उत्तराखंड राज्य के वित्त मंत्री डॉ प्रेमचंद अग्रवाल ने वित्त विभाग के उच्च अधिकारियों के साथ विभागीय समीक्षा बैठक की। इस दौरान आवश्यक दिशा निर्देश भी दिए।
विधानसभा में आयोजित बैठक में सर्वप्रथम बजट विभाग की ओर से बजट अधिकारी मनमोहन मैनाली द्वारा वर्ष 2023-24 की उपलब्धियां बताई गईं। साथ ही नए कार्यों की विस्तार से जानकारी दी गई।
समीक्षा बैठक में उच्च अधिकारियों द्वारा बताया कि वर्ष 2022-23 में कुल व्यय 56 हजार करोड रुपए रहा, जबकि वर्ष 2023-24 में यह व्यय बढ़कर 60 हजार करोड रुपए हो गया। इस प्रकार वर्ष 22-23 की तुलना में लगभग 4000 करोड़ का अधिक व्यय हुआ है।
बैठक में उच्च अधिकारियों द्वारा बताया गया कि पूंजीगत परिव्यय 10982 करोड़ का हुआ। जो 2022-23 में 8195 करोड रुपए था। उन्होंने बताया कि प्रदेश में अभी तक रेवेन्यू सरप्लस की स्थिति है। जीएसटी में लगभग 13 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई है।
उच्च अधिकारियों ने बताया कि चालू वित्तीय वर्ष में बजट के अनुमान का अभी तक लगभग 11 प्रतिशत राजस्व प्राप्ति हो चुकी है यह वृद्धि मुख्यतः एसजीएसटी, वैट, स्टांप, आबकारी आदि विभाग द्वारा देखी जा रही है।
डॉ अग्रवाल द्वारा वर्ष 2023-24 में किए गए नवाचार व उपलब्धियां के लिए सराहना की। साथ ही कैपिटल आउटले में 34 प्रतिशत की वृद्धि होने पर सराहना की। उन्होंने राज्य के कर राजस्व में भी वृद्धि की सराहना की। नॉन टैक्स में वृद्धि की संभावना तथा विभाग को केंद्र पोषित योजना की विशेष समीक्षा करने के निर्देश दिए। और यूसी समय पर देने के लिए निर्देशित किया। उन्होंने मोमेंटम को बनाए रखने के लिए भी उच्चाधिकारियों को कहा।
डॉ अग्रवाल ने कहा कि वित्त विभाग में पेंडिंग कार्य प्रणाली में सुधार लाया जाए, जिससे कार्य बाधित न हो और ससमय कार्य गतिमान रहे। उन्होंने विभागों को नवाचार करने के लिए प्रेरित किया। डॉ अग्रवाल ने 30 जून तक वित्त विभाग में रिक्त पद तथा पदोन्नति पर आवश्यक कार्रवाई करने के लिए भी कहा।
डॉ अग्रवाल से सोसाइटी रजिस्ट्रेशन के लिए नियमावली बनाने का रजिस्ट्रार चीफ फंड द्वारा आग्रह किया गया जिस पर विभागीय मंत्री जी ने सचिव वित्त श्री दिलीप जावलकर को आवश्यक कार्रवाई के निर्देशित किया।
डॉ अग्रवाल ने पेंशनर की मृत्यु होने पर परिजनों को दिक्कत ना हो इसके लिए आवश्यक व्यवस्था बनाने के लिए भी निर्देशित किया। उन्होंने जीएसटी विभाग को प्रवर्तन की कार्यवाही बढ़ाने के लिए निर्देश दिए। उन्होंने विभागीय लंबित समस्या को त्वरित निस्तारण के लिए भी निर्देशित किया। जिस पर अपर सचिव गंगा प्रसाद द्वारा बताया गया कि एक सप्ताह में निस्तारण कर दिया जाएगा।
डॉ.अग्रवाल ने वित्तीय अनुशासन बनाए रखने के साथ-साथ प्रदेश में जीडीपी के विस्तार के लिए आवश्यक कदम उठाने के लिए कहा। उन्होंने कहा कि शीघ्र ही नई समीक्षा की जाएगी।
इस मौके पर अपर मुख्य सचिव श्री आनंद वर्धन, सचिव वित्त श्री वी षणमुगम, श्री दिलीप जावलकर, श्री एसएन पांडे, अपर सचिव वित्त अमिता जोशी, अपर सचिव वित्त गंगा प्रसाद, आयुक्त राज्य कर अहमद इकबाल, अपर आयुक्त राज्य कर आईएस बृजवाल, अनिल सिंह, अमित गुप्ता, बजट अधिकारी मनमोहन मनाली, निदेशक कोषागार डीसी लोहानी सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।