मध्य प्रदेश हिंदी भाषा में एमबीबीएस पाठ्यक्रम शुरू करने वाला देश का पहला राज्य बन गया है। गृह मंत्री अमित शाह ने आज भोपाल में चिकित्सा विज्ञान पर हिंदी में तैयार तीन पाठ्य पुस्तकों का विमोचन किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि देश के शिक्षा क्षेत्र में यह पुनर्निर्माण का क्षण है। अब हम अपनी भाषा में शिक्षा ग्रहण कर सकेंगे। उन्होंने कहा कि सोचने की प्रक्रिया मातृभाषा में शुरू होती है। भारतीय भाषाओं के सशक्तिकरण के क्षेत्र में यह महत्वपूर्ण कदम है। इससे विद्यार्थी अपनी भाषा में शिक्षा ग्रहण कर सकेंगे। हिंदी में लिखने की सुविधा मप्र आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय ने वर्ष 2018 में ही शुरू कर दी थी। इसके परिणाम अच्छे रहे हैं। इस साल एमबीबीएस प्रथम वर्ष में एनाटामी, फिजियोलाजी और बायोकेमेस्ट्री की हिंदी में भी पढ़ाई कराई जाएगी। आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय के तत्कालीन कुलपति डॉ. आर.एस शर्मा ने कहा कि कई विद्यार्थियों ने इस व्यवस्था की तारीफ की थी। एमबीबीएस के करीब 10 प्रतिशत विद्यार्थी हिंदी या फिर अंग्रेजी और हिंदी के मिले-जुले वाक्य परीक्षाओं में लिख रहे हैं। अब हिंदी में किताबें उपलब्ध होने पर विद्यार्थियों के लिए परीक्षा में लिखना और आसान हो जाएगा। नेशनल मेडिकल कमीशन की भी यह बाध्यता नहीं है कि उत्तर अंग्रेजी में ही लिखे जाएं।व् यापक अनुसंधान के बाद एमबीबीएस पाठ्यक्रम के प्रथम वर्ष की तीन पुस्तकों का हिंदी में अनुवाद किया गया है। 97 डॉक्टरों की टीम ने इस पर काम किया। लगभग 50 हजार विद्यार्थियों ने इस कार्यक्रम में योगदान दिया।