राष्ट्रपति कोविंद ने ‘जल शक्ति अभियान: कैच द रेन’ का किया शुभारंभ

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राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने मंगलवार को देश में जल संरक्षण की मुहिम को मजबूती देने के लिए ‘जल शक्ति अभियान: कैच द रेन’ यानी वर्षा जल का संरक्षण अभियान 2022 का शुभारंभ किया और राष्ट्रीय जल पुरस्कार वितरण समारोह को सम्बोधित किया।

पृथ्वी पर जल के महत्व को रेखांकित करने का यह प्रयास सराहनीय

राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने इस अवसर पर कहा, जल-प्रबंधन के क्षेत्र में अनुकरणीय कार्यों को सम्मानित करने का तथा जल-अभियान के विस्तार द्वारा अपने दैनिक जीवन में तथा पृथ्वी पर,जल के महत्व को रेखांकित करने का यह प्रयास सराहनीय है।

‘जल ही जीवन है’

राष्ट्रपति कोविंद ने कहा, यह कहना सर्वथा उपयुक्त है कि ‘जल ही जीवन है’। प्रकृति ने मानवता को जल संसाधन का वरदान दियाहै। प्रकृति ने हमें विशाल नदियां प्रदान की हैं, जिन के तटों पर महान सभ्यताएं फली-फूलीं। भारतीय संस्कृति में नदियों का विशेष महत्व है और मां के रूप में उनकी पूजा की जाती है। प्रतिदिन स्नान करने से पहले बहुत से लोग यह पाठ करते हैं:

गङ्गेचयमुनेचैवगोदावरिसरस्वति।
नर्मदेसिन्धुकावेरिजलेऽस्मिन्सन्निधिंकुरु॥

जल का मुद्दा, जलवायु परिवर्तन के और भी विशाल संकट का एक हिस्सा

उन्होंने अपने संबोधन के दौरान यह भी कहा कि जल का मुद्दा, जलवायु परिवर्तन के और भी विशाल संकट का एक हिस्सा है। जैसे-जैसे जलवायु परिवर्तन हो रहा है,बाढ़ और सूखे की स्थितियां बार-बार तथा अधिक गंभीर रूप में उपस्थित हो रही हैं। हिमालय के ग्लेशियर पिघल रहे हैं,और समुद्र का जलस्तर बढ़ रहा है। ऐसे परिवर्तनों के गंभीर दुष्परिणाम सामने आ रहे हैं जिनका किसानों, महिलाओं और निर्धन वर्ग के लोगों के जीवन पर और भी अधिक बुरा प्रभाव पड़ रहा है।

राष्ट्रपति ने कहा, पिछले वर्ष 22 मार्च को, यानि ‘विश्व जल दिवस’ के अवसर पर, प्रधानमंत्री द्वारा ‘जल शक्ति अभियान: कैच द रेन’ प्रकल्प शुरू किया गया था। जल शक्ति अभियान के उस दूसरे चरण को पिछले साल मार्च से नवंबर तक, मानसून के आगमन के पहले और मानसून के दौरान, देश के सभी जिलों में, ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों में चलाया गया। मैं सभी राज्य सरकारों को भी बधाई देता हूं, जिन्होंने कोरोना महामारी की चुनौतियों का सामना करने के साथ-साथ इस जल-अभियान की सफलता में भी सराहनीय योगदान दिया।

जल-संरक्षण के कार्य में प्रत्येक व्यक्ति की सक्रिय भागीदारी महत्वपूर्ण

आगे जोड़ते हुए उन्होंने कहा मुझे यह जानकर प्रसन्नता हुई है कि यह अभियान, इस वर्ष भी 29 मार्च,यानि आज से 30 नवंबर तक, सभी जिलों में चलाया जाएगा। इस बार के अभियान में स्प्रिंगशेड का विकास,जल-ग्रहण क्षेत्रों की सुरक्षा और जेंडर मेन-स्ट्रीमिंग जैसे नए पहलू भी शामिल किए गए हैं। जेंडर मेन-स्ट्रीमिंग पर जोर देने से निश्चित रूप से जल-प्रबंधन में महिलाओं की भूमिका और बढ़ेगी। मुझे ‘जल शक्ति अभियान: कैच द रेन 2022 का शुभारंभ करते हुए प्रसन्नता हो रही है। मैं सभी से आग्रह करता हूं कि अभियान के इस चरण के दौरान प्रमुख गतिविधियों की सफलता हेतु पूरी कर्मठता से अपना योगदान करें। जल-संरक्षण के कार्य में प्रत्येक व्यक्ति की सक्रिय भागीदारी के लिए, स्थानीय जनता को प्रेरित करने में जिलाधिकारियों और सरपंचों को मार्गदर्शक की महत्वपूर्ण भूमिका निभानी होगी।

30 नवंबर तक चलेगा अभियान

यह अभियान 30 नवंबर तक चलेगा। अभियान के दौरान सभी सरपंच विशेष ग्राम सभा का संचालन करेंगे और ग्रामीणों को जल संरक्षण की शपथ दिलाएंगे। यह अभियान मानसून अवधि को ध्यान में रखकर देश के सभी जिलों (ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों) में लागू रहेगा।

क्या होगी अभियान की विशेषता ?

इस वर्ष अभियान में कुछ नई विशेषताएं जोड़ी गई हैं जैसे स्प्रिंग शेड विकास, जलग्रहण क्षेत्रों की सुरक्षा, जल क्षेत्र में लैंगिक मुख्यधारा शामिल हैं। लैंगिक मुख्यधारा से जल प्रशासन व संरक्षण और प्रबंधन में महिलाओं की भूमिका को बढ़ावा मिलने की आशा है।

जल्द से जल्द जिला जल संरक्षण योजना

राज्य सरकारें अपने प्रत्येक जिले में जल शक्ति केंद्र स्थापित करने का कार्य पूरा करेंगी जो ज्ञान केंद्र के रूप में कार्य करेगा और जल संबंधी सभी समस्याओं और मुद्दों का एक ही स्थान पर समाधान करेगा और जल्द से जल्द जिला जल संरक्षण योजना तैयार करेगा। यदि इस वर्ष अभियान के अंतर्गत देश के सभी जल निकायों की गणना कर ली गई तो यह एक बड़ी उपलब्धि होगी।

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