पीएम मोदी ने गुजरात को दी विकास योजनाओं की सौगात

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गुजरात दौरे पर गए पीएम मोदी ने ‘गुजरात गौरव अभियान’ कार्यक्रम में भाग लिया। इसी के साथ उन्होंने नवसारी के एक आदिवासी क्षेत्र खुदवेल में कई विकास पहलों का उद्घाटन और शिलान्यास किया। इसमें 7 परियोजनाओं का उद्घाटन, 12 परियोजनाओं का शिलान्यास और 14 परियोजनाओं का भूमि पूजन शामिल है। इन परियोजनाओं से क्षेत्र में पानी की आपूर्ति में सुधार के साथ-साथ कनेक्टिविटी को बढ़ावा देने और जीवन में आसानी को बढ़ाने में मदद मिलेगी।

अपने दौरे पर पीएम मोदी ने सबसे महत्वाकांक्षी 586 करोड़ रुपये की एस्टोल परियोजना का उद्घाटन किया। इससे वलसाड के भीतरी आदिवासी इलाकों के 174 गांवों और 1028 बस्तियों में रहने वाले साढ़े चार लाख लोगों के जीवन में नया बदलाव लाएगी। गुजरात को सितंबर 2022 तक सौ फीसदी नल से जल आपूर्ति वाला राज्य घोषित करने का लक्ष्य है, जिसमें अब तक 95.91 प्रतिशत कार्य पूरा हो चुका है।

इस दौरान सभा को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि पिछले दो दशकों में तेजी से और समावेशी विकास और इस विकास से पैदा हुई एक नई आकांक्षा गुजरात का गौरव है। डबल इंजन सरकार इस गौरवशाली परंपरा को ईमानदारी से आगे बढ़ा रही है। उन्होंने कहा कि आज की परियोजनाओं से दक्षिण गुजरात के सूरत, नवसारी, वलसाड और तापी जिलों में जीवन आसान होगा।

गरीबों के 100 प्रतिशत सशक्तिकरण के कार्यक्रम

पीएम मोदी ने याद किया कि कैसे 8 साल पहले गुजरात के लोगों ने उन्हें दिल्ली भेजा था। उन्होंने कहा कि पिछले 8 वर्षों में सरकार लोगों और क्षेत्रों के कई नए क्षेत्रों को विकास प्रक्रिया और आकांक्षाओं से जोड़ने में सफल रही है। उन्होंने याद किया कि कैसे एक समय था जब गरीब, वंचित, दलित, आदिवासी, महिलाएं और अन्य कमजोर वर्ग अपना पूरा जीवन सिर्फ बुनियादी जरूरतों को पूरा करने में लगाते थे। पहले की सरकारों ने विकास को प्राथमिकता नहीं दी थी। अधिकांश जरूरतमंद वर्ग और क्षेत्र सुविधाओं से वंचित थे। उन्होंने कहा कि पिछले 8 वर्षों में सबका साथ, सबका विकास के मंत्र का पालन करते हुए उनकी सरकार ने गरीबों के कल्याण, गरीबों को बुनियादी सुविधाएं प्रदान करने पर अत्यधिक जोर दिया है। अब सरकार ने कल्याणकारी योजनाओं की संतृप्ति के माध्यम से गरीबों के 100 प्रतिशत सशक्तिकरण के कार्यक्रम को शुरू किया है।

नई पीढ़ी को न करना पड़े समस्याओं का सामना

उन्होंने कहा कि निरंतर कल्याण और विकास की परियोजनाएं लंबे समय से उनकी शासन शैली का हिस्सा रही हैं और इन परियोजनाओं का उद्देश्य लोगों और गरीब के कल्याण के लिए है और किसी भी चुनावी विचार से परे हैं। हम प्रतिबद्ध हैं कि पुरानी पीढ़ी के सामने आने वाली समस्याओं का सामना हमारी नई पीढ़ी को न करना पड़े। यही कारण है कि स्वच्छ पानी, सभी के लिए गुणवत्तापूर्ण शिक्षा जैसी बुनियादी सुविधाएं सुनिश्चित हो रही हैं।

इस दौरान गुजराती में बोलते हुए पीएम मोदी ने भावुक होते हुए कहा कि आपका स्नेह और आशीर्वाद मेरी ताकत है। उन्होंने कहा कि आदिवासी समुदायों और जनजातीय लोगों के बीच सामुदायिक जीवन और पर्यावरण संरक्षण के मूल्यों की भी बात की। उन्होंने आदिवासी क्षेत्रों में पानी सुनिश्चित करने के अपने काम की भी बात की।

गुजरात में 30 से अधिक मेडिकल कॉलेज

पीएम मोदी ने उस समय को याद किया जब इस क्षेत्र में एक विज्ञान विद्यालय भी नहीं था जबकि अब मेडिकल कॉलेज और विश्वविद्यालय आ रहे हैं। पीएम ने कहा कि सबसे दूर-दराज के क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे, शिक्षा, व्यवसाय, कनेक्टिविटी संबंधी योजनाओं के माध्यम से जीवन बदल रहा है। पीएम मोदी ने कहा कि बीते सालों में गुजरात में डॉक्टर और पैरामेडिक्स की पढ़ाई और ट्रेनिंग की सुविधाएं भी बहुत अधिक बढ़ी हैं। राजकोट में एम्स जैसा बड़ा संस्थान बन रहा है। मेडिकल कॉलेजों की संख्या आज 30 से अधिक हो चुकी है।

प्राकृतिक खेती के लिए प्रशंसा की

उन्होंने कहा कि गुजरात में अपने सेवाकाल के दौरान हमारी सरकार ने बच्चों और महिलाओं के स्वास्थ्य और पोषण को सर्वोच्च प्राथमिकता दी। चिरंजीवी योजना के तहत पब्लिक-प्राइवेट भागीदारी सुनिश्चित करके, संस्थागत डिलिवरी को हमने एक व्यापक विस्तार दिया। उन्होंने प्राकृतिक खेती को अपनाने के लिए डांग जिले और दक्षिण गुजरात की भी प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि मातृभाषा में शिक्षा, यहां तक ​​कि मेडिकल और इंजीनियरिंग जैसे तकनीकी पाठ्यक्रमों के लिए भी ओबीसी, आदिवासी बच्चों के लिए अवसर खुलेंगे। उन्होंने वन बंधु योजना के नए चरण को लागू करने के लिए राज्य सरकार की भी प्रशंसा की। पीएम मोदी ने कहा कि हम समग्र, समावेशी और समान विकास के लिए काम कर रहे हैं।

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