उपराष्ट्रपति श्री एम वेंकैया नायडु ने आज उपराष्ट्रपति निवास के कर्मियों और दिल्ली MCD के स्कूलों समेत चार स्कूलों के बच्चों के साथ हर्षोल्लास के साथ होली मनाई। स्कूली बच्चों ने उपराष्ट्रपति के समक्ष देशभक्ति गीत गाए, जिसे सुन कर श्री नायडु ने भी उन्हें प्रोत्साहित किया।
‘क्या आप कभी कभी हताश होते हैं?’ एक छात्र के इस प्रश्न पर उपराष्ट्रपति ने कहा कि हालांकि वे कभी हताश नहीं होते पर जब कुछ सांसद, संसद की मर्यादा के अनुरूप आचरण नहीं करते हैं तब वे निराश अवश्य होते हैं। उन्होंने कहा कि सरदार पटेल ही उनकी प्रबल इच्छा शक्ति के प्रेरणा स्रोत हैं।
अपने संवैधानिक दायित्वों और पारिवारिक जिम्मेदारियों के बीच संतुलन बनाए रखने के प्रश्न पर श्री नायडु ने कहा कि जब वे सक्रिय राजनीति में थे तो अपने परिवार को पर्याप्त समय नहीं दे पाये, पर अब उपराष्ट्रपति बनने के बाद से वे परिवास के साथ समय बिताने का प्रयास जरूर करते हैं। उन्होंने आगे कहा कि भारत के उपराष्ट्रपति तथा राज्यसभा के सभापति के रूप में उनके संवैधानिक दायित्व हैं फिर भी वे रोज अपने पौत्र और पौत्रियों से बात अवश्य करते हैं।
उपराष्ट्रपति ने युवा छात्रों से अपेक्षा की कि वे सदैव अपनी माता, मातृ-भाषा और मातृ-भूमि का सम्मान करें। उन्होंने कहा कि युवा छात्र देश की संप्रभुता, एकता और अखंडता के लिए प्रतिबद्ध प्रयास करें। शेयर एंड केयर के हमारे सभ्यतागत संस्कारों का उल्लेख करते हुए श्री नायडु ने युवा पीढ़ी से अपेक्षा की कि वे करुणा और सहानुभूति का भाव पैदा करें।
इस आयोजन से पूर्व आज सुबह भारत के माननीय राष्ट्रपति, श्री राम नाथ कोविंद और उपराष्ट्रपति, श्री एम. वेंकैया नायडु ने फोन पर एक दूसरे को होली की शुभकामनाएं दीं। प्रधानमंत्री, श्री नरेंद्र मोदी ने भी उपराष्ट्रपति जी को होली की बधाई प्रेषित की।