पॉजिटीव वेब : पलायन पर रोक के लिए लॉन्च हुई मुख्यमंत्री रोजगार योजना , योजना की विस्तृत जानकारी के लिए पूरा पढ़ें।। web news।।

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प्रदेश में रोजगार एवं स्वरोजगार के साधन सुलभ कराने हेतु एक नई पहल

राज्य समेकित सहकारी विकास परियोजना तथा गंगा गाय महिला डेरी योजनान्तर्गत 03 व 05 दुधारू पशुओं के क्रय हेतु 25 प्रतिशत अनुदान तथा नगरीय क्षेत्रों में आंचल मिल्क बूथ स्थापना हेतु 20 प्रतिशत अनुदान पर ऋण उपलब्ध कराया जा रहा है।

मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना के तहत 3 हजार दुग्ध उत्पादकों को कुल 10 हजार दुधारू पशु उपलब्ध कराए जाएंगे और 500 आंचल मिल्क बूथ स्थापित किए जाएंगे। इसके तहत राज्य समेकित सहकारी विकास परियोजना और गंगा गाय महिला डेरी योजना में दुधारू पशुओं को खरीदने पर 25 प्रतिशत अनुदान और शहरी क्षेत्रों में आंचल मिल्क बूथ स्थापित करने के लिए 20 प्रतिशत अनुदान पर ऋण उपलब्ध करवाया जा रहा है।

“ग्रामीण क्षेत्रों की अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करने हेतु ग्राम स्तर पर रोजगार के साधन उपलब्ध करना राज्य सरकार की प्राथमिकता है।गाँव में निवासरत ग्रामीणों तथा अन्य राज्यों से आये,राज्य के प्रवासियों के लिए सरकार द्वारा स्वरोजगार का उचित अवसर प्रदान किया जा रहा है। पशुपालन एवं दुग्ध उत्पादन के माध्यम से अपनी आजीविका चलाने हेतु राज्य सरकार की योजनाओं का अधिक से अधिक लाभ ले।”- त्रिवेन्द्र सिंह रावत, मुख्यमंत्री, उत्तराखण्ड

उक्त योजना का लाभ दुग्ध सहकारी समिति के सदस्यों को दिया जाएगा। जो व्यक्ति वर्तमान में दुग्ध सहकारी समिति का सदस्य न हो परंतु सदस्य बनने का इच्छुक हो, उन्हें भी योजनान्तर्गत लाभान्वित किया जाएगा। योजना के तहत क्रय किए जाने वाले दुधारू पशु राज्य के बाहर से क्रय किए जाएंगे, ताकि प्रदेश में पशुधन की वृद्धि हो।

योजना में 3 हजार दुग्ध उत्पादकों को कुल 10 हजार दुधारू पशु उपलब्ध कराए जाएंगे और 500 आंचल मिल्क बूथ स्थापित किए जाएंगे। योजना का लाभ लेने के लिए 01 जून से 15 जुलाई 2020 तक प्रबंधक/प्रधान प्रबंधक दुग्ध संघ कार्यालय में आवेदन किया जा सकता है।

योजना के मुख्य बिन्दु

◆योजना का लाभ दुग्ध सहकारी समिति सदस्यों को प्रदान किया जायेगा।
◆वह व्यक्ति जो कि वर्तमान में दुग्ध सहकारी समिति का सदस्य न हो परन्तु सदस्य बनने हेतु इच्छुक हो, उन्हे भी योजनान्तर्गत लाभान्वित किया जायेगा।
◆ योजनान्तर्गत क्रय किये जाने वाले दुधारू पशु राज्य के बाहर से क्रय किये जायेंगे, ताकि प्रदेश में पशुधन की वृद्धि हो सके।
◆3000 दुग्ध उत्पादकों को कुल 10000 दुधारू पशु उपलब्ध कराये जायेंगे।
◆500 आंचल मिल्क बूथ स्थापित किये जायेंगे।
ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं के सिर से चारे का बोझा हटाने तथा वर्षपर्यंत पोष्टिक व हरे चारे की उपलब्धता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से राज्य सरकार द्वारा साइलेज एवं पशु पोषण योजना प्रारंभ की गयी है जिसके अंतर्गत प्रदेश में गठित दुग्ध सहकारी समिति के सदस्यों को 50 प्रतिशत अनुदान पर साइलेज (मक्के का हरा चारा) उपलब्ध कराया जा रहा है। इसके अतिरिक्त राज्य सरकार द्वारा साइलेज के ढुलान पर होने वाले व्यय की धनराशि भी अनुदान के रूप में दी जा रही है।

इस योजना से प्रदेश के मैदानी तथा सुदूरवर्ती जनपदों में दुग्ध उत्पादकों को एक ही दर अर्थात रू 3.25 प्रति किलोग्राम की दर से उनके द्वार पर ही साइलेज की उपलब्धता सुनिश्चित कराई जा रही है। योजना से दुग्ध सहकारी समिति के लगभग 50 हजार पोरर सदस्यों को लाभान्वित किया जायेगा। योजना के सफलता पूर्वक संचालन से जहाँ एक ओर पशुओं के स्वास्थ्य में सुधार होगा वहीं दूसरी ओर दूध की गुणवत्ता में भी सुधार होने से दुग्ध उत्पादकों को अधिक मूल्य प्राप्त होगा।

आवेदन कैसे करें

योजना का लाभ लेने हेतु आवेदन पत्र दिनांक 01 जून 2020 से 15 जुलाई 2020 तक प्रबन्धक/प्रधान प्रबन्धक दुग्ध संघ कार्यालय से प्राप्त कर जमा किए जा सकते हैं।

डेरी विकास विभाग, उत्तराखण्ड योजना की विस्तृत जानकारी प्राप्त करने हेतु

जनपद के सहायक निदेशक डेरी, प्रबन्धक/प्रधान प्रबन्धक दुग्ध संघ अथवा मोबाइल नं. 9412929257, 9012220864 से सम्पर्क कर सकते हैं।

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