विश्व फार्मेसी के रूप में उभरता भारत आज मेडिकल टूरिज्म (Medical Tourism ) के क्षेत्र में भी तेजी से आगे बढ़ रहा है। मेडिकल टूरिज्म के क्षेत्र में भारत दुनिया में प्रमुख डेस्टिनेशन के रूप में उभरा है। पिछले एक दशक में औसतन हर रोज 860 से ज्यादा विदेशी पर्यटक चिकित्सा कारणों से भारत पहुंचे हैं। दुनिया भर में करीब एक करोड़ से ज्यादा लोग इलाज के लिए किसी न किसी मेडिकल सपोर्ट के लिए दूसरे देश की यात्रा करते हैं। मेडिकल टूरिज्म के मामले में 41 देशों की सूची में भारत फिलहाल पांचवें नंबर है लेकिन एशियाई देशों में चिकित्सा पर्यटन के लिहाज से भारत टॉप पर है।
भारत में बढ़ रहा मेडिकल टूरिज्म ( Medical Tourism )
अगर दुनिया भर में विदेशी पर्यटकों से आय होती है, तो उसका बड़ा हिस्सा मेडिकल टूरिज्म से आता है और ऐसे में भारत में 2014 में देखें तो 1.39 लाख से ज्यादा मरीज इलाज के लिए आए थे। वहीं 2019 के आंकड़ों के मुताबिक यह आंकड़ा 7 लाख तक पहुंच चुका है। हालांकि साल 2020 और 21 में कोरोना और लॉकडाउन की वजह से सभी तरह के वीजा कैंसिल होने से ये संख्या कम हुई। लेकिन इसमें एक बार फिर तेजी देखी जा रही है। यानि कह सकते हैं कि भारत मेडिकल टूरिज्म में हावी हो रहा है। कोरोना काल के बाद ये आंकड़ा और बढ़ने की संभावना है, इसी के तहत अब सरकार ने भी इस दिशा में योजनाएं बनानी शुरू कर दी है। हाल ही में गुजरात में हुए ग्लोबल आयुष इन्वेस्टमेंट और इनोवेशन समिट में पीएम मोदी ने भी भारत को दुनिया के कई देशों के लिए एक बहुत ही आकर्षक डेस्टिनेशन बताया।
मेडिकल टूरिज्म में इन्वेस्टमेंट की संभावनाएं
पीएम मोदी ने कहा कि हम देख रहे हैं कि आज भारत मेडिकल टूरिज्म के लिए, दुनिया के कई देशों के लिए एक बहुत ही आकर्षक डेस्टिनेशन बना है। उस बात को ध्यान में रखते हुए मेडिकल टूरिज्म के इस सेक्टर में इन्वेस्टमेंट की बहुत संभावनाएं हैं। हमने देखा है कि किस तरह केरल के टूरिज्म को बढ़ाने में ट्रेडिशनल मेडिसिन ने मदद की। ये सामर्थ्य पूरे भारत में है, भारत के हर कोने में है। ‘Heal in India’ इस दशक का बहुत बड़ा ब्रैंड बन सकता है। आयुर्वेद, यूनानी, सिद्धा आदि विद्याओं पर आधारित वेलनेस सेंटर बहुत प्रचलित हो सकते हैं। देश में तेजी से विकसित हो रहा आधुनिक कनेक्टिविटी इंफ्रास्ट्रक्चर इसको और अधिक मदद करेगा। जो विदेशी नागरिक, जैसा मैंने कहा कि आज हेल्थ टूरिज्म के लिए भारत एक आकर्षक डेस्टिनेशन बन रहा है, तो जब विदेशी नागरिक भारत में आकर आयुष चिकित्सा का लाभ लेना चाहते हैं, उनके लिए सरकार एक और पहल कर रही है। शीघ्र ही, भारत एक विशेष आयुष वीजा कैटेगरी शुरू करने जा रही है। इससे लोगों को आयुष चिकित्सा के लिए भारत आने-जाने में सहूलियत होगी।
क्या है मेडिकल टूरिज्म
मेडिकल टूरिज्म यानि चिकित्सा पर्यटन तब होता है, जब कोई व्यक्ति चिकित्सा देखभाल के लिए दूसरे देश की यात्रा करता है। हर साल, लाखों विदेशी चिकित्सा पर्यटन के लिए भारत आते हैं। भारत में सस्ते लेकिन गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा के लिए कई विकसित देश के मरीज भी भारत का रुख कर रहे हैं। भारत में चिकित्सा सेवा की लागत पश्चिमी देशों की तुलना में लगभग 30 प्रतिशत कम है और दक्षिण पूर्व एशिया में सबसे सस्ता है। चिकित्सा पर्यटन के लिए आज भारत को सही जगह माना जा रहा है, जहां स्वास्थ्य लाभ के अलावा खूबसूरत जगहों का भ्रमण भी किया जा सकता है।
राष्ट्रीय चिकित्सा एवं स्वास्थ्य पर्यटन बोर्ड
हाल ही में पर्यटन मंत्री जी. किशन रेड्डी ने बताया कि मंत्रालय ने चिकित्सा एवं स्वास्थ्य पर्यटन के लिए एक राष्ट्रीय रणनीति और रोडमैप तैयार किया है। दरअसल, भारत को एक प्रमुख चिकित्सा एवं स्वास्थ्य पर्यटन स्थल के रूप में बढ़ावा देने के कार्य में केंद्र सरकार के मंत्रालयों, राज्य सरकारों तथा निजी क्षेत्र के बीच एक मजबूत ढांचा और तालमेल विकसित करने हेतु पर्यटन मंत्रालय ने चिकित्सा एवं स्वास्थ्य पर्यटन के लिए एक राष्ट्रीय रणनीति और रोडमैप तैयार किया है।
