((देहरादून) 30 जनवरी, 2025।अभ्युदय वात्सल्यम् संस्था द्वारा प्रत्येक वर्ष की भांति इस वर्ष भी सांस्कृतिक कार्यक्रम का भव्य आयोजन किया जा रहा है। संस्था की अध्यक्ष एवं निदेशक डॉ. (श्रीमती) गार्गी मिश्रा ने घोषणा की है कि इस वर्ष का “लोक संस्कृति महोत्सव – 2025” आगामी 02 फरवरी, 2025 (रविवार), बसंत पंचमी के शुभ अवसर पर आयोजित किया जाएगा। यह भव्य आयोजन नगर निगम, टाउन हॉल, देहरादून में प्रातः 10 बजे से आरंभ होगा। इस महोत्सव में अधिकतम संख्या में लोगों को शामिल होने का अनुरोध किया गया है।
विविध सांस्कृतिक प्रस्तुतियां
इस महोत्सव का मुख्य आकर्षण विभिन्न लोक कलाकारों द्वारा दी जाने वाली सांस्कृतिक प्रस्तुतियां होंगी। इसमें गढ़वाली, कुमाऊंनी, जौनसारी, गोरख्याली, भोजपुरी और अवधी जैसी लोकसंस्कृतियों की झलक देखने को मिलेगी। यह आयोजन उत्तराखंड एवं देश की सांस्कृतिक समृद्धि को दर्शाने वाला एक अद्वितीय मंच प्रदान करेगा।
सामाजिक सरोकारों से जुड़ी प्रस्तुतियां
संस्था केवल सांस्कृतिक कार्यक्रमों तक सीमित नहीं है, बल्कि विभिन्न सामाजिक मुद्दों पर भी सक्रिय रूप से कार्यरत है। इस महोत्सव में संस्था द्वारा संचालित प्रमुख अभियानों जैसे पर्यावरण संरक्षण, जल संरक्षण और नशामुक्ति अभियान से संबंधित जागरूकता प्रस्तुतियां भी दी जाएंगी। इन अभियानों का मुख्य उद्देश्य समाज में सकारात्मक बदलाव लाना और लोगों को जागरूक करना है।
एक भारत-श्रेष्ठ भारत एवं योग का संदेश
इस महोत्सव के माध्यम से “एक भारत-श्रेष्ठ भारत” के संदेश को भी व्यापक रूप से प्रसारित किया जाएगा। साथ ही, “करो योग, रहो निरोग” का संदेश लोगों तक पहुंचाने के लिए योग से जुड़े विशेष कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। यह पहल स्वस्थ और संतुलित जीवनशैली को बढ़ावा देने में सहायक होगी।
“देवभूमि उत्तराखण्ड” स्मारिका का विमोचन
उत्तराखंड के विकास की दिशा में हुई विभिन्न उपलब्धियों और गतिविधियों को संकलित करते हुए “देवभूमि उत्तराखण्ड” नामक स्मारिका प्रकाशित की गई है, जिसका विमोचन इस कार्यक्रम के दौरान किया जाएगा। यह स्मारिका उत्तराखंड की सांस्कृतिक, ऐतिहासिक और सामाजिक धरोहर को दर्शाने वाली एक महत्वपूर्ण कड़ी होगी।
संविधान के मूल अधिकारों पर नाट्य प्रस्तुति
भारतीय संविधान के मूल अधिकारों को अभिव्यक्त करने के लिए विभिन्न विद्यालयों एवं संस्थानों के छात्र-छात्राओं द्वारा विशेष नाटिका प्रस्तुत की जाएगी। यह प्रस्तुति संविधान के महत्व और उसमें निहित नागरिक अधिकारों की समझ को गहरा करने में सहायक होगी।
कलाकारों, विद्यार्थियों एवं विशिष्ट व्यक्तियों का सम्मान
इस महोत्सव के दौरान विभिन्न लोक कलाकारों, छात्र-छात्राओं एवं विशिष्ट व्यक्तियों को उनके उत्कृष्ट योगदान के लिए सम्मानित किया जाएगा। यह पहल संस्कृति और शिक्षा के क्षेत्र में कार्यरत लोगों को प्रोत्साहित करने का कार्य करेगी।
संस्था की समाज सेवा में भूमिका
संस्था की अध्यक्ष एवं निदेशक डॉ. (श्रीमती) गार्गी मिश्रा ने बताया कि अभ्युदय वात्सल्यम् संस्था लंबे समय से महिलाओं, बच्चों और वृद्ध नागरिकों के कल्याण हेतु कार्यरत है। संस्था द्वारा वर्ष भर विभिन्न जागरूकता अभियान चलाए जाते हैं, जिनका उद्देश्य समाज के कमजोर वर्गों को सहायता प्रदान करना और उन्हें सशक्त बनाना है।
लोक संस्कृति महोत्सव – 2025 केवल एक सांस्कृतिक आयोजन नहीं है, बल्कि यह भारतीय संस्कृति, समाज सेवा और राष्ट्र निर्माण के प्रति समर्पण का प्रतीक भी है। अतः सभी संस्कृति प्रेमियों से अनुरोध किया जाता है कि वे इस आयोजन में बढ़-चढ़कर भाग लें और उत्तराखंड की समृद्ध लोकसंस्कृति का हिस्सा बनें।