जानें क्या है 3टी, देश के विकास के लिए हैं महत्वपूर्ण

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देश के विकास में कई छोटे-बड़े स्तंभ मजबूती से खड़े हुए हैं। इन स्तंभों को और मजबूत करने में आम आदमी के साथ ही केंद्र सरकार की ओर से कई प्रयास किए जा रहे हैं। ऐसे में अमृतकाल में यानि 2047 तक भारत को एक विकसित राष्ट्र बनने के लिए सामूहिक संकल्प की जरूरत है, जो अपने-अपने क्षेत्र में आत्मनिर्भरता हासिल कर इस विजन को सार्थक करने में योगदान दे सकते हैं।

इस बीच केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि अगर भारत को 100 साल की उम्र में एक विकसित राष्ट्र बनना है, तो इसमें विदेशी व्यापार एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। इस दौरान उन्होंने कहा कि अब सरकार का 3टी पर यानि ट्रेड, टेक्नोलॉजी और टूरिज्म- 3टी पर फोकस है। आइए अब नजर डालते हैं,  3टी के क्षेत्र में देश की क्या स्थिति है।

ट्रेड

पिछले कुछ साल से केंद्र सरकार का निर्यात पर विशेष ध्यान है, जिसका साल 2047 तक भारत को एक विकसित देश बनाने में महत्वपूर्ण योगदान होगा। केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल के मुताबिक पहली बार हम 675 अरब डॉलर का निर्यात हासिल करने में सफल रहे। अब हम 2030 तक 675 बिलियन अमेरिकी डॉलर से 2 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर तक निर्यात करने की इच्छा रखते हैं।

दरअसल, आत्मनिर्भर भारत और मेक इन इंडिया इसी दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। कृषि, फार्मास्यूटिकल और चिकित्सा उपकरण, खिलौना, इंजीनियरिंग सामान, रत्न और आभूषण, रासायनिक और संबद्ध उत्पाद, वस्त्र और संबंधित उत्पाद, पेट्रोलियम क्रूड और संबद्ध उत्पाद, कृषि और संबद्ध उत्पाद, इलेक्ट्रॉनिक सामान, खिलौने जैसे कई क्षेत्र हैं, जो भारत से विकसित समेत कई देश में निर्यात किए जाते हैं। हाल ही में पीएम मोदी ने बताया कि पहले भारत सिर्फ 300-400 करोड़ रुपये के खिलौनों का निर्यात करता था, जो आज यह बढ़कर 2600 करोड़ रुपये पर पहुंच गया है। इसी तरह भारत अन्य निर्यात क्षेत्रों में आगे बढ़ रहा है। उल्लेखनीय है कि इससे पहले एक कार्यक्रम में गोयल ने कहा था कि संचालन अनुसंधान, कृत्रिम बुद्धिमत्ता, स्वचालन और अन्य तकनीक भारत को एक विकसित देश बनाने के लिए परिवर्तनकारी परिवर्तन के प्रमुख स्तंभ हो सकते हैं।

टेक्नोलॉजी

भारत आज दुनिया को दिखा रहा है कि टेक्नोलॉजी को अपनाने में, उससे जुड़ने में वो किसी से भी पीछे नहीं हैं। आज के समय तकनीक कैसे जीवन को बड़े पैमाने पर बदल रही है हम सब देख रहे हैं। हर क्षेत्र में हम टेक्नोलॉजी का प्रयोग कर रहे हैं। डिजिटल पेमेंट में देशवासी हर महीने रिकॉर्ड बना रहे हैं। देश में 6 लाख करोड़ रुपए डिजिटली लेनदेन हुआ है। पूरी दुनिया देख रही है-कैसे भारत में टेक्नोलॉजी पारदर्शिता और ईमानदारी ला रही है। जब दुनिया के बड़े बड़े देश परेशान थे कि लॉकडाउन में कैसे अपने गरीबों की मदद करें। लेकिन भारत के पास एक पूरी व्यवस्था तैयार थी।

–अगर टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में उपलब्धियों पर गौर करें तो वित्त वर्ष 2021 में एक ट्रिलियन से अधिक मूल्य का डिजिटल लेनदेन हुआ।

