उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ ने दोबारा सीएम पद की शपथ ली। लखनऊ के प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी इकाना स्टेडियम में राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। वहीं दूसरे नंबर की हैसियत से केशव प्रसाद मौर्य ने एक बार फिर डिप्टी सीएम पद की शपथ ली, जबकि लखनऊ कैंट विधानसभा क्षेत्र से विधायक ब्रजेश पाठक दूसरे डिप्टी सीएम बने। योगी सरकार के दूसरे कार्यकाल में 16 कैबिनेट मंत्री, 14 राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) और 20 राज्य मंत्री बनाए गए हैं। शपथ ग्रहण समारोह में पीएम मोदी, गृहमंत्री अमित शाह, रक्षामंत्री राजनाथ सिंह, केन्द्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी व कई राज्यों के मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री मौजूद रहे।
उत्तर प्रदेश के तीन दशक के इतिहास में भाजपा इकलौती पार्टी है, जिसने सत्ता में रहते हुए दोबारा वापसी की है। लंबे समय से कोई अन्य दल सरकार में रहते हुए विधानसभा चुनावों में वापसी नहीं कर सका। लेकिन विकास, न्याय और सुरक्षा के विश्वास पर जनता ने सभी को दरकिनार करते हुए योगी सरकार को दोबारा चुना। आइए जानते हैं उन योजनाओं और मुद्दों को जिन पर जनता ने विश्वास जताया है:
गरीब कल्याण अन्न योजना
कोरोना काल के दौरान शुरू हुई पीएम गरीब कल्याण अन्न योजना का समापन नवंबर 2021 में हो रहा था। लेकिन यूपी के मुखिया योगी आदित्यनाथ ने 3 नवंबर को राज्य सरकार की ओर से होली तक सभी पात्र लाभार्थियों को फ्री राशन दिया। इसके अलावा, केंद्र ने भी इस योजना को मार्च 2022 तक बढ़ा दिया था।
फ्री राशन योजना ने लॉकडाउन के समय घर प्रवासियों के लिए बहुत बड़ी मदद बन कर सामने आई। अचानक से लॉकडाउन होने और रोजगार जाने के बाद भी राज्य में गरीब भूखा नहीं सोया। राज्य में हर महीने करीब 15 करोड़ से अधिक परिवारों को इसका लाभ मिला।
कानून व्यवस्था
अपने पहले पांच साल के कार्यकाल में सीएम योगी ने कानून व्यवस्था को लेकर जो काम किए, उसने जनता को काफी प्रभावित किया। प्रदेश सरकार लोगों में समझाने में कामयाब रही कि बीजेपी शासन काल से पहले प्रदेश में गुंडों का बोलबाला था। किसी भी जमीन पर कब्जा और छिनैती जैसी घटनाएं सामान्य थी। लेकिन प्रदेश में 2017 के बाद जिस तरह से बुल्डोजर के जरिए अवैध संपत्तियों को गिराया गया, उसने न्याय की उम्मीद छोड़ चुकी जनता को बल मिला। ताबड़तोड़ एनकाउंटर के जरिए गुंडा, बदमाशों और माफिया को सलाखों के पीछे जाने के बाद कई इलाकों में लोगों को चैन मिला।
महिला सुरक्षा
अपने पांच साल के कार्यकाल में योगी सरकार ने महिला सुरक्षा और सहुलियत पर काफी ध्यान दिया। फिर चाहे वो कॉलेज जाने वाली छात्राएं हो, वर्किंग हो घरेलू महिला। सत्ता में आते ही मनचलों और शोहदों से बेटियों को बचाने के लिए कड़े कदम उठाए। कार्यस्थल में महिलाओं की सुरक्षा के लिए सख्त कानून लागू किए हैं। इस बात पर विशेष ध्यान रखा गया कि अगर अकेले भी बेटी, बहन घर से बाहर जाए, तो सुरक्षा की चिंता न सताएं। इस दिशा में प्रदेश सरकार ने कई कार्य किए, जिससे बेटियों में आत्मविश्वास जाग रहा है और वो निश्चिंत घरों से बाहर निकल रही हैं
पीएम आवास योजना
केंद्र सरकार के सहयोग से राज्य सरकार महिलाओं और बेटियों को उनके सपने पूरे करने के लिए उनकी प्रगति के लिए वित्तीय मदद प्रदान कर रही है। प्रधानमंत्री आवास योजना इसका प्रत्यक्ष उदाहरण हैं। पहले महिलाओं को संपत्ति का अधिकार नहीं होता था। आज पीएम आवास योजना से उन्हें यह अधिकार मिल रहा है। योजना के तहत करीब दो करोड़ घर बनाए गए हैं। इसमें ज्यादातर प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत जो घर दिए जा रहे हैं, वह प्राथमिकता के आधार पर महिलाओं के नाम किए जा रहे हैं। यूपी में 30 लाख महिलाओं को घर मिला है। ग्रामीण क्षेत्रों की वे महिलाएं जो अक्सर हाशिये पर रहती हैं, उन्हें इस योजना के जरिए कहीं न कहीं एक आत्मविश्वास जगा है कि उनका भविष्य सुरक्षित है।
