उत्तराखंड विज्ञान शिक्षा एवम् अनुसंधान केन्द्र (यूसर्क) द्वारा आज टैक फॉर सेवा के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित किये जा रहे तीन दिवसीय जल विज्ञान प्रशिक्षण कार्यक्रम का समापन यूसर्क सभागार में हुआ। कार्यक्रम में बोलते हुये यूसर्क की निदेशक प्रोफेसर (डॉ) अनीता रावत ने अपने संबोधन में कहा कि हम सभी को जलस्रोतों का संरक्षण तो करना ही है साथ ही साथ जैवविविधता का संरक्षण भी बहुत आवश्यक है। जैवविविधता दिवस की पूर्व संध्या पर बोलते हुये उन्होंने कहा कि आज जैवविविधता के संरक्षण हेतु महत्त्वपूर्ण रणनीतियों की आवश्यकता है जिसमें सतत् विकास की अवधारणा मुख्य समाधान प्रदान करती है। आज हमें इकोलॉजी एवं टैक्नोलॉजी में समन्वय स्थापित करके जनसामान्य केन्द्रित ज्ञान एवं वैल्यू एडिशन के आधार पर कार्य करते हुये आगे बढ़ने की आवश्यकता है तभी समस्त 17 सस्टेनेबल डवलपमेंट गोल (SDG) में वर्णित समस्त बिन्दुओं पर पूर्णता के साथ सफलता प्राप्त की जा सकती है।
कार्यक्रम में यूसक की वैज्ञानिक डा० मन्जू सुन्दरियाल ने प्रस्तुतिकरण के माध्यम से उपस्थित छात्र-छात्राओं को जैवविविधता दिवस मनाये जाने, उसकी आवश्यकता, उत्तराखण्ड में पायी जाने वाले परम्परागत जैविक उत्पादों एवं उनमें पाये जाने वाले पोषक तत्वों, उनके महत्व एवं संरक्षण हेतु अवगत कराया। कार्यक्रम में दून विश्वविद्यालय की शिक्षिका डा० शिवा अग्रवाल ने “सोल्वेंट एक्सट्रेक्शन विधि द्वारा अपशिष्ट जल से प्रदूषकों का पृथक्करण विषय पर विशेषज्ञ व्याख्यान दिया। उन्होंने कहा कि अपशिष्ट जल को इन विधियों द्वारा उपचारित करके पुनः विभिन्न कार्यों जैसे उद्योग, कृषि आदि में प्रयोग किया जा सकता है।
कार्यक्रम में यूसर्क के वैज्ञानिक डा० भवतोष शर्मा ने जल के भौतिक एवं रासायनिक पैरामीटर्स एवं प्रयोगशाला में उनका विशलेषण विषय पर अपना व्याख्यान दिया तथा उपस्थित छात्र-छात्राओं को हैण्डस ऑन ट्रेनिंग प्रदान की।
इससे पूर्व प्रशिक्षण में आये समस्त प्रतिभागियों को डॉल्फिन संस्थान का भ्रमण कराया गया, जिसमें
माइकोबायोलॉजी, कैमिस्ट्री एवं फार्मास्यूटिकल कैमिस्ट्री की प्रयोगशालाओं में प्रयोगात्मक कार्यों को सिखाया गया।
डॉल्फिन संस्थान की प्राचार्या डा० शैलजा पंत ने “माइकोबियल एनालिसिस ऑफ वाटर विषय पर अपना विशेषज्ञ व्याख्यान देते हुये जल में उपस्थित विभिन्न प्रकार के सूक्ष्म जीवों का अध्ययन करना बताया।
कार्यक्रम में यूसक के डा० ओम प्रकाश नौटियाल द्वारा सभी उपस्थित प्रतिभागियों को धन्यवाद ज्ञापित किया गया। समस्त प्रतिभागियों को तीन दिवसीय प्रशिक्षण के प्रमाणपत्र प्रदान किये गये कार्यक्रम का संचालन डा० भवतोष शर्मा ने किया कार्यक्रम में ई० उमेश चन्द्र डा० अशोक कुमार, डा० वर्षा पर्चा, डा० पंकज कुमार, डा० दिपक कुमार, डा० गौरी सिंह. डा० तृप्ति मलिक, डा० राजू चन्द्रा आदि के द्वारा विशेष सक्रिय सहयोग प्रदान किया गया।