आर्थिक मोर्चे पर जहां पूरी दुनिया परेशान है ऐसी स्थिति के बावजूद भी भारत दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ती हुई अर्थव्यवस्था बना हुआ है। ऐसे में यह कहना बिलकुल उचित होगा कि भारत इस समय मजबूत स्थिति में है। गौरतलब हो, पहली तिमाही के आंकड़े भी यही कहानी बयां कर रहे हैं जिसमें देश की विकास रफ्तार 13.5 फीसदी दर्ज की गई है।
आर्थिक मंदी की आशंका के बीच भारतीय अर्थव्यवस्था में लगातार सुधार
उधर, कृषि और सर्विस जैसे सेक्टर में उम्मीद से भी बेहतर प्रदर्शन देखने को मिल रहा है। दुनिया के कुछ देशों में आर्थिक मंदी की आशंका के बीच भारतीय अर्थव्यवस्था में आर्थिक गतिविधियों में लगातार सुधार देखा जा रहा है। तमाम आर्थिक संकेतक इस बात की गवाही पहले ही दे रहे थे और अब GDP के ताजा आंकड़े भी इसी बात को साबित कर रहे हैं। राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय की ओर से जारी ताजा आंकड़ों के मुताबिक चालू वित्त वर्ष की अप्रैल से जून की तिमाही के लिए भारत का सकल घरेलू उत्पाद यानि जीडीपी विकास दर 13.5 % दर्ज की गई। पिछले साल अप्रैल से जून की तिमाही में GDP ग्रोथ रेट 20.1 % थी।
खेती बाड़ी की विकास दर 4.5 फीसदी दर्ज की गई तो वहीं सेवा क्षेत्र ने बेहतरीन प्रदर्शन किया जिसमें ट्रेड, होटल्स, ट्रांसपोर्ट एंड कम्युनिकेशन में सबसे ज्यादा 25.7 % की वृद्धि दर्ज की गई। साथ ही पब्लिकेशन और दूसरी सेवाओं में 26 फीसदी से ज्यादा की वृद्धि दर्ज की गई।
दुनिया की तमाम एजेंसियां भी भारत की विकास दर में तेजी को कर रहीं स्वीकार
तमाम राष्ट्रीय एजेंसियां और वित्तीय संस्थान भी भारत की अर्थव्यवस्था की विकास दर में तेजी को स्वीकार कर रहे हैं। हाल ही में मोर्गन स्टेनली ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि 2022-23 में भारत की इकोनॉमी पूरे एशिया में सबसे तेज गति से विकास करेगी। मोर्गन स्टेनली के मुताबिक इसी के साथ एशिया की ग्रोथ में भारत की हिस्सेदारी 28 प्रतिशत और दुनिया की ग्रोथ में 22 प्रतिशत रहेगी। मोर्गन स्टेनली के अनुसार मौजूदा वित्त वर्ष में भारत की जीडीपी 7 फीसदी औसतन रहने का अनुमान है जो दुनिया की बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में सबसे ज्यादा है।
मॉर्गन स्टेनली भारत के आउटलुक को लेकर पॉजिटिव
मॉर्गन स्टेनली भारत के आउटलुक को लेकर बहुत पॉजिटिव है। उनकी रिपोर्ट में कहा गया है कि भारतीय एक दशक से अधिक समय में अपने सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के लिए तैयार है। ऐसा इसलिए क्योंकि इसके जरिए रुकी हुई मांग को पूरा किया जा रहा है। रिपोर्ट के मुताबिक कमोडिटी में कमी और अर्थव्यवस्था फिर से खुलने से मांग बढ़ रही है। इससे तेजी से आर्थिक रिकवरी हो रही है। इन वजहों के चलते ही ऐसा प्रतीत हो रहा है कि यह बीते एक दशक का भारतीय अर्थव्यवस्था का सबसे बेहतर प्रदर्शन सामने आने वाला है।
हाल ही में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एक कार्यक्रम में कहा था कि भारतीय अर्थव्यवस्था वित्त वर्ष 2022-23 में करीब 7.4 प्रतिशत की दर से बढ़ेगी। उन्होंने यह भी कहा कि अगले वित्त वर्ष में भी ये रफ्तार बरकरार रहेगी। इन सभी अनुमानों के पीछे है तमाम संकेतकों में दिख रही तेजी। पिछले महीने आए सर्विसेज बीएमआई इंडेक्स के आंकड़े भी काफी सकारात्मक रहे थे। देश के सेवा क्षेत्र में सुधार का यह एक मजबूत संकेतक है।
हर महीने जीएसटी राजस्व संग्रह तेजी से बढ़ रहा
वहीं देश में गाड़ियों की बिक्री के आंकड़े भी उत्साहजनक है। यह सब इस बात का संकेत है कि अर्थव्यवस्था में मांग वापस आ रही है। जीएसटी के आंकड़े भी इस बात की तस्दीक कर रहे हैं। हर महीने जीएसटी राजस्व संग्रह भी तेजी से बढ़ रहा है। कुल मिलाकर भारत न केवल महामारी के असर से बाहर निकल चुका है, साथ ही साथ भू-राजनीतिक संगठनों, महंगाई दर और महंगे होते कच्चे तेल के बीच भी रफ्तार पकड़ रहा है।