–भारत नेट के तहत देश में 5.67 लाख किमी ऑप्टिकल फाइबर केबल बिछाई गई है।

–2014-2021 के बीच देश में इंटरनेट कनेक्शन में 231 % की वृद्धि हुई है।

–इसरो ने पीएसएलवी के एक ही उड़ान में रिकॉर्ड 104 उपग्रह  प्रक्षेपित किए गए।

–पहले ही प्रयास में मंगलयान की कक्षा में प्रवेश करने वाला पहला देश है भारत।

हाल ही में पीएम मोदी ने कहा था कि देश में डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर और डिजिटल ट्रांजेक्शन के लिए जो काम पिछले 6-7 वर्षों में हुआ है, उसका लोहा आज दुनिया मान रही है। खासतौर पर भारत में फिनटेक का बहुत बड़ा आधार तैयार हुआ है। देशवासियों के पॉजिटिव माइंडसेट, FinTech Solutions को आत्मसात करने की उनकी क्षमता भी असीम है। इसलिए ये आज भारत के युवाओं, भारत के स्टार्टअप इकोसिस्टम के लिए भी बेहतरीन मौका है। भारत के स्टार्टअप के लिए फिनटेक में अनेकों संभावनाएं हैं।

टूरिज्म

पर्यटन आज दुनिया का सबसे बड़ा उद्योग बनकर उभरा है। पर्यटन   क्षेत्र   देश   की   आर्थिक   संवृद्धि   और   रोजगार   सृजन   में   महत्वपूर्ण   भूमिका   निभाता   है।   पर्यटन   देश   का   वृहद   सेवा   उद्योग   है।  पर्यटन क्षेत्र का भारत  की जीडीपी में भी महत्वपूर्ण स्थान है। ऐसे में भारत की प्राकृतिक, सांस्कृतिक एवं ऐतिहासिक धरोहर, उसे पर्यटन की दृष्टि से और महत्वपूर्ण क्षेत्र बनाती है। आज भारत विभिन्न श्रेणी के पर्यटन के लिए जाना जाता है, जैसे कि साहसिक पर्यटन, चिकित्सा पर्यटन, पारिस्थितिकी पर्यटन, ग्रामीण पर्यटन आदि। देश में पर्यटकों को लुभाने के लिए वीजा, हवाई सेवा से लेकर तमाम इंफ्रास्ट्रक्चर मजबूत किया जा रहा है। हाल ही में पीएम मोदी ने विदेशी धरती पर प्रवासी भारतीयों के लिए चलो इंडिया का नारा दिया। इसके तहत भारतीय प्रवासियों से यूरोपीय राष्ट्र के पांच नागरिकों को हर साल भारत की यात्रा करने के लिए मनाने का आग्रह किया। स्थानीय पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए ‘स्वदेश दर्शन’ और ‘प्रसाद’ योजना भी काफी लोकप्रिय हैं।

पर्यटन क्षेत्र में 2016 से 2019 तक विदेशी मुद्रा आय 7% की CAGR से बढ़ी लेकिन 2020 में COVID-19 महामारी के कारण इसमें भारी गिरावट दर्ज की गई। जबकि वित्त वर्ष 2020 में, भारत में 39 मिलियन नौकरियां पर्यटन क्षेत्र पर आधारित थी, जो देश में कुल रोजगार का 8.0% था। 2029 तक, यह लगभग 53 मिलियन नौकरियों के लिए जिम्मेदार होने की उम्मीद है।

बता दें, वर्ल्ड ट्रैवल एंड टूरिज्म काउंसिल (WTTC) में, भारत 2019 में सकल घरेलू उत्पाद में यात्रा और पर्यटन के कुल योगदान के मामले में 185 देशों में 10वें स्थान पर है। 2019 के दौरान, सकल घरेलू उत्पाद में यात्रा और पर्यटन का योगदान कुल अर्थव्यवस्था का 6.8% था, जो करीब 13,68,100 करोड़ रुपए यानि $194.30 अरब डॉलर के बराबर था।

साल 2021 में भारत में कुल 8,56,337 पर्यटक भारत भ्रमण के लिए आए थे। वित्त वर्ष 2020 में, भारत में 39 मिलियन नौकरियां पर्यटन क्षेत्र पर आधारित थी, जो देश में कुल रोजगार का 8.0% था।

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