प्रधानमंत्री ने एकीकृत ट्रांजिट कॉरिडोर परियोजना की मुख्य सुरंग और पांच अंडरपास राष्ट्र को समर्पित किए। 

National News

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज प्रगति मैदान एकीकृत ट्रांजिट कॉरिडोर परियोजना की मुख्य सुरंग और पांच अंडरपास राष्ट्र को समर्पित किए। एकीकृत ट्रांजिट कॉरिडोर परियोजना प्रगति मैदान पुनर्विकास परियोजना का एक अभिन्न अंग है। इस अवसर पर केन्द्रीय मंत्री श्री पीयूष गोयल, श्री हरदीप सिंह पुरी, श्री सोम प्रकाश, श्रीमती अनुप्रिया पटेल और श्री कौशल किशोर उपस्थित थे।

इस अवसर पर अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने परियोजना को केंद्र सरकार की ओर से दिल्ली के लोगों के लिए एक बड़ा उपहार बताया। उन्होंने यातायात की भीड़ और महामारी के कारण परियोजना को पूरा करने में चुनौती की व्यापकता का स्मरण करते हुए परियोजना को पूरा करने के लिए न्यू इंडिया की नई कार्य संस्कृति और श्रमिकों एवं इंजीनियरों को इसका श्रेय दिया। प्रधानमंत्री ने कहा कि यह एक नया भारत है जो समस्याओं का समाधान निकालता है, नए संकल्प लेता है और उन वादों को पूरा करने के लिए अथक प्रयास करता है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि यह सुरंग 21वीं सदी की जरूरतों के हिसाब से प्रगति मैदान को बदलने के अभियान का हिस्सा है। उन्होंने इस बात पर अफसोस जताया कि भारत को बदलने के बावजूद, देश को दुनिया के समक्ष प्रस्तुत करने के लिए निर्मित प्रगति मैदान राजनीतिक इच्छाशक्ति और पहल की कमी के कारण पिछड़ गया। उन्होंने कहा कि दुर्भाग्य से प्रगति मैदान की ज्यादा ‘प्रगति’ नहीं हुई । प्रधानमंत्री ने कहा कि पूर्व में अत्यंत धूमधाम और प्रचार के बावजूद ऐसा नहीं किया गया। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत सरकार देश की राजधानी में विश्व स्तरीय कार्यक्रमों के लिए प्रदर्शनी हॉलों और अत्याधुनिक सुविधाओं की दिशा में निरंतर रूप से कार्य कर रही है। उन्होंने द्वारका में अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन और एक्सपो सेंटर और पुनर्विकास परियोजना जैसे प्रतिष्ठानों के बारे में चर्चा करते हुए इसे प्रगति मैदान से जोड़ा। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा विकसित आधुनिक बुनियादी ढाँचा दिल्ली का परिदृश्य बदलते हुए इसे आधुनिक बना रहा है। परिदृश्य में हो रहा यह बदलाव भावी नियति को बदलने का एक माध्यम भी है। उन्होंने कहा कि बुनियादी ढांचे के आधुनिकीकरण पर दिया जा रहा यह ध्यान, आम लोगों के जीवन को आसान बनाने से प्रेरित है। उन्होंने पर्यावरण के प्रति संवेदनशील और जलवायु के प्रति जागरूक बुनियादी ढांचे के विकास की आवश्यकता को भी दोहराया। प्रधानमंत्री ने अफ्रीका एवेन्यू और कस्तूरबा गांधी रोड पर नए रक्षा कार्यालय परिसर का उदाहरण दीर्घकाल से लंबित समस्याओं से निपटने, पर्यावरण के अनुकूल निर्माण और देश के लिए कार्य करने वालों की देखभाल के एक दृष्टांत के रूप में दिया। उन्होंने इस बात पर भी संतोष व्यक्त किया कि सेंट्रल विस्टा परियोजना तेजी से आगे बढ़ रही है और कहा कि आने वाले दिनों में भारत की राजधानी विश्व स्तर पर चर्चा का विषय और भारतीयों के लिए गर्व की बात होगी।

