भारत सहित विश्व के कई भागों में साल 2022 का आखिरी और दूसरा चंद्र ग्रहण लगेगा। पूर्ण चंद्र ग्रहण देश के पूर्वी भागों में और आंशिक ग्रहण शेष राज्यों में नजर आएगा। भारत में चंद्र ग्रहण नजर आने के कारण सूतक काल मान्य होगा। जब सूर्य और चंद्रमा के बीच पृथ्वी आ जाती है तब चंद्र ग्रहण लगता है। आइए अब जानते हैं कि साल के आखिरी चंद्र ग्रहण का समय क्या होगा..?
9 घंटे पहले शुरू हुआ सूतक
साल का आखिरी चंद्र ग्रहण आज मंगलवार की शाम को लगेगा। इसका सूतक शुरू हो गया है। बताया जाता है कि चंद्र ग्रहण से 9 घंटे पहले ही इसका सूतक काल शुरू हो गया था। वहीं, ग्रहण को अशुभ माना जाता है, इसलिए इस दौरान मंदिरों के पट भी बंद रहेंगे और इसके समाप्त होने पर साफ-सफाई के बाद ही मंदिर खुलेंगे। मान्यता है कि ग्रहण के दौरान कोई भी शुभ कार्य नहीं किया जाता।
पूर्ण चंद्रग्रहण
वरिष्ठ मौसम वैज्ञानिक वेद प्रकाश सिंह के अनुसार मंगलवार को लगने वाला ग्रहण पूर्ण चंद्रग्रहण है। काफी हद तक यह दिखाई नहीं देगा, क्योंकि यह घटना चंद्र उदय के पहले की है। वैज्ञानिकों के अनुसार मध्य प्रदेश में चंद्र ग्रहण की शुरुआत और अंत का नजारा नहीं दिखेगा। बीच की स्थिति आने के बाद ही यह प्रदेश में नजर आएगा। मध्य प्रदेश में दोपहर दो बजकर 39 मिनट से शाम पौने चार बजे तक चंद्रग्रहण रहेगा। प्रदेश में सभी शहरों में लगभग समान समय पर नजर आएगा।
भारत में कहां किस अवस्था में दिखेगा चंद्र ग्रहण ?
भारत की पूर्व दिशा के शहरों में पूर्ण चंद्र ग्रहण और बाकी शहरों में आंशिक चंद्र ग्रहण दिखेगा। ग्रहण की शुरुआत दोपहर 2.38 बजे होगी और शाम को 4.23 से ईटानगर में चंद्रोदय के साथ ही ग्रहण दिखने लगेगा। ग्रहण 6.19 बजे खत्म हो जाएगा। अगला चंद्र ग्रहण 28 अक्टूबर 2023 को होगा, जो आंशिक रहेगा। भारत में यह चंद्र ग्रहण पूर्वी क्षेत्रों के शहरों में ईटानगर, कोलकाता, पटना, रांची और गुवाहाटी पूर्ण चंद्र ग्रहण लेगा। वहीं बाकी जगहों पर आंशिक चंद्र ग्रहण लेगा।
दुनिया के देशों में कहां दिखेगा चंद्रग्रहण ?
वहीं दुनिया के देशों में चंद्र ग्रहण उत्तरी-पूर्वी यूरोप, ऑस्ट्रेलिया, उत्तरी अमेरिका, दक्षिणी अमेरिका के अधिकांश हिस्से, पेसिफिक, अटलांटिक, हिंद महासागर और आर्कटिक और अंटार्कटिका के क्षेत्रों में भी दिखाई देगा।
साल 2023 में कब और कितने ग्रहण ?
आज साल का दूसरा और आखिरी चंद्रग्रहण है। इसके बाद अगले साल में चार ग्रहण पड़ेंगे। 20 अप्रैल को सूर्य ग्रहण होगा, फिर 05 मई 2023 को उपच्छाया चंद्र ग्रहण होगा। इसके बाद 14 अक्टूबर को सूर्य ग्रहण और 28 अक्टूबर को आंशिक चंद्र ग्रहण देखने को मिलेगा।
चंद्र ग्रहण कितने प्रकार के होते हैं ?
- पूर्ण चंद्र ग्रहण
पूर्ण चंद्र ग्रहण जैसे की इसके नाम से स्पष्ट होता है कि चंद्रमा का पूरी तरह से ग्रहण। पूर्ण चंद्र ग्रहण की घटना तब होती है जब पृथ्वी, सूर्य और चंद्रमा के बीच में एक सीधी रेखा में आ जाती है। इस वजह से पृथ्वी की परछाई से चंद्रमा पूरी तरह से ढक जाता है। जिसकी वजह से चंद्रमा पूरी तरह से काला हो जाता है। इसी को पूर्ण चंद्र ग्रहण कहते हैं। - आंशिक चंद्र ग्रहण
आंशिक चंद्र ग्रहण की घटना तब होती है जब पृथ्वी की परछाईं चंद्रमा के पूरे भाग को नहीं ढक पाती है। इस दौरान चंद्रमा के हिस्से में अंधेरा जैसा प्रतीत होता है। - उपछाया चंद्रग्रहण
उपछाया चंद्रग्रहण के दौरान पृथ्वी की छाया चंद्रमा के बाहरी हिस्से में ही पड़ती है। इससे चंद्रमा सिर्फ थोड़ा सा धुंधला सा हो जाता है। इसी को उपछाया चंद्रग्रहण कहते हैं।