मुख्य सचिव डॉ. एस. एस. संधु ने आज सचिवालय में प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना के अंतर्गत लाभार्थियों से मुलाकात कर योजना के सम्बन्ध में चर्चा की एवं उनके अनुभवों की जानकारी ली। इस दौरान उन्होंने लाभार्थियों से योजना में सुधार किए जाने हेतु सुझाव भी मांगे। मुख्य सचिव ने संबंधित अधिकारियों को आवेदकों के वेरिफिकेशन की प्रक्रिया को प्रत्येक स्तर पर सरल और छोटा किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि पीएम स्वनिधि की दूसरी किश्त के लिए आवेदन कर रहे आवेदकों को पुनः नगर निगम के चक्कर ना लगाने पड़ें, इसके लिए व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जाएं। मुख्य सचिव ने पीएम स्वनिधि के आवेदन के लिए लाइसेंस की अनिवार्यता को समाप्त किए जाने और लाइसेंसिंग के शुल्क को कम से कम किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि नगर निगम द्वारा वेंडर्स को दिए जाने वाला लाइसेंस, जो अभी तक 1 वर्ष हेतु दिया जाता है, को 5 वर्ष के लिए दिया जाए ताकि ठेली और फेरी वालों को हर साल लाइसेंस के नवीनीकरण के लिए नगर निगमों के चक्कर न काटने पड़ें। मुख्य सचिव ने अधिकारियों को ऐसे बैंकों से भी बात करने को कहा जो दूसरी किश्त को देने में लापरवाही कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस योजना का लाभ सही मायने में तभी हो सकेगा जब आवेदकों को उनके डोर स्टेप पर सभी सुविधाएं उपलब्ध हो सकेंगी। उन्होंने कहा कि आवेदन करने वालों को नगर निगम न बुलाया जाए बल्कि उन्हें कार्यस्थलों में ही आवेदन व वेरिफिकेशन आदि की सुविधा उपलब्ध कराई जाए साथ ही अभियान चलाकर इस योजना में लोगों को जोड़ा जाए। इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव श्री आनन्द वर्द्धन सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।