आयुष्मान भारत योजना
आज के समय में बीमारी और अस्पताल के खर्चों लोगों की कमर तोड़ दे रहे हैं। ऐसे में आयुष्मान भारत योजना गरीबों और बेसहारा परिवार के लिए रोशनी अंधेरे में रोशनी बन कर आई। आयुष्मान भारत योजना के तहत गरीब परिवारों को सालाना पांच लाख रुपये तक का बीमा मिल रहा है। अब गरीब भी बड़े-बड़े अस्पतालों में इलाज करा सकते हैं।
प्रवासियों के लिए रोजगार के मौके
कोरोना की वजह से हुए लॉकडाउन में जब श्रमिक बेरोजगार हुए तो उन्हें अपने गृह राज्य पलायन करना पड़ा। ऐसे में सीएम योगी ने हर जिले में जाकर खुद कमान संभाली और श्रमिकों की वापसी ले कर उन्हें रोजगार के संसाधन मुहैया कराने के लिए कई मौके उपलब्ध कराए। इसके साथ ही काम न मिलने तक किसी का परिवार भूखा न सोए इसके लिए पीएम अन्न योजना वरदान साबित हुई। इसके साथ ही उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा इस समस्या का निपटान करने के लिए मुख्यमंत्री प्रवासी श्रमिक उद्यमिता विकास योजना का शुभारंभ किया गया है। इस योजना के माध्यम से प्रवासी श्रमिक नागरिकों को उद्योगों से जोड़ने का प्रयास किया जाएगा। जिससे कि नागरिकों तक रोजगार के संसाधन राज्य में ही उपलब्ध करवाए जा सकते हैं।
स्वावलंबी होती ग्रामीण महिलाएं
एक समय तक घर का पुरुष ही मुखिया था और महिलाएं घर की चारदीवारी तक सिमट कर रह गई थी। लेकिन जनधन योजना के माध्यम से 23 करोड़ महिलाओं के खाते खोले गए हैं। करीब 9 करोड़ महिलाओं को उज्ज्वला योजना के तहत गैस कनेक्शन दिए गए हैं। योजनाओं के सभी पैसे उनके इन्हीं खाते में दिए जा हैं। खास बात ये है कि कोरोना काल संकट काल में उन्हें दूर जाकर बैंक से पैसे न निकालना पड़े इसके लिए भी राज्य सरकार ने बैंक सखी की शुरुआत की। उन्होंने प्रदेश के ग्रामीण इलाकों तक सभी योजनाओं के पैसे पहुंचाने में मदद की। खास बात ये कि बैंक सखी के जरिए भी महिलाओं को रोजगार मिला। ग्रामीण महिलाएं भी बैंक सखी से बेझिझक अपने पैसे निकालने के लिए आगे आ रही हैं। बैंक सखी पर 75 हजार करोड़ रुपये के लेन देन की जिम्मेदारी सौंपी गई है। बेटियां गांव में 75 हजार करोड़ रुपये का कारोबार कर रही हैं। पहले जिन बहन बेटियों के अपने बैंक खाते भी नहीं थे। आज उनके पास डिजिटल बैंकिंग की ताकत है।
बेटियों के लिए शिक्षा
केंद्र सरकार ने कोरोना और अन्य कारणों के चलते स्कूल छोड़ चुकी 11 से 14 आयु वर्ग की बालिकाओं को फिर से स्कूली शिक्षा में जोड़ने के लिये कन्या शिक्षा प्रवेश उत्सव अभियान शुरू किया है। यह अभियान अधिक से अधिक लड़कियों के लिए शिक्षा प्राप्ति सुनिश्चित करेगा।
किसानों के लिए बेहतर माहौल
उत्तर प्रदेश गोपालक योजना का शुभारंभ किया गया है इस योजना के माध्यम से गोपालक को ₹200000 तक का ऋण मुहैया करवाया जाएगा। इसके अलावा केंद्र सरकार की किसान सम्मान निधि योजना, किसान क्रेडिट कार्ड योजना का किसान लाभ ले रहे हैं पांच साल में प्रदेश सरकार का इस बात पर भी जोर दिया कि किसानों के उत्पाद बाहर के देशों में निर्यात किए जाएं।
जाहिर है सीएम योगी को हर तबके के लोगों ने पसंद किया और उन्हें दोबारा प्रदेश की कमान सौंपी है। बता दें कि यूपी में हुए विधानसभा चुनाव में बीजेपी गठबंधन ने कुल 403 सीटों में से 273 सीटों पर कब्जा किया है, जिसमें से बीजेपी ने 255 सीटें जीती हैं।