राज्यपाल Lt Gen Gurmit Singh ने रविवार को ग्राफिक एरा हिल यूनिवर्सिटी में 5वें अमर उजाला-ग्राफिक एरा ज्योतिष महाकुंभ का उद्घाटन किया। इस दो दिवसीय ज्योतिष महाकुंभ में देश भर के नामी ज्योतिषाचार्य प्रतिभाग कर रहे हैं। उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए उन्होंने देश के विभिन्न हिस्सों से पधारे ज्योतिष विद्वानों का देवभूमि में स्वागत करते हुए सुंदर आयोजन के लिए आयोजकों के लिए बधाई दी। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड में ज्योतिष शास्त्र की लम्बी परंपरा और गौरवशाली इतिहास रहा है। उत्तराखण्ड की धरती से भारत में ज्योतिष के प्रचार-प्रसार के लिए यह ज्योतिष महाकुंभ अनूठा कार्य है। उन्होंने कहा कि भारत की यह भूमि ज्ञान, कर्म, उपासना के साथ-साथ लौकिक और अलौकिक विद्याओं और रहस्यों को उजागर करने वाली भूमि है। हमारे ऋषि-मुनियों ने ज्ञान एवं विज्ञान की उपासना का संदेश दिया।
राज्यपाल ने कहा कि वेदों में पूरे ब्रह्माण्ड का रहस्य समाया है और उस रहस्य को जानने के लिए ज्योतिष शास्त्र को जानना बहुत जरूरी है। एक प्रकार से ज्योतिष शास्त्र ब्रह्मांड को समझने का रोड मैप है। ऋग्वेद में सूर्य, चंद्रमा, ग्रह व नक्षत्रों के अलौकिक वर्णन हैं। वेदों के ऋषि बहुत बड़े वैज्ञानिक थे। उनके ज्ञान की शक्तियां अद्भुत थी। उन्होंने मानव की भलाई के लिए नई-नई वैज्ञानिक मान्यताएं स्थापित की। ज्योतिष शास्त्र एक ऐसा नेत्र है जो भूत, भविष्य और वर्तमान तीनों काल में देख सकता है। यह शास्त्र भौतिक, आध्यात्मिक और दैविक विचारों का समन्वय है।
उन्होंने कहा कि हमारी महान उपलब्धियों को दुनिया ने उपयोग किया लेकिन इसका श्रेय हमें नहीं दिया। उन्होंने कहा कि यह समय स्वयं और उपलब्धियों को जानने का है। हमें सच्ची मान्यताओं और सच्चे अभिमान और उपलब्धियों पर गर्व करना सीखना होगा। आधुनिक विज्ञान के साथ-साथ हमें इंडियन नॉलेज सिस्टम को भी समझना होगा। राज्यपाल ने इस दौरान ज्योतिष विज्ञान के स्वयं के साथ घटित अनुभवों को भी साझा किया।