चिकित्सा पर्यटन को बढ़ावा देने के उद्देश्य को और आगे बढ़ाने में समर्पित संस्थागत ढांचा प्रदान करने के लिए पर्यटन मंत्रालय ने पर्यटन मंत्री की अध्यक्षता में एक राष्ट्रीय चिकित्सा एवं स्वास्थ्य पर्यटन बोर्ड का गठन किया है।
‘ई-मेडिकल वीजा’ और ‘ई-मेडिकल अटेंडेंट वीजा‘
इसके अलावा ‘मेडिकल वीजा’ की शुरुआत की गई है, जो चिकित्सा उपचार के लिए भारत में आने वाले विदेशी यात्रियों को विशिष्ट उद्देश्य के लिए दिया जा सकता है। 156 देशों में सुविधा के लिए ‘ई-मेडिकल वीजा’ और ‘ई-मेडिकल अटेंडेंट वीजा’ भी प्रारंभ किए गए हैं।
पर्यटन मंत्रालय विभिन्न पहल के जरिये चिकित्सा या पर्यटन मेलों, चिकित्सा सम्मेलनों, स्वास्थ्य सम्मेलनों, स्वास्थ्य मेलों और संबद्ध रोड शो में भाग लेने के लिए अस्पतालों तथा स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं के राष्ट्रीय प्रत्यायन बोर्ड (एनएबीएच) द्वारा मान्यता प्राप्त चिकित्सा पर्यटन सेवा प्रदाताओं को बाजार विकास सहायता योजना के तहत वित्तीय सहायता प्रदान करता है।
“हील इन इंडिया” ब्रांड के तहत बढ़ावा
देश में चिकित्सा पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए पर्यटन मंत्रालय ने चिकित्सा एवं निरोगता पर्यटन के लिए एक राष्ट्रीय कार्यनीति एवं रोडमैप तैयार किया है।
इस कार्यनीति दस्तावेज में “हील इन इंडिया” ब्रांड के तहत चिकित्सा एवं निरोगता पर्यटन गंतव्य के रूप में भारत की मार्केटिंग की परिकल्पना की गई है। “हील इन इंडिया” अभियान के तहत ब्रांड इंडिया के संवर्धन के लिए एकीकृत संप्रेषण कार्यनीति तैयार की जाएगी और उद्योग जगत के साथ साझेदारी में निष्पादित की जाएगी। इसका मंत्रालय के सभी डिजिटल प्लेटफॉर्म पर तथा वैश्विक मीडिया अभियानों में अतुल्य भारत के उप ब्रांड के रूप में संवर्धन किया जाएगा।
अस्पताल चयन के अधिक विकल्प पर जोर
मेडिकल टूरिस्ट बढ़ाने के लिए पर्यटन मंत्रालय जेसीआई के अंतरराष्ट्रीय मानकों के तहत अस्पतालों की संख्या बढ़ाने पर जोर दे रहा है, ताकि पर्यटकों के पास चयन करने के लिए अधिक अस्पताल उपलब्ध हों। आयुष्मान भारत के तहत बड़ी संख्या में अस्पताल का उन्नयन किया गया है। इस प्रकार अब ये अस्पताल भी एनएबीएच में शामिल हो जाएंगे और इनका स्तर भी जेसीआई स्तर का हो जाएगा। इससे चिकित्सा पर्यटन के लिए भारत आने वाले लोगों के पास अस्पताल चयन के अधिक विकल्प उपलब्ध होंगे। वास्तव में वीजा भी इन केंद्रों और अस्पतालों की सिफारिशों के आधार पर प्रदान किए जाएंगे।
बढ़ रहा चिकित्सा पर्यटन बाजार
चिकित्सा और स्वास्थ्य पर्यटन में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है। वैश्विक चिकित्सा पर्यटन बाजार जो 2016 में 19.7 बिलियन अमेरिकी डॉलर का था, पोस्ट कोविड में दोगुनी रफ्तार के साथ बढ़ने का अनुमान है। विश्व के 130 से अधिक देश इस वैश्विक बाजार का हिस्सा बनने के लिए प्रतिस्पर्धा कर रहे हैं।
भारत पर्यटन सांख्यिकी 2018 की रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2017 में पश्चिम एशिया से लगभग 22 प्रतिशत पर्यटक आगमन चिकित्सा उद्देश्यों के लिए ही हुआ। इसके बाद, अफ्रीका से 15.7 प्रतिशत पर्यटकों का आगमन चिकित्सा उद्देश्यों के लिए हुआ।
मेडिकल टूरिज्म के लाभ
मेडिकल टूरिज्म के माध्यम से बहुमूल्य विदेशी मुद्रा अर्जित कर सकती है। इसके अलावा चिकित्सा पर्यटन से नये रोजगारों का सृजन भी होता है। इससे कम लागत पर उच्च स्वास्थ्य सुविधाओं की नैदानिक परिणामों के साथ उच्च गुणवत्ता वाले उपचार प्राप्त किया जा सकता है। भारत में आयुर्वेद, योग, प्राकृतिक चिकित्सा, होम्योपैथी, यूनानी, सिद्ध आदि जैसे समग्र उपचार की उपलब्धता का मिलना संभव होता है। मेडिकल टूरिस्ट कम लागत पर जटिल तकनीक का लाभ उठा सकते हैं।