एक बैंकर जो लोगों की सहायता के साथ-साथ समाज में ला रहीं अभूतपूर्व बदलाव

National News

हमारे आस-पास ऐसे कई लोग होते हैं जो निस्वार्थ भाव से समाज और देश की सेवा के लिए हमेशा तत्पर रहते हैं। लोगों की सहायता करना उनके स्वभाव में होता है। ऐसी ही एक शख्सियत से आज हम आपको रूबरू करवा रहे हैं जिनका नाम है अमृता फडणवीस। अमृता फडणवीस एक बेहतरीन सिंगर के साथ-साथ पेशे से बैंकर हैं। वे बैंकिंग के अलावा दिव्यज फाउंडेशन नाम की संस्था चलाती हैं जिससे लोगों की सहायता की जा सके।

दिव्यज फाउंडेशन का लक्ष्य

अमृता फडणवीस का मानना है कि आज के समय में स्त्रियां काफी महत्वाकांक्षी है, वो जीवन में कुछ कर दिखाना चाहती हैं। वो एक साथ कई जिम्मेदारियों का निर्वहन करने में सक्षम हैं लेकिन इन जिम्मेदारियों के अलावा हमारी समाज के प्रति भी कुछ जिम्मेदारियां होती हैं, जिसके बारे में हमें ध्यान देना चाहिए। वो कहती हैं कि जिस विश्व में हम रह रहें हैं उसमें हर किसी की खुशी मायने रखती है। इसी उद्देश्य के साथ अमृता ने दिव्यज फाउंडेशन की शुरूआत की।

‘सक्षमा’ से कर रही हैं एसिड अटैक पीड़ितों की मदद

अमृता कहती हैं कि अभी तक उन्होनें जितने भी एसिड अटैक पीड़ितों से मुलाकात की है, उनका अनुभव रहा है कि एसिड अटैक पीड़ितों को सहानुभूति की नहीं बल्कि हमारे साथ की जरूरत होती है। दिव्यज फाउंडेशन की तरफ से शुरू किया गया ‘सक्षमा’ कार्यक्रम एसिड अटैक पीड़ितों की मदद के लक्ष्य से शुरू किया गया है। इसमें फाउंडेशन की तरफ से विक्टिमों को आर्थिक सहायता, मानसिक परामर्श, उनके आवास की व्यवस्था, उनकी नौकरी या अगर कोई अपना व्यवसाय शुरू करना चाहते हैं तो इसमें उनकी मदद की जाती है। एसिड अटैक पीड़ितो के लिए इस पहल को काफी सराहा जा रहा है।

‘मिट्टी के सितारे’

अपने निजी जीवन के साथ सामाजिक बदलाव की सोच को आगे बढ़ाते हुए अमृता बच्चों के लिए ‘मिट्टी के सितारे’ कार्यक्रम भी चलाती हैं। अमृता बताती हैं कि मिट्टी के सितारे कार्यक्रम की सोच उन्हें एक बच्ची से आई, जिसे वो अपने दोस्त के यहां मिली थी। दिव्यज फाउंडेशन की तरफ से शुरू किया गया यह एक ऐसा प्रोजेक्ट है जिसमें उभरते कलाकारों को भी मंच मुहैया कराया जाता है।

कोविड के दौरान दिव्यज फाउंडेशन की पहल

कोविड के दौरान दिव्यज फाउंडेशन का प्रयास काफी सराहनीय रहा और फाउंडेशन ने लोगों की हरसंभव मदद की। कोविड की पहली लहर के दौरान फाउंडेशन ने 5 लाख लोगों को जरूरत की सामग्री बांटी। जिन लोगों को दवाईयों की जरूरत थी, उन्हें दवाईयां दी। कई लोगों के हॉस्पिटल का खर्चा भी उठाया साथ ही ब्लड और प्लाज्मा डोनेशन कैम्प भी लगवाए।

‘आदर्श ग्राम योजना’

गांवों को मॉडल के रूप में शुरू की गई इस योजना का लक्ष्य किसी भी गांव को गोद लेकर उस गांव में बुनियादी ढांचे का विकास करना है। इस योजना के तहत फाउंडेशन ने अभी तक दो गांवो को गोद लिया है जिसमें से एक गांव आदर्श ग्राम बन भी गया है, जबकि दूसरे में विकास कार्य जारी है।

समाज के लिए संदेश

अमृता फडणवीस लोगों को सोहनलाल द्विवेदी की दो पंक्तियों के साथ अपना संदेश देना चाहती हैं कि लोग हमेशा इस पंक्ति को याद रखें

“लहरों से डरकर नौका पार नहीं होती ,

कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती”

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *