भारत में मंकीपॉक्स के चार मरीजों की पुष्टि होने के बाद लोगों में इसे लेकर चिंता बढ़ गई है। इस बीच नीति आयोग के विशेषज्ञ डॉ. वीके पॉल का कहना है कि लोगों को इससे डरने की जरूरत नहीं है। यह कोरोना की तरह तेजी से नहीं फैलता। इससे सावधान रहने की जरूरत है।
लोगों का सहयोग जरूरी
दरअसल, विशेषज्ञों का मानना है कि यह कोरोना की तरह संक्रामक नहीं है। इसलिए घबराने की जरूरत नहीं। ऐसे में नीति आयोग के विशेषज्ञ डॉ. वीके पॉल ने कहा कि लोगों को अपनी जिम्मेदारी समझनी होगी और इसके लक्षण महसूस होते ही चिकित्सीय सलाह लेकर खुद को एकांतवास में कर लेना चाहिए। इसका इलाज आसानी से हो सकता है, बशर्तें लोग इसके लिए तैयार हों। केन्द्र सरकार इस संक्रमण को रोकने के लिए सभी उपाय कर रही है। इसमें लोगों का भी सहयोग जरूरी है।https://platform.twitter.com/embed/Tweet.html?dnt=true&embedId=twitter-widget-0&features=eyJ0ZndfdHdlZXRfZWRpdF9iYWNrZW5kIjp7ImJ1Y2tldCI6Im9mZiIsInZlcnNpb24iOm51bGx9LCJ0ZndfcmVmc3JjX3Nlc3Npb24iOnsiYnVja2V0Ijoib2ZmIiwidmVyc2lvbiI6bnVsbH0sInRmd190d2VldF9yZXN1bHRfbWlncmF0aW9uXzEzOTc5Ijp7ImJ1Y2tldCI6InR3ZWV0X3Jlc3VsdCIsInZlcnNpb24iOm51bGx9LCJ0Zndfc2Vuc2l0aXZlX21lZGlhX2ludGVyc3RpdGlhbF8xMzk2MyI6eyJidWNrZXQiOiJpbnRlcnN0aXRpYWwiLCJ2ZXJzaW9uIjpudWxsfSwidGZ3X2V4cGVyaW1lbnRzX2Nvb2tpZV9leHBpcmF0aW9uIjp7ImJ1Y2tldCI6MTIwOTYwMCwidmVyc2lvbiI6bnVsbH0sInRmd19kdXBsaWNhdGVfc2NyaWJlc190b19zZXR0aW5ncyI6eyJidWNrZXQiOiJvZmYiLCJ2ZXJzaW9uIjpudWxsfSwidGZ3X3VzZXJfZm9sbG93X2ludGVudF8xNDQwNiI6eyJidWNrZXQiOiJmb2xsb3ciLCJ2ZXJzaW9uIjpudWxsfSwidGZ3X3R3ZWV0X2VkaXRfZnJvbnRlbmQiOnsiYnVja2V0Ijoib2ZmIiwidmVyc2lvbiI6bnVsbH19&frame=false&hideCard=false&hideThread=false&id=1552177188291883009&lang=en&origin=https%3A%2F%2Fnewsonair.com%2Fhindi%2F2022%2F07%2F27%2Fdont-be-afraid-of-monkeypox-be-careful-dr-vk-paul%2F&sessionId=fd7fa2c87b42ff1b3174f5b4c540e86ee32feff2&theme=light&widgetsVersion=6da0b7085cc99%3A1658260301864&width=550px
मंकीपॉक्स के लक्षण
मंकीपॉक्स संक्रमण का इनक्यूबेशन पीरियड यानि संक्रमण होने से लक्षणों की शुरुआत तक आमतौर पर 6 से 13 दिनों का होता है, हालांकि कुछ लोगों में यह 5 से 21 दिनों तक भी हो सकता है। अगर लक्षण पर के बारे में बात करें तो..
– मंकीपॉक्स शुरुआत में खसरा, चेचक और चिकन पॉक्स की तरह दिखता है।
– शरीर पर चेहरे से शुरू होकर दाने या फफोला के रूप में फैलता है।
-संक्रमित व्यक्ति को बुखार, सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द, पीठ दर्द, सूजन, ठंड लगना, थकावट, खुजली की समस्या होना, निमोनिया के लक्षण और फ्लू और गंभीर कमजोरी का अनुभव हो सकता है।
–लिम्फैडेनोपैथी यानि लिम्फ नोड्स की सूजन की समस्या को सबसे आम लक्षण माना जाता है।
–इसके अलावा रोगी के चेहरे और हाथ-पांव पर बड़े आकार के दाने हो सकते हैं।
–कुछ गंभीर संक्रमितों में यह दाने आंखों के कॉर्निया को भी प्रभावित कर सकते हैं।
स्वास्थ्य मंत्रालय की गाइडलाइन
मंकीपॉक्स को गंभीरता से लेते हुए केंद्र सरकार भी सतर्क है। किसी भी तरह के अफवाह और पैनिक से बचने के लिए केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कुछ गाइडलाइंस जारी की है। इसके तहत सभी राज्यों को सर्विलांस टीम गठित करने के साथ गहन निगरानी के दिशा-निर्देश दिए गए हैं। गाइडलाइन में कहा गया है कि अगर किसी व्यक्ति में मंकीपॉक्स के लक्षण नजर आते हैं, तो सबसे पहले लैब में टेस्टिंग होगी। उसके बाद ही इस बात की पुष्टि की जाएगी कि वह व्यक्ति मंकीपॉक्स से संक्रमित है। मंकीपॉक्स के लिए डीएनए टेस्टिंग और आरटीपीसीआर मान्य होंगे। राज्य और जिलों में सामने आने वाले मामले के इंटीग्रेटेड डिजीज सर्विलेंस प्रोग्राम के तहत ICMR NIB के पुणे स्थित लैब में जांच के लिए सैंपल भेजे जाएंगे। साथ ही सतर्कता बरतने को कहा गया है।