प्रधानमंत्री ने समय और ईंधन की बचत के मामले में एकीकृत कॉरिडोर से होने वाले व्यापक लाभों पर चर्चा करते हुए एक अनुमान के अनुसार यातायात में कमी होने से 55 लाख लीटर ईंधन की बचत और 5 लाख पेड़ लगाने के बराबर पर्यावरणीय लाभांश मिलने का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि जीवन को आसान बनाने के लिए ये स्थायी समाधान समय की जरूरत है। प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले 8 वर्षों में हमने दिल्ली-एनसीआर की समस्याओं के समाधान के लिए अभूतपूर्व कदम उठाए हैं। पिछले 8 वर्षों में, दिल्ली-एनसीआर में मेट्रो सेवा का विस्तार 193 किमी से 400 किमी तक हो गया है, जो दोगुने से भी अधिक है। उन्होंने लोगों से मेट्रो और सार्वजनिक परिवहन का उपयोग करने की आदत डालने को कहा। इसी तरह ईस्टर्न और वेस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे, दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे ने दिल्ली के नागरिकों की बहुत सहायता की है। काशी रेलवे स्टेशन पर नागरिकों और अन्य हितधारकों के साथ अपने वार्तालाप का उल्लेख करते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि आम आदमी की मानसिकता में बहुत बदलाव आया है और सरकार उस बदलाव के अनुसार काम करते रहने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे, दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेस-वे, दिल्ली-अमृतसर एक्सप्रेस-वे, दिल्ली-चंडीगढ़ एक्सप्रेस-वे और दिल्ली-जयपुर एक्सप्रेस-वे दिल्ली को दुनिया की सबसे अच्छी संपर्क से जुड़ी राजधानियों में से एक बना रहे हैं। उन्होंने भारत की राजधानी के रूप में दिल्ली की पहचान को मजबूत करने वाले उपायों के हिस्से के रूप में स्वदेशी तकनीक द्वारा बनाई गई दिल्ली मेरठ रैपिड रेल प्रणाली की भी चर्चा की और इससे पेशेवरों, आम लोगों, छात्रों, युवाओं, स्कूल और कार्यालय जाने वाले यात्रियों, टैक्सी-ऑटो चालकों और व्यापारिक समुदाय को लाभ मिलेगा।

प्रधानमंत्री ने कहा कि देश पीएम गतिशक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान के विजन के माध्यम से बहुआयामी संपर्क बना रहा है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री गतिशक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान सबका विश्वास और सबका प्रयास का माध्यम है। प्रधानमंत्री ने राज्यों द्वारा गति शक्ति को अपनाने पर अपनी प्रसन्नता व्यक्त की, जैसा कि उन्हें हाल ही में धर्मशाला में मुख्य सचिव सम्मेलन में जानकारी दी गई थी। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि ‘अमृत काल’ के दौरान देश के मेट्रो शहरों का दायरा बढ़ाना और टियर-2, टियर-3 शहरों में बेहतर प्लानिंग के साथ काम करना जरूरी है। आने वाले 25 वर्षों में भारत के तेजी से विकास के लिए, हमें शहरों को हरा-भरा, स्वच्छ और मैत्रीपूर्ण बनाने की जरूरत है। प्रधानमंत्री ने कहा कि अगर हम शहरीकरण को एक चुनौती के बजाय एक अवसर के रूप में लेते हैं, तो यह देश के कई गुना विकास में योगदान देगा।

प्रधानमंत्री ने इस बात पर भी बल दिया कि कोई भी सरकार पहली बार इतने व्यापक पैमाने पर शहरी नियोजन को महत्व दे रही है। शहरी गरीबों से लेकर शहरी मध्यम वर्ग तक सभी को बेहतर सुविधाएं देने का काम किया जा रहा है। पिछले 8 वर्षों में 1 करोड़ 70 लाख से अधिक शहरी गरीबों को पक्के मकान सुनिश्चित किए गए हैं। लाखों मध्यमवर्गीय परिवारों को भी उनके घर के निर्माण के लिए मदद दी गई है। यदि शहरों में आधुनिक सार्वजनिक परिवहन पर ध्यान देते हुए सीएनजी आधारित गतिशीलता और विद्युत गतिशीलता के बुनियादी ढांचे को भी प्राथमिकता दी जा रही है। प्रधानमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार की एफएएमई योजना इसका एक अच्छा उदाहरण है।

