देश की आधी आबादी यानि नारी शक्ति की पहचान अमृत काल, यानि इंडिया@100 तक के 25 वर्ष लंबे अंतराल के दौरान देश के उज्ज्वल भविष्य और महिलाओं के नेतृत्व में विकास के अग्रदूत के रूप में की गई है। आज देश की महिलाएं सभी क्षेत्रों में बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रही हैं। यही कारण है कि पुरुष प्रधान तमाम क्षेत्रों में भी महिलाओं की बड़ी भूमिका अब साफ-साफ दिखाई देने लगी है। कृषि क्षेत्र भी इन्हीं में से एक है। इस क्षेत्र में नारी शक्ति के महत्व को स्वीकार करते हुए केंद्र सरकार ने कई अहम कार्य किए हैं। आइए विस्तार से जानते हैं इनके बारे में…
देश में कुल महिला कृषकों की संख्या 3.60 करोड़
कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने राज्यसभा में बताया है कि भारत के महापंजीयक द्वारा आयोजित जनगणना 2011 के अनुसार, देश में किसान के रूप में महिला किसानों की कुल संख्या 3.60 करोड़ है जबकि कृषि श्रमिकों की संख्या 6.15 करोड़ है। यह आंकड़े कृषि क्षेत्र में भारत की नारी की भूमिका को दर्शाते हैं। जी हां, ये वे महिलाएं हैं जो आपकी रसोई तक अनाज, सब्जियां और कृषि आधारित अन्य खाद्य सामग्री आप तक पहुंचाने में अहम भूमिका अदा करती हैं।
राष्ट्रीय कृषि विकास योजना
सूक्ष्म सिंचाई के विस्तार के लिए संसाधन जुटाने में राज्यों को सुविधा प्रदान करने के उद्देश्य से वर्ष 2018-19 के दौरान राष्ट्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक नाबार्ड के तहत पांच हजार करोड़ रुपए के कोष के साथ एक सूक्ष्म सिंचाई कोष (एमआईएफ) गठित किया गया। इसके तहत जल उपयोग दक्षता और टिकाऊ कृषि को बढ़ावा देने तथा किसानों को उच्चतर आय सुनिश्चित करने के लिए सरकार मूल हरित क्रांति राज्यों जैसे पंजाब, हरियाणा तथा पश्चिमी यूपी में धान के स्थान पर कम पानी की आवश्यकता वाली फसलों जैसे तिलहन, दलहन, मोटे अनाज, कपास आदि की खेती को स्थानांतरित करने के लिए प्रोत्साहित करने का कार्य करती रही है। इससे किसानों को काफी लाभ मिला है। महिला किसान भी केंद्र सरकार के साथ मिलकर राष्ट्रीय कृषि विकास योजना को आगे ले जाने का कार्य कर रही हैं।
173 महिला स्टार्टअप व उद्यमियों को समर्थन
कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय ने वित्तीय सहायता और पोषण प्रदान करके नवाचार और कृषि-उद्यमिता को बढ़ावा देने के उद्देश्य से 2018-19 में राष्ट्रीय कृषि विकास योजना ”आरकेवीवाई-रफ्तार” के तहत “नवाचार और कृषि-उद्यमिता विकास” नामक एक घटक लॉन्च किया। इसने इस कार्यक्रम के कार्यान्वयन के लिए देशभर से पांच ज्ञान भागीदारों (केपी) को उत्कृष्टता केंद्र और चौबीस आरकेवीवाई-रफ्तार कृषि व्यवसाय इनक्यूबेटर (आर-एबीआई) को नियुक्त किया है। अब तक, “नवाचार और कृषि-उद्यमिता विकास” कार्यक्रम के तहत 173 महिला स्टार्टअप व उद्यमियों का समर्थन किया गया है।
अब तक 50 कृषि-व्यवसाय केंद्र किए स्थापित
इसके अलावा, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद 2016-2017 में शुरू की गई राष्ट्रीय कृषि नवाचार निधि नामक परियोजना के तहत कृषि आधारित स्टार्टअप का समर्थन कर रही है। इसके लिए अब तक, 50 कृषि-व्यवसाय ऊष्मायन केंद्र (ABIC) स्थापित किए जा चुके हैं, जो महिला स्टार्टअप व उद्यमियों के लिए काफी मददगार साबित हुए हैं। संभावित महिला स्टार्टअप व उद्यमी केंद्र सरकार के प्रयासों से शुरू किए गए इन कार्यक्रमों से लाभ उठा सकते हैं।
