केन्द्र सरकार की ‘अग्निपथ’ योजना के विरुद्ध आंदोलन और विरोध प्रदर्शन के कारण 62 स्थानों पर रेलगाड़ी सेवाएं प्रभावित हुई थी। आंदोलन से भारतीय रेलवे को 259.44 करोड़ रुपए की हानि हुई थी। बता दें, इस विरोध प्रदर्शन के चलते बिहार, यूपी और तेलंगाना राज्यों के रेलवे स्टेशनों पर हिंसा की गई थी।
देशभर में करीब 2000 से अधिक ट्रेन कैंसिल करनी पड़ी
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने शुक्रवार को राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि अग्निपथ योजना के विरुद्ध आंदोलन और विरोध प्रदर्शन के कारण 62 स्थानों पर रेलगाड़ी सेवाएं प्रभावित हुई थी। 15 से 23 जून के बीच कुल 2,132 रेलगाड़ियों को रद्द किया गया था। उन्होंने बताया कि ये सभी ट्रेने महज एक सप्ताह के अंदर रद्द की गई थीं।
यात्रियों के रिफंड का डेटा उपलब्ध नहीं
रेल मंत्री ने कहा कि अग्निपथ योजना के लागू होने के बाद इसको लेकर हुए विरोध प्रदर्शनों से जो रेल सेवाएं बाधित हुईं उसके लिए यात्रियों को कितनी राशि दी गई, फिलहाल अभी इसका कोई डेटा उपलब्ध नहीं है। उन्होनें बताया कि 14 जून 2022 से लेकर 30 जून 2022 तक ट्रेनों के रद्द होने और आंदोलन के दौरान रेलवे की संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के कारण रेलवे को करीब 259.44 करोड़ का नुकसान हुआ है।
जी हां, रेल मंत्री ने बता दिया कि आंदोलनों से होने वाली सार्वजनिक अव्यवस्था जैसा अग्निपथ योजना के आरंभ से हुआ, के कारण रेलगाड़ी सेवाओं के बाधित होने पर यात्रियों को वापस की गई धनराशि से संबंधित आंकड़े अलग से नहीं रखे जाते हैं।
रेलवे को 259.44 करोड़ का हुआ नुकसान
बहरहाल, 14 से 30 जून तक की अवधि के दौरान रेलगाड़ियों के रद्द होने के कारण लगभग 102.96 करोड़ रुपए की कुल धनराशि वापस की गई थी और अग्निपथ योजना के विरुद्ध आंदोलनों में रेलवे परिसंपत्तियों के नुकसान अथवा विनाश के कारण 259.44 करोड़ रुपए की हानि हुई थी। रेल मंत्री ने बताया कि अग्निपथ योजना के कारण रद्द की गई सभी प्रभावित रेलगाड़ी सेवाओं को बहाल कर दिया गया है।
रद्द की गईं सभी ट्रेने हुईं बहाल
आंदोलन के दौरान जो भी ट्रेनें रद्द की गईं थी फिलहाल उन्हें बहाल कर दिया गया है यानि अब रेलगाड़ियां फिर ट्रैक पर लौट रही हैं। अग्निपथ योजना के खिलाफ 2,132 रेलगाड़ियों को रद्द किया गया था जो अब फिर धीरे-धीरे ट्रैक पर लौट रही हैं।