वन विभाग के क्रू स्टेशन, पौधशाला व जल संरक्षण संबंधी कार्यो का स्थलीय निरीक्षण

UTTARAKHAND NEWS

नई टिहरी l जिलाधिकारी टिहरी गढ़वाल इवा आशीष श्रीवास्तव ने आज एक दिवसीय जनपद भ्रमण कार्यक्रम के तहत क्रू स्टेशन डाइजर नई टिहरी, उच्च  तकनीक पौधशाला टिहरी डेम वन प्रभाग भगीरथपुरम, वानस्पतिक उद्यान कोटी तथा नमामि गंगे योजना, कैम्पा योजना एवं आरक्षित वनों की अग्नि से सुरक्षा योजना के अंतर्गत लोहिताल में वर्षा जल संग्रहण, वृक्षारोपण कार्य एवं जल स्रोतों का पुनर्जीवन कार्यों का स्थलीय निरीक्षण किया।
जिलाधिकारी ने फायर सीज़न के चलते क्रू स्टेशन डाइजर नई टिहरी का निरीक्षण कर स्टेशन में रखे अग्निशमन उपकरणों के संबंध में जानकारी ली। इस मौके पर फायर वाचर द्वारा आग बुझाने वाले यंत्र का परीक्षण कर भी दिखाया गया। इस दौरान डीएफओ टिहरी डिवीज़न वी के सिंह ने बताया कि क्रू स्टेशन डाइजर में आग बुझाने के यथा ब्लोअर कटर, टॉर्च, फायर बीटर, फायर वाचर के लिए शूज, जैकेट, कैप आदि सभी उपकरण रखे गए हैं। उन्होंने बताया कि इस बार वनाग्नि की दृष्टि से भिलंगना क्षेत्र संवदेनशील है।
जिलाधिकारी ने उच्च  तकनीक पौधशाला टिहरी डेम वन प्रभाग भगीरथपुरम टिहरी में तैयार किये जा रहे पौधों का निरीक्षण किया। उन्होंने पॉली हॉउस, ग्रीन हॉउस का निरीक्षण कर संबंधित अधिकारी को वृक्षारोपण हेतु जगह चिन्हित कर अधिक से अधिक पौधे रोपित करने के निर्देश दिये। डीएफओ ने बताया कि 0.80 हेक्टयर भूमि में इस पौधशाला में तेजपत्ता, कचनार, मोरपंखी, आवंला, शीशम, रीठा, अमरूद आदि अनेक प्रकार के लगभग 95 हजार पौधे तैयार किये जा रहे।
जिलाधिकारी ने वानस्पतिक उद्यान कोटी का स्थलीय निरीक्षण कर संबंधित अधिकारी को आवश्यक दिशा निर्देश दिए। उन्होंने इंटर प्रटेशन् सेंटर में टेहरी डेम कैचमेंट एरिया और वृक्ष नक्षत्र का अवलोकन कर जानकारी ली। उन्होंने संबंधित अधिकारी को निर्देशित किया कि ट्रैक रुट को पब्लिक की सुविधानुसार बनाएं। उन्होंने संबंधित अधिकारी को निर्देश दिए कि वानस्पतिक उद्यान में ईको पार्क सेंचुरी बनाने और उद्यान को और अधिक व्यवस्थित बनाने के लिए टीएचडीसी से एनओसी लेकर नमामि गंगे में प्रस्ताव बनायें।
डीएफओ ने बताया कि यह वानस्पतिक उद्यान 14.28 हेक्टियर पर स्थापित है औऱ हर 2 साल के लिए टीएचडीसी से एग्रीमेंट होता है।
तत्पश्चात जिलाधिकारी ने लोहिताल के कक्ष संख्या 7,8,9,11 एवं 13 में नमामि गंगे योजना, कैम्पा योजना एवं आरक्षित वनों की अग्नि से सुरक्षा योजना के अंतर्गत वर्षा जल संग्रहण, वृक्षारोपण कार्य एवं जल स्रोतों का पुनर्जीवन कार्यों का निरीक्षण किया। उन्होंने ट्रान्जिश, चेक डेम, पौधरोपण प्लांटेशन, पोंड्स आदि की जानकारी लेते हुए वर्षा जल संग्रहण का जलस्तर चेक करने को कहा।
डीएफओ ने बताया कि लोहिताल के इलाके में पूरे वर्षा जल संग्रहण हेतु ट्रान्जिश बनाये गए हैं। बताया कि एक ट्रान्जिश 300 लीटर वर्ष जल को रोकता है और इनसे आग भी कम लगती है।
इस मौके पर रेंजर  ऑफिसर आशीष डिमरी, हर्ष राम उनियाल, डिप्टी रेंजर शशि भूषण उनियाल, वन दरोगा रमेश चंद्र कठैत, ओ पी कुकरेती, वन आरक्षी उत्तम सिंह रावत, फारेस्ट गार्ड नीलम सहित संबंधित अधिकारी मौजूद रहे।

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