यूसर्क द्वारा आयोजित सात दिवसीय प्लांट टैक्सोनॉमी सर्टिफिकेट कार्यक्रम का समापन

UTTARAKHAND NEWS

यूसर्क की अभिनव पहल के अन्तर्गत वनस्पति सर्वेक्षण संस्थान के सहयोग से स्नातक एवं स्नातकोत्तर स्तर के विद्यार्थियों के लिये आयोजित किये जा रहे प्रथम सात दिवसीय प्लांट टैक्सोनॉमी (Hands-on) सर्टिफिकेट कार्यक्रम का समापन यूसर्क सभागार में आज किया गया ।

इस अवसर पर यूसर्क की निदेशक प्रो० ( डा०) अनीता रावत ने अपने सम्बोधन में कहा कि प्लांट टैक्सोनॉमी सर्टिफिकेट कार्यक्रम के आयोजन का उद्देश्य युवाओं में विभिन्न पादप प्रजातियों की पहचान करने हेतु सही वैज्ञानिक जानकारी प्रदान करना है। प्रयोगात्मक प्रशिक्षण के माध्यम से उत्तराखण्ड की विस्तृत जैवविविधता का संरक्षण एवं संवर्धन की दिशा में छात्रों की भागीदारी सुनिश्चित की जा सकती है। इस क्षेत्र में शोध की अनंत सम्भावनाओं के दृष्टिगत Hands-on training अत्यन्त महत्वपूर्ण है। यूसर्क द्वारा सुदूर क्षेत्रों के छात्रों को यह मंच प्रदान किया गया, ताकि उनकी क्षमताओं में वृद्धि हो सके। उन्होंने कहा कि यूसर्क द्वारा इस प्रकार के ज्ञानवर्धक एवं करियर में सहायक कार्यक्रमों का आयोजन लगातार किया जा रहा है।

समापन कार्यक्रम के अवसर पर यूसर्क की वैज्ञानिक डा० मन्जू सुन्दरियाल के द्वारा सम्पूर्ण कार्यक्रम के प्रत्येक दिन की गतिविधियों एवं प्रयोगात्मक कार्यों पर विस्तार से जानकारी दी गई। उन्होने बताया कि इस साप्ताहिक प्रशिक्षण कार्यक्रम में वनस्पति सर्वेक्षण संस्थान में प्लांट टैक्सोनॉमी के 15 विभिन्न विषयों पर वैज्ञानिकों के द्वारा व्याख्यान एवं Hands on training प्रदान की गयी। प्लांट टैक्सोनॉमी के नियम, नामकरण उत्तराखण्ड की स्थानीय वनस्पतियां, फ्लोरल डायग्राम, मेकिंग की टैक्सोनॉमी तकनीकि, डी०एन०ए० बारकोडिंग के बारे में विस्तार में प्रयोगात्मक तरीके से समझाया। इसके अतिरिक्त प्रतिभागियों को हर्बल गार्डन, म्यूजियम एवं हरबेरियम लैब का भ्रमण कराया गया।

सभी प्रतिभागियों द्वारा पूरे प्रशिक्षण कार्यक्रम की रिपोर्ट यूसर्क में प्रस्तुत की गयी। सात दिवसीय प्लांट टैक्सोनॉमी (Hands-on) सर्टिफिकेट कार्यक्रम के अन्तर्गत विद्यार्थियों को प्रमाण पत्र वितरित किये गये। कार्यक्रम में डा० ओम प्रकाश नौटियाल द्वारा सभी उपस्थित प्रतिभागियों को धन्यवाद ज्ञापित किया गया। कार्यक्रम में डा० भवतोष शर्मा, डा० राजेन्द्र सिंह राणा, ई० उमेश चन्द्र एवं सात शिक्षण संस्थाओं के 20 छात्र छात्राओं सहित कुल 35 प्रतिभागियों द्वारा प्रतिभाग किया गया ।

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