवस के मौके पर इस दिशा में केंद्र सरकार द्वारा अब तक किए गए कार्यों का ब्यौरा ही यहां दिया गया है। इस मौके पर पीएम मोदी ने अपने ट्विटर अकाउंट से ट्वीट भी किया है।

पीएम मोदी ने विश्व जल दिवस पर किया ट्वीट

पीएम मोदी ने विश्व जल दिवस के मौके पर कहा, पानी की एक-एक बूंद बचाने का संकल्प दोहराएं। पीएम मोदी ने अपने ट्वीट में लिखा…

अद्भिः सर्वनि भूता जीवनी प्रभवन्ति च।।

विश्व जल दिवस पर, आइए पानी की एक-एक बूंद को बचाने की अपनी प्रतिज्ञा की पुष्टि करें। हमारा देश जल संरक्षण और हमारे नागरिकों के लिए स्वच्छ पेयजल तक पहुंच सुनिश्चित करने के लिए जल जीवन मिशन जैसे कई उपाय कर रहा है।

अद्भिः सर्वाणि भूतानि जीवन्ति प्रभवन्ति च।।

On World Water Day, let’s reaffirm our pledge to save every drop of water. Our nation is undertaking numerous measures like Jal Jeevan Mission to ensure water conservation and access to clean drinking water for our citizens. pic.twitter.com/HWy0gjK5fV

— Narendra Modi (@narendramodi) March 22, 2022

माताओं और बहनों का जीवन हुआ आसान

जल जीवन मिशन से माताओं और बहनों के जीवन में काफी सुधार आया है।  उनका जीवन आसान बनाने में जल जीवन मिशन अत्यंत प्रभावी साबित हो रहा है। जहां महिलाएं पहले दूर-दराज के इलाकों से पानी लाने में अपना ज्यादा समय व्यतीत करती थीं अब वे यही समय अपने घर के अन्य कामकाज और परिवार को दे पा रही है। सरकार की लाभकारी योजना से अब महिलाएं अपने बच्चों को भी समय दे पा रही है। वहीं उनके जीवन से पानी का बोझा ढोने की बड़ी समस्या छू-मंतर होती नजर आ रही है।

जल का संचय जरूरी

भारत के गांवों में जितने पानी का इस्तेमाल होता है उसका लगभग 65 से 70 प्रतिशत पानी गंदले जल यानि ग्रे- वाटर में बदल जाता है। जल संरक्षण के लिए ग्रे- वाटर का प्रबंधन हमारा दायित्व ही नहीं कर्तव्य भी है। कर लो अपने मन में निश्चय, करना है जल का संचय।

पीएम मोदी ने जल संरक्षण के लिए देश के सभी सरपंचों को लिखा था पत्र

वहीं साल 2019 में पीएम मोदी ने जल संरक्षण और संचयन के महत्व को लेकर सभी सरपंचों को पत्र लिखा था। 100% प्रतिबद्धता सुनिश्चित करने के लिए पीएम मोदी ने जल संरक्षण एवं संचयन के महत्व के संबंध में सभी सरपंचों को पत्र लिखा। गांव के लोगों को जल संचयन के लिए जागरूक करना अधिक आवश्यक है।

’ईज ऑफ लिविंग’ को बढ़ावा

‘सबका साथ, सबका विकास’ के विजन से जल जीवन मिशन देश के दूरदराज के हिस्सों में ‘ईज ऑफ लिविंग’ को बढ़ावा दे रहा है। जी हां इस दिशा में देश के आकांक्षी जिलों को नल से जल की आपूर्ति की जा रही है।

आंगनबाड़ी और स्कूलों में नल से जल की आपूर्ति

प्रत्येक स्कूल एवं आंगनबाड़ी केन्द्र में सुरक्षित पेयजल सुनिश्चित करने की दिशा में उल्लेखनीय प्रगति है। 2 अक्टूबर 2020 तक कुल 25,092 आंगनबाड़ियों को नल से जल की आपूर्ति की गई। जबकि 21 मार्च 2022 तक कुल 8.76 लाख आंगनवाड़ी केंद्रों को नल से जल की आपूर्ति की गई। यदि तुलना की जाए तो आंगनबाड़ी केंद्रों में महज दो साल के भीतर करीब 35 गुना वृद्धि हुई है। वहीं देश के 48,772 स्कूलों में 2 अक्टूबर 2020 को नल से जल की आपूर्ति की गई। उधर, 21 मार्च 2022 को 8.52 लाख स्कूलों में नल से जल की आपूर्ति की गई। इस अवधि में कुल मिलाकर 17 गुना वृद्धि हुई है।

1,38,655 गांवों ने ‘हर घर जल’ का लक्ष्य किया पूरा

विकास के मापदंड में पिछड़ चुके देश के कई जिले लंबे समय तक बुनियादी सुविधा तक से वंचित रहे लेकिन पीएम मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार बनने के पश्चात यह दौर बदला है। पीएम मोदी के “सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास” के दृष्टिकोण अनुसरण करते हुए, 100  जिलों, 1,150 ब्लाकों, 67,071 ग्राम पंचायतों और 1,38,655 गांवों ने ‘हर घर जल’ का लक्ष्य पूरा कर लिया है।

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