ग्राम्या-2 परियोजना के अंतर्गत गंगोत्री संस्था ने महिला किसानों का 5 दिवसीय अध्ययन व भ्रमण कार्यक्रम का आयोजन किया ।

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उत्तराखण्ड विकेन्द्रीकृत जलागम विकास परियोजना (ग्राम्या-2), उत्तरकाशी प्रभाग, पुरोला के तत्वाधान में उपपरियोजना निदेशक अजय कुमार के निर्देशन में सहयोगी संस्था गंगोत्री कौशल विकास एवं उत्थान समिति, देहरादून द्वारा 5 दिवसीय अध्ययन व भ्रमण कार्यक्रम का आयोजन दिनांक 05-09-2021 से 09-09-2021 तक जिला अल्मोड़ा में किया गया जिसमें प्रभाग की मोरी, पुरोला व नौगांव यूनिटों की प्रगतिशील महिला कृषकों, फैसिलीटेटर व कॉऑर्डिनेटर द्वारा प्रतिभाग किया गया। अध्ययन व भ्रमण कार्यक्रम के दौरान प्रतिभागियों को कृषि विज्ञान केन्द्र, मटेला, अल्मोड़ा में दिनांक 06-09-2021 को एकीकृत कृषि प्रबंधन पर प्रशिक्षण भी दिया गया व केन्द्र में विभिन्न गतिविधियों की जानकारी हेतु भ्रमण भी करवाया गया। प्रशिक्षण कृषि विज्