आज कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी और गुजरात के भूज से लेकर अरुणाचल तक ‘एक समान तिरंगा’ अगर शान से लहरा रहा है तो उसके सबसे बड़े नायक डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी हैं। पश्चिम बंगाल के कोलकाता में 6 जुलाई 1906 में मां भारती के इस वीर सपूत ने देश की एकता अखंडता को बनाए रखने में अभूतपूर्व योगदान दिया। भवानीपुर के मित्रा संस्थान से अपनी प्रारंभिक शिक्षा शुरू करने वाले मुखर्जी में शिक्षा के प्रति एक जुनून सवार था। अपने विलक्षण प्रतिभा के दम पर उन्होंने शिक्षा जगत में बहुत कम समय में अपना मुकाम बनाया और कोलकाता विश्वविद्यालय के सबसे कम उम्र के वाइस चांसलर बने।
अखंड जम्मू-कश्मीर के निर्माता
डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने एक देश में एक निशान, एक विधान और एक प्रधान को अपने जीवन का ध्येय वाक्य माना और जीवनभर इसके लिए संघर्ष करते रहे। वे कभी नहीं चाहते थे कि जम्मू कश्मीर में भारत का संविधान, भारत का राष्ट्रीय ध्वज और कायदे कानून लागू न हो। उन्होंने जम्मू कश्मीर को भारत का अभिन्न अंग माना और यहां पर देश के कायदे कानून लागू करवाने के लिए, विशेष धारा अनुच्छेद 370 को हटाने के लिए जीवन भर प्रयास किया और अपने प्राण भी इसी माटी को समर्पित कर दिया।
राजनीतिक विकल्प के पुरोधा
राष्ट्रवाद की विचारधारा, देश की एकता और अखंडता के लिए प्रतिबद्धता तथा राजनीतिक विकल्प के बीजारोपण के लिए आजादी के बाद के इतिहास में अगर किसी एक राजनेता का नाम याद आता है तो वह डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी हैं। पंडित नेहरू के पहले कैबिनेट से इस्तीफा देने वाले डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी पहले व्यक्ति थे। बेशक डॉक्टर मुखर्जी आजादी के बाद अधिक साल तक जीवित नहीं रहे लेकिन इस छोटे कालखंड में ही वैचारिक राजनीति के लिए उन्होंने एक महीन लकीर खींची जिस पर आज करोड़ों कार्यकर्ता चलते हैं।
पीएम मोदी ने दी श्रद्धांजलि
आज उनकी जन्म जयंती पर पीएम मोदी ने उन्हें याद करते हुए ट्विटर पर लिखा ‘‘डॉक्टर श्यामा प्रसाद मुखर्जी को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि। भारत के विकास, खासकर वाणिज्य और उद्योग जैसे क्षेत्रों में योगदान के लिए उनका व्यापक सम्मान किया जाता है। वह अपनी विद्वता और बुद्धिमत्ता के लिए भी जाने जाते थे।’’इस ट्वीट के साथ ही प्रधानमंत्री ने एक वीडियो भी साझा किया। इसमें मुखर्जी के बारे में उनके एक पुराने भाषण से जुड़े अंश हैं। वीडियो में मुखर्जी को एक प्रखर वक्ता, अनुभवी राजनीतिज्ञ और कुशल संगठनकर्ता बताया गया है। पीएम मोदी के अलावा गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा समेत पूरा देश आज देश के इस महान स्वतंत्रता सेनानी को याद कर रहा है जिसने भारत भूमि की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति दी।