महिला किसान दिवस का उत्सव
राष्ट्रीय कृषि विज्ञान परिसर (एनएएस) में अक्टूबर 14-15, 2018 के दौरान अनेक साझेदारों जैसे महिला किसान, गैर सरकारी संस्थाओं, महिला उद्यमियों, शिक्षा क्षेत्र से जुड़े विद्वानों, शोधार्थियों और वैज्ञानिकों, कृषक संस्थाओं, बैंक क्षेत्र के प्रतिनिधियों, उद्योगों इत्यादि की भागीदारी से महिला किसान दिवस का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में कृषि क्षेत्र में महिला कृषकों से संबंधित विषयों व प्रतिबंधों को समझने एवं उनका समाधान करने, पशुपालन, दुग्धशाला विज्ञान, मत्स्य पालन एवं अन्य कृषकेतर गतिविधियों पर एवं किसानों की संस्थागत ऋण एवं लघु वित्त तक पहुंच बनाने तथा कृषि-उपक्रमों का निर्माण करने पर ध्यान दिया गया। इस प्रकार के कार्यक्रमों के माध्यम से भी सरकार समय-समय पर महिला कृषकों की मदद के लिए अग्रसर रही है। कृषि क्षेत्र में महिलाओं को प्रोत्साहित करने के लिए केंद्र सरकार द्वारा महिला किसान दिवस पर उन्हें सम्मानित भी किया गया।
· महिला किसान दिवस के दौरान देशभर से कुल 44 प्रगतिशील महिला किसानों, प्रति राज्य दो महिला किसान-एक महिला कृषि क्षेत्र से एवं दूसरी इससे संबंधित क्षेत्र से, का उनके प्रदेशों द्वारा प्रस्तुत प्रविष्टियों के आधार पर सम्मान किया गया।आने वाली महिला किसानों के फायदे के लिए एक प्रदर्शनी का आयोजन भी किया गया।
किसानों की आय दोगुनी करना
याद हो, सरकार ने वर्ष 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने का लक्ष्य निर्धारित किया था। इस दिशा में सरकार ने किसानों की आय दोगुनी करने से जुड़े विषयों की जांच करने एवं वर्ष 2022 तक सच्चे अर्थों में किसानों की आय दोगुनी करने का लक्ष्य प्राप्त करने की रणनीति तैयार कर उसकी अनुशंसा करने के लिए राष्ट्रीय वर्षा सिंचित क्षेत्र प्राधिकरण (नेशनल रेनफेड एरिया अथॉरिटी), कृषि, सहकारिता एवं किसान कल्याण विभाग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी की अध्यक्षता में एक अंतर्मंत्रालयी समिति का गठन किया जिसने तय समय पर इस दिशा में उत्कृष्ट कार्य किया। इस समिति ने आय में वृद्धि के सात स्रोतों की पहचान की जिनमें फसल एवं पशुधन उत्पादकता में बढ़ोतरी, संसाधन उपयोग में दक्षता अथवा उत्पादन में लगी लागत में बचत, फसल गहनता में वृद्धि, उच्च मूल्य वाली फसलों की ओर बहुरूपता, किसानों द्वारा प्राप्त वास्तविक मूल्य में बढ़ोतरी, एवं कषि क्षेत्र से गैर-कृषि क्षेत्र पेशों में परिवर्तन शामिल है।
कृषि- 2022– किसानों की दोगुनी आय” पर राष्ट्रीय सम्मेलन
केवल इतना ही नहीं कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय ने ”कृषि-2022 किसानों की दोगुनी आय” शीर्षक के अंतर्गत 19 एवं 20 फरवरी, 2018 को राष्ट्रीय कृषि विज्ञान परिसर (एनएएससी), पूसा, नई दिल्ली में एक दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन का भी आयोजन किया गया था। यह सम्मेलन किसान कल्याण से संबंधित विभिन्न महत्वपूर्ण विषयों की पहचान करने एवं उनका समुचित समाधान खोजने के दृष्टिकोण से पीएम मोदी की सलाह पर आयोजित किया गया था। उस समय पीएम मोदी ने जोर देकर कहा था कि किसानों को सशक्त बनाने हेतु एक नई संस्कृति विकसित करने के प्रयास किए जा रहे हैं। मुख्य रूप से चार महत्वपूर्ण क्षेत्रों पर ध्यान हैः कृषक खरीद की लागत कम करना, पैदावार का न्यायोचित मूल्य सुनिश्चित करना, अपव्यय में कमी लाना, एवं आय के अन्य स्रोतों का निर्माण करना।