राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) ने रविवार को राजभवन ऑडिटोरियम में ‘‘साइबर एनकाउंटर्स’’ पुस्तक-परिचर्चा कार्यक्रम में प्रतिभाग किया

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राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) ने रविवार को राजभवन ऑडिटोरियम में ‘‘साइबर एनकाउंटर्स’’ पुस्तक-परिचर्चा कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। पुस्तक के लेखक डीजीपी अशोक कुमार, सहलेखक श्री ओ. पी. मनोचा के साथ ही अभिनव पाण्डे और पूजा मारवाह के संचालन में वर्तमान परिदृश्य में साइबर अपराधों की बढ़ती चुनौतियों के साथ ही पुस्तक के विभिन्न पहलुओं और वर्तमान में इसकी उपयोगिता के संबन्ध में चर्चा की। इस दौरान उन्होंने साइबर सुरक्षा से सम्बन्धित लोगों के विभिन्न प्रश्नों के उत्तर भी दिए।
इस अवसर पर राज्यपाल ने कहा कि यह पुस्तक वर्तमान परिदृश्य को देखते हुए बेहद महत्वपूर्ण विषय पर लिखी गई है। इसके द्वारा साइबर अपराध से बचने में पाठकों को मदद मिलेगी। उन्होंने विश्वास जताया कि ’’साइबर एनकाउंटर्स’’ पुस्तक साइबर अपराधों की रोकथाम की दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। राज्यपाल ने कहा कि साइबर अपराध वर्तमान समय में हम सब के सामने एक बड़ी चुनौती है और इसमें निरंतर कई लोग साइबर ठगी का शिकार बन रहे हैं। उन्होंने कहा कि हमें तकनीकी एवं इंटरनेट का इस्तेमाल सजगता के साथ करना चाहिए। उन्होंने कहा कि संसाधनों के विकास के साथ-साथ उनके खतरों के प्रति भी सचेत रहने की जरुरत है।
राज्यपाल ने कहा कि हमारे विभिन्न तंत्र साइबर सुरक्षा के क्षेत्र में गहनता से कार्य कर रहे हैं। हमारी पुलिस प्रणाली का कार्य बहुत चुनौतीपूर्ण है। पुलिस बल भौतिक और वर्चुअल चुनौतियों से निपटने के लिए सदैव कार्यशील रहते हैं। उन्होंने कहा कि हमारी पुलिस हर प्रकार के अपराध से निपटने के लिए पूर्णतः सक्षम है और वह सराहनीय कार्य कर रही है। साइबर अपराध से निपटना केवल पुलिस और कानून की ही जिम्मेदारी नहीं है बल्कि इसके लिए हर एक नागरिक की जागरूकता और सामूहिक प्रयास बहुत जरूरी हैं। उन्होंने कहा कि बुनियादी ढ़ांचें और अपनी प्रौद्योगिकी को उन्नत बनाने के साथ-साथ हर स्तर पर प्रशिक्षण से सजगता और जागरूकता लाए जाने की जरूरत है। स्कूल और कॉलेजों के साथ मिलकर शिक्षा में साइबर सुरक्षा के प्रति बच्चों को बताया जाना आवश्यक है।

          राज्यपाल ने कहा कि इस पुस्तक के माध्यम से साइबर सुरक्षा के क्षेत्र में जागरूकता लाने के लिए अच्छा प्रयास किया गया है इसके लिए उन्होंने डीजीपी अशोक कुमार और उनके सहयोगी श्री ओ. पी मनोचा के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा कि प्रयास किया जाय कि इस पुस्तक को अधिक से अधिक लोग पढ़ें और साइबर सुरक्षा के प्रति जागरूक रहें।  
         पुस्तक के लेखक डीजीपी श्री अशोक कुमार ने साइबर अपराध से जुड़ी अनेक घटनाओं की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि साइबर अपराध से बचाव के लिए हमें किस प्रकार सतर्क रहना चाहिए। साइबर अपराध और उससे पार पाने के लिए हमारे सामने क्या चुनौतियां हैं, इसकी भी उन्होंने जानकारी दी। इस अवसर पर विभिन्न स्कूल/कॉलेजों के छात्र-छात्राओं के अलावा अनेक गणमान्य लोग इस पुस्तक परिचर्चा में उपस्थित रहे। 

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