अपने वाहन से उतरकर पैदल ही सुरंग का अवलोकन करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि सुरंग में निर्मित कलाकृतियों का सृजन बेहद उत्कृष्टता के साथ किया गया है और यह एक भारत श्रेष्ठ भारत का एक महान अध्ययन केंद्र है। उन्होंने कहा कि शायद यह दुनिया में कहीं भी सबसे लंबी कला दीर्घाओं में से एक है। उन्होंने सुझाव दिया कि रविवार को कुछ घंटों के लिए सुरंग को विशेष रूप से स्कूली बच्चों और पैदल यात्रियों को इन कलाकृतियों और इनमें निहित भावना के दृश्यावलोकन की सराहना करने के लिए समय निर्धारित करने पर भी ध्यान दिया जा सकता है।  

परियोजना का विवरण:

प्रगति मैदान एकीकृत ट्रांजिट कॉरिडोर परियोजना को 920 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से तैयार किया गया है और यह पूरी तरह से केंद्र सरकार द्वारा वित्त पोषित है। इसका उद्देश्य प्रगति मैदान में विकसित किए जा रहे नए विश्व स्तरीय प्रदर्शनी और कन्वेंशन सेंटर तक बिना किसी बाधा के सुगमता के साथ पहुंच प्रदान करना है, जिससे प्रगति मैदान में होने वाले कार्यक्रमों में दर्शकों और आगंतुकों की आसानी से भागीदारी हो सके।

हालांकि, परियोजना का प्रभाव प्रगति मैदान के अलावा आमजन को यातायात में होने वाली दैनिक समस्याओं को दूर करने में भी होगा, क्योंकि इस सुरंग के माध्यम से बिना किसी बाधा के वाहनों की मुक्त आवाजाही को सुनिश्चित किया जा सकेगा, जिससे यात्रियों के समय और लागत को काफी हद तक बचाने में मदद मिलेगी। यह शहरी बुनियादी ढांचे को बदलने के माध्यम से लोगों के जीवन को आसान बनाने के लिए सरकार के व्यापक दृष्टिकोण का एक हिस्सा है।

मुख्य सुरंग प्रगति मैदान से गुजरने वाले पुराना किला मार्ग के माध्यम से रिंग रोड को इंडिया गेट से जोड़ती है। छह लेन में विभाजित इस सुरंग के कई परियोजन हैं, जिसमें प्रगति मैदान की विशाल बेसमेंट पार्किंग तक पहुंच शामिल है। सुरंग का एक अनूठा घटक यह भी है कि पार्किंग स्थल के दोनों ओर से यातायात की आवाजाही को सुविधाजनक बनाने के लिए मुख्य सुरंग में सड़क के नीचे ही दो क्रॉस सुरंगों का निर्माण किया गया है। यह सुरंग के अंदर स्मार्ट फायर प्रबंधन, आधुनिक वेंटिलेशन और स्वचालित जल निकासी, डिजिटल रूप से नियंत्रित सीसीटीवी और सार्वजनिक घोषणा प्रणाली जैसे यातायात की सुचारू आवाजाही की नवीनतम वैश्विक मानक सुविधाओं से लैस है। लंबे समय से प्रतीक्षित यह सुरंग भैरों मार्ग के लिए एक वैकल्पिक मार्ग के रूप में काम करेगी, जो अपनी वाहन क्षमता से काफी अधिक भार उठा रहा है और इस सुरंग के माध्यम से भैरों मार्ग के आधे से अधिक यातायात भार को कम करने की उम्मीद है।

सुरंग के साथ-साथ छह अंडरपास होंगे- चार मथुरा रोड पर, एक भैरों मार्ग पर और एक रिंग रोड और भैरों मार्ग के चौराहे पर।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *