सखा क्लब का ‘महिला सम्मान कार्यक्रम’—सशक्त नारी, सशक्त समाज

UTTARAKHAND NEWS

अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर सखा क्लब द्वारा एक भव्य ‘महिला सम्मान कार्यक्रम’ का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम महिलाओं की उपलब्धियों को सराहने और समाज में उनके योगदान को पहचान देने के उद्देश्य से आयोजित किया गया था। इसमें विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्य करने वाली महिलाओं को सम्मानित किया गया, जिससे महिला सशक्तिकरण को एक नई दिशा मिली।


कार्यक्रम की मुख्य झलकियां

इस विशेष आयोजन में आंगनवाड़ी अध्यक्षा रेखा नेगी और नन्हीं आशाएं चैरिटेबल ट्रस्ट की अध्यक्ष नेहा शर्मा ने मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत की। इसके अलावा, उत्तराखंड आंदोलन के प्रमुख कार्यकर्ता श्री मनोज ध्यानी और ब्रह्मपुरी वार्ड नंबर 74 के पार्षद श्री सतीश कश्यप भी इस गरिमामयी कार्यक्रम का हिस्सा बने।

कार्यक्रम के दौरान उत्तराखंड आंदोलन की प्रमुख महिला कार्यकर्ताओं आशा नौटियाल, तारा पांडे, सुलोचना मेंडोलिया और सुलोचना बिष्ट को विशेष रूप से सम्मानित किया गया। इसके अलावा, सामाजिक कार्यकर्ता जीनत जी और शाइना जी ने भी अपनी उपस्थिति से इस आयोजन को और प्रेरणादायक बनाया।


सखा क्लब का संगठित प्रयास

इस कार्यक्रम की सफलता सखा क्लब की पूरी टीम के समर्पण और मेहनत का नतीजा रही। अध्यक्ष देव सिंह चौहान, सचिव मधुर माथुर, उपाध्यक्ष नरेश कुमार प्रजापति, उपसचिव संगीता नेगी, कोषाध्यक्ष मनोज कुमार और कार्यक्रम अध्यक्ष सिमरन ठाकुर ने पूरे आयोजन की कमान संभाली।

कार्यक्रम में सखा क्लब के वॉलंटियर्स ने अपनी संगठन क्षमता और नेतृत्व कौशल का शानदार प्रदर्शन किया। खास बात यह रही कि इस पूरे आयोजन का संचालन महिला सदस्यों द्वारा किया गया, जिससे महिलाओं की नेतृत्व क्षमता को एक नई मजबूती मिली।


महिला सशक्तिकरण के प्रति प्रतिबद्धता

इस कार्यक्रम का उद्देश्य केवल महिलाओं को सम्मानित करना ही नहीं था, बल्कि उन्हें प्रेरित करना, उनकी क्षमताओं को निखारना और उन्हें आगे बढ़ने के लिए एक मंच प्रदान करना भी था।

मुख्य अतिथियों ने अपने संबोधन में कहा कि सशक्त महिलाएं ही सशक्त समाज की नींव होती हैं। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि महिलाओं को केवल घरेलू दायरे तक सीमित न रखते हुए हर क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया जाना चाहिए।


संवाद और प्रेरणा का मंच

यह आयोजन न केवल सम्मान और प्रेरणा का अवसर था, बल्कि यह महिलाओं के लिए एक संवाद मंच भी बना, जहां उन्होंने अपने अनुभव साझा किए और एक-दूसरे को आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया।

सखा क्लब का यह प्रयास महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक मजबूत कदम साबित हुआ और इसने महिला दिवस को और खास बना दिया।

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