भारतीय नौसेना ने ब्रह्मोस ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल की लंबी दूरी की सटीक स्ट्राइक क्षमता का सफल परीक्षण किया। युद्धपोत आईएनएस चेन्नई से ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल का सफलतापूर्वक प्रदर्शन किया गया।
दूर और समुद्र से जमीन तक हमला करने में सक्षम
ब्रह्मोस मिसाइल और आईएनएस चेन्नई दोनों का देश में ही निर्माण हुआ है। इन्होंने अत्याधुनिक भारतीय मिसाइल तथा जहाज निर्माण कौशल का प्रदर्शन किया। आत्मनिर्भर भारत और मेक इन इंडिया प्रयासों में भारतीय नौसेना के योगदान के लिहाज से भी देखा जा रहा है। यह उपलब्धि भारतीय नौसेना की जरूरत पड़ने पर दूर से हमला करने और समुद्र से जमीन तक हमला करने की क्षमता को स्थापित करती है।
क्रूज मिसाइल की सटीकता का सफलतापूर्वक प्रदर्शन
नौसेना ने ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल के टेस्ट फायरिंग का वीडियो साझा करके लिखा कि “ब्रह्मोस मिसाइल के उन्नत संस्करण की लंबी दूरी की सटीक स्ट्राइक क्षमता को सफलतापूर्वक मान्य किया गया। लक्ष्य के पिन पॉइंट विनाश ने फ्रंटलाइन प्लेटफार्मों की लड़ाई और मिशन की तत्परता का प्रदर्शन किया। यह आत्मनिर्भर भारत के लिए एक और शॉट था।” रक्षा सूत्रों ने बताया कि इस ब्रह्मोस मिसाइल में नई प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल किया गया है। शनिवार को किए गए परीक्षण में यह पूरी तरह कामयाब रही।
विशाखापत्तनम से भी हुआ था सफल टेस्ट
नौसेना ने इससे पहले 18 फरवरी को ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल के उन्नत संस्करण की टेस्ट फायरिंग पश्चिमी सागर में क्रूज वॉरशिप आईएनएस विशाखापत्तनम से की थी, जिसके बाद युद्धपोत को विशाखापत्तनम बंदरगाह पर खड़ा किया गया है। आईएनएस विशाखापत्तनम हाल ही में शामिल भारतीय नौसेना का नवीनतम युद्धपोत है। इससे पहले भी 11 जनवरी को भारतीय नौसेना के आईएनएस विशाखापत्तनम युद्धपोत से ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल का सफल परीक्षण किया गया था।
ब्रह्मोस मिसाइल के निर्यात की भी योजना
ब्रह्मोस भारतीय नौसेना के युद्धपोतों की मुख्य हथियार प्रणाली है और इसे इसके लगभग सभी सतह प्लेटफार्मों पर तैनात किया गया है। इसका एक पानी के नीचे का संस्करण भी विकसित किया जा रहा है। ब्रह्मोस का उपयोग न केवल भारत की पनडुब्बियों में किया जाएगा, बल्कि मित्र देशों को निर्यात के लिए भी पेश किया जाएगा।