चिकित्सा के क्षेत्र में भारत उन अग्रणी देशों में शामिल है,जहां गुणवत्तापूर्ण, उच्च और सस्ता इलाज उपलब्ध है। यही वजह है कि दूसरे देश के नागरिक भी अक्सर इलाज के लिए भारत को ही पहले प्राथमिकता देते हैं। ऐसे में केंद्र सरकार का फोकस है कि भारत वैश्विक स्तर पर मेडिकल और वेलनेस (चिकित्सा के क्षेत्र में) के क्षेत्र में एक ब्रांड के रूप में विकसित हो। इसी वजह से सरकार ने इलाज के लिए भारत आने वाले विदेशी लोगों को ई-मेडिकल वीजा की सुविधा दे रही है। इसकी वजह से देश में मेडिकल टूरिज्म को भी बढ़ावा मिल रहा है। मेडिकल टूरिज्म के तहत ही अब तक 156 देशों के नागरिकों के लिए ई-मेडिकल वीजा सुविधा प्रदान की गई है।
156 देश के नागरिकों को ई-मेडिकल वीजा
दरअसल, पर्यटन मंत्रालय देश के विकास में तेजी लाने की क्षमता वाले महत्वपूर्ण क्षेत्रों की पहचान और उन्हें बढ़ावा दे रहा है। ऐसे में मेडिकल वैल्यू ट्रेवल एंड वेलनेस (हेल्थ) टूरिज्म को मान्यता देते हुए भारत को एक मेडिकल और वेलनेस टूरिस्ट डेस्टिनेशन (चिकित्सा और कल्याण पर्यटन स्थल) के रूप में बढ़ावा देने के लिए कई कदम उठाए हैं। इसी के तहत ‘मेडिकल वीजा’ की भी शुरुआत की गई है, जिसे चिकित्सा उपचार को लेकर भारत आने वाले विदेशी यात्रियों को विशिष्ट उद्देश्य के लिए प्रदान किया जा सकता है। भारत सरकार, देश में चिकित्सा पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए 156 देशों के नागरिकों को ई-मेडिकल वीजा सुविधा प्रदान कर रही है। जहां के नागरिक भारत में इलाज के लिए आ रहे हैं।
मेडिकल टूरिज्म के लिए रणनीति और रोडमैप तैयार
पर्यटन मंत्रालय ने भारत को चिकित्सा और कल्याण पर्यटन स्थल के रूप में बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार के मंत्रालयों, राज्य सरकारों और निजी क्षेत्र के बीच एक मजबूत ढांचा व समन्वय स्थापित करने को लेकर चिकित्सा एवं कल्याण पर्यटन के लिए एक राष्ट्रीय रणनीति और रोडमैप तैयार किया है।
पर्यटन मंत्रालय की रणनीति:
–भारत के लिए एक कल्याण स्थल के रूप में एक ब्रांड विकसित करना
–चिकित्सा और स्वास्थ्य पर्यटन के लिए इकोसिस्टम को मजबूत बनाना
–ऑनलाइन मेडिकल वैल्यू ट्रैवल (एमवीटी) पोर्टल स्थापित करके डिजिटलाइजेशन को सक्षम करना
–चिकित्सा मूल्य यात्रा के लिए पहुंच में बढ़ोतरी करना
–कल्याण पर्यटन को बढ़ावा देना
–शासन और संस्थागत ढांचा
राष्ट्रीय चिकित्सा और कल्याण पर्यटन बोर्ड का गठन
वहीं देश में मेडिकल टूरिज्म को बढ़ावा देने के पर्यटन मंत्रालय ने पर्यटन मंत्री की अध्यक्षता में एक राष्ट्रीय चिकित्सा और कल्याण पर्यटन बोर्ड का गठन किया है। इसके अलावा पर्यटन मंत्रालय अपनी जारी गतिविधियों के तहत देश के विभिन्न पर्यटन स्थलों और उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए ‘अतुल्य भारत’ ब्रांड-लाइन के तहत विदेशों के महत्वपूर्ण व संभावित बाजारों में वैश्विक प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक और ऑनलाइन मीडिया अभियान संचालित करता है। मेडिकल टूरिज्म की विषयवस्तु सहित विभिन्न विषयों पर मंत्रालय के सोशल मीडिया अकाउंटों के जरिए नियमित रूप से डिजिटल प्रचार भी किए जाते हैं।
वित्तीय सहायता प्रदान कर रही सरकार
पर्यटन मंत्रालय मार्केटिंग विकास सहायता योजना के तहत एनएबीएच (अस्पताल और स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं के लिए राष्ट्रीय प्रत्यायन बोर्ड) की ओर से मान्यता प्राप्त चिकित्सा पर्यटन सेवा प्रदाताओं को चिकित्सा,पर्यटन मेलों, चिकित्सा सम्मेलनों, कल्याण सम्मेलनों, स्वास्थ्य मेलों और संबद्ध रोड शो में हिस्सा लेने के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करता है। पिछले चार वित्तीय वर्षों के दौरान मार्केटिंग सहायता योजना के तहत कल्याण पर्यटक सेवा प्रदाताओं और चिकित्सा सेवा प्रदाताओं को 17,70,499 रुपये की वित्तीय सहायता जारी की गई है।
कोविड-19 के प्रभाव को कम करने को लेकर सरकार ने देश में पर्यटन क्षेत्र को फिर से पटरी पर लाने के लिए विभिन्न उपायों की घोषणा की है, जिसमें मेडिकल और वेलनेस टूरिज्म शामिल हैं।
क्या है मेडिकल टूरिज्म
मेडिकल टूरिज्म यानि चिकित्सा पर्यटन तब होता है, जब कोई व्यक्ति चिकित्सा देखभाल के लिए दूसरे देश की यात्रा करता है। हर साल, लाखों विदेशी चिकित्सा पर्यटन के लिए भारत आते हैं। भारत में सस्ते लेकिन गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा के लिए कई विकसित देश के मरीज भी भारत का रुख कर रहे हैं। भारत में चिकित्सा सेवा की लागत पश्चिमी देशों की तुलना में लगभग 30 प्रतिशत कम है और दक्षिण पूर्व एशिया में सबसे सस्ता है। चिकित्सा पर्यटन के लिए आज भारत को सही जगह माना जा रहा है, जहां स्वास्थ्य लाभ के अलावा खूबसूरत जगहों का भ्रमण भी किया जा सकता है।