कुशल अग्निवीरों के लिए इन राज्यों ने खोले द्वार,पढ़े विशेष रिपोर्ट

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केंद्र सरकार द्वारा शुरू की गई ‘अग्निपथ’ योजना के तहत ‘अग्निवीर’ बनने वाले युवाओं को सरकारी नौकरियों व अन्य कार्यों में वरीयता दी जाएगी। सरकार द्वारा शुरू की गई इस महत्वाकांक्षी योजना के तहत देश की तीनों सेनाओं में 17.5 साल से 21 साल के बीच के नौजवानों को भर्ती का सुनहरा अवसर मिलेगा।

अग्निवीरों को जहां प्रारंभिक 6 महीने ट्रेनिंग दी जाएगी, वहीं उन्हें 3.5 साल अपनी सेवाएं देने का अवसर मिलेगा। इस योजना के तहत भर्ती हुए कुल अग्निवीरों में से 25 फीसदी को स्थाई तौर पर जल, थल और वायु सेना में नौकरी दी जाएगी जबकि 75 फीसदी लोगों को सेवानिवृत्त कर दिया जाएगा।

बीते दिन रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और तीनों सेनाओं के प्रमुख की मौजूदगी में इस योजना के ऐलान के बाद से ही अग्निपथ योजना के बारे में देशभर में चर्चाएं जारी हैं और केंद्र सरकार के विभिन्न मंत्रालयों और राज्य सरकारों के द्वारा 75 फीसदी सेवानिवृत्त अग्निवीरों को विशेष तवज्जो देने की बात की जा रही है। आइए अब जानते हैं किन मंत्रालयों और राज्य सरकारों ने अग्निवीरों को खास तवज्जो देने की बात कही है।

दूरसंचार विभाग

सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले इस विभाग के द्वारा सभी टेलीकॉम सर्विस प्रोवाइडर्स के साथ संचार भवन में मीटिंग आयोजित की गई, जहां विभाग के द्वारा टेलीकॉम सर्विस प्रोवाइडर्स को यह कहा गया कि इस बात पर विशेष जोर दिया जाना चाहिए कि कैसे प्रशिक्षित, अनुशासित और आत्मविश्वास से भरे युवाओं को अपने विभागों में नौकरियां दी जा सकती है। जाहिर तौर पर यह उम्मीद की जा सकती है कि जो लोग अपनी मातृभूमि की सेवा कर बाहर निकलेंगे, उन्हें देश की टेलीकॉम सर्विस कंपनियों के द्वारा विभिन्न पदों पर रखा जाएगा।

केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल और असम राइफल्स

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के आधिकारिक टि्वटर हैंडल से यह जानकारी दी गई कि केंद्रीय सशस्त्र बलों के सभी पांच विभागों में अग्निवीरों को वरीयता दी जाएगी। ट्वीट में लिखा गया है कि ‘अग्निपथ योजना’ युवाओं के उज्ज्वल भविष्य के लिए पीएम नरेंद्र मोदी जी का एक दूरदर्शी व स्वागत योग्य निर्णय है। इसी संदर्भ में बीते दिन बुधवार को गृह मंत्रालय ने इस योजना में 4 साल पूरा करने वाले अग्निवीरों को CAPFs और असम राइफल्स में भर्ती में प्राथमिकता देने का निर्णय लिया है। गौरतलब हो कि केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल में सीमा सुरक्षा बल (BSF) केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) भारत तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP)सशस्त्र सीमा बल (SSB) शामिल है।

हरियाणा में नौकरी एवं अन्य कार्यों में मिलेगी वरीयता

हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने स्नान करते हुए कहा कि इस सेवा को पूरा करने वाले युवाओं को हरियाणा सरकार नौकरी एवं अन्य कार्यों में वरीयता देगी। उन्होंने कहा कि अग्निपथ योजना प्रधानमंत्री की सोच के अनुरूप नए भारत के निर्माण व युवाओं के सशक्तिकरण में मील का पत्थर साबित होगी। ‘अग्निपथ’ योजना से तीनों सेनाओं की मानव संसाधन नीति में एक नए युग की शुरुआत हुई है। यह केंद्र सरकार द्वारा किया गया एक प्रमुख रक्षा नीति सुधार है। सीएम ने यह भी कहा कि ‘अग्निपथ योजना’ देश की सुरक्षा को मजबूत एवं हमारे युवाओं को सैन्य सेवा का अवसर प्रदान करेगी। ‘अग्निपथ योजना’ भारतीय सैन्य इतिहास में एक स्वर्णिम अध्याय का सृजन करेगी।

उत्तर प्रदेश पुलिस में मिलेगी प्राथमिकता

वहीं यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अग्निवीरों को तवज्जो देने का जिक्र करते हुए कहा कि आदरणीय प्रधानमंत्री जी के मंशानुरूप ‘अग्निपथ योजना’ युवाओं को राष्ट्र व समाज की सेवा हेतु तैयार करेगी, उन्हें गौरवपूर्ण भविष्य का अवसर प्रदान करेगी। यूपी सरकार आश्वस्त करती है कि ‘अग्निवीरों’ को सेवा के उपरांत पुलिस व पुलिस के सहयोगी बलों में समायोजित करने में प्राथमिकता दी जाएगी।

उत्तराखंड सरकार भी देगी प्राथमिकता

इधर, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने युवाओं के जोश को ध्यान में रखते हुए ऐलान किया कि उनकी सरकार 4 साल की सेवा के बाद मुक्त किए गए अग्निवीरों को उत्तराखंड पुलिस, आपदा प्रबंधन और राज्य के चार धाम प्रबंधन में शामिल किया जाएगा।

जाहिर है केंद्र सरकार द्वारा शुरू किया गया यह अभियान क्रांतिकारी है और उम्मीद की जानी चाहिए कि आने वाले कुछ दिनों में केंद्र सरकार के विभिन्न मंत्रालयों और बाकी राज्य सरकारों के द्वारा अग्नि वीरों को अपने विभागों में समायोजित करने की घोषणा की जाएगी ताकि 4 साल मातृभूमि की सेवा करने के बाद अग्निवीरों को नियोजन के पर्याप्त अवसर उपलब्ध हो।

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