हवाई अड्डों पर चेहरे की पहचान तकनीक के डिजी यात्रा शुरू की गई है

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केंद्रीय नागरिक विमानन मंत्री श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने आज नई दिल्ली में इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे से देश के तीन हवाई अड्डों, नई दिल्ली, वाराणसी और बेंगलुरु के लिए डिजी यात्रा का शुभारंभ किया। डिजी यात्रा की परिकल्पना हवाई अड्डों पर चेहरे की पहचान प्रौद्योगिकी (एफआरटी) पर आधारित यात्रियों के संपर्क रहित और निर्बाध आवागमन की सुविधा प्रदान करने के लिए की गई है।
मंत्री महोदय ने नागरिक विमानन मंत्रालय के अंतर्गत डिजी यात्रा फाउंडेशन द्वारा परिकल्पित डिजी यात्रा परियोजना के बारे में बोलते हुए कहा कि इस परियोजना में एक ऐसे यात्री की परिकल्पना की गई है जो आज हवाई अड्डों पर विभिन्न चेक पॉइंट्स से कागज रहित और संपर्क रहित आवागमन के लिए अपनी पहचान साबित करने के लिए चेहरे की विशेषताओं का उपयोग करता है और जिसे बोर्डिंग पास से जोड़ा जा सकता है। इस सुविधा का उपयोग करने के लिए, आधार कार्ड के माध्यम से सत्यापन और एक स्व-छवि कैप्चर का उपयोग करके डिजी यात्रा ऐप पर एक बार पंजीकरण आवश्यक है। इस परियोजना में यात्रियों की सुविधा में सुधार और यात्रा में आसानी के अद्भुत फायदे हैं।

नागरिक विमानन मंत्री महोदय ने परियोजना की गोपनीयता की विशेषताओं के बारे में कहा कि गोपनीयता को ध्यान में रखते हुए व्यक्तिगत रूप से पहचान योग्य सूचना (पीआईआई) का कोई केंद्रीय भंडारण नहीं है। उन्होंने कहा यात्री की आईडी और यात्रा विवरण यात्री के स्मार्टफोन में ही सुरक्षित वॉलेट में जमा हो जाते हैं। श्री सिंधिया ने कहा कि अपलोड किया गया डेटा ब्लॉकचेन तकनीक का उपयोग करेगा और उपयोग के 24 घंटे के भीतर सर्वर से सभी डेटा को हटा दिया जाएगा।
भारत डिजी यात्रा के साथ अब लंदन में हीथ्रो और संयुक्त राज्य अमेरिका में अटलांटा जैसे विश्व स्तरीय हवाई अड्डों की श्रेणी में शामिल हो जाएगा। नागरिक विमानन मंत्री महोदय ने डिजी यात्रा के लाभों पर प्रकाश डालते हुए दुबई हवाई अड्डे का उदाहरण दिया जहां इस प्रौद्योगिकी के कारण यात्रियों के समय में 40 प्रतिशत तक की बचत हुई है। इसी तरह की प्रौद्योगिकी ने अटलांटा हवाई अड्डे पर नौ मिनट प्रति विमान समय की बचत की। श्री सिंधिया ने यह भी कहा कि अन्य हवाई अड्डों की तुलना में, भारतीय प्रणाली को प्रवेश से निकास तक और अधिक निर्बाध बनाया गया है और इसलिए यह दुनिया भर में सबसे कुशल प्रणालियों में से एक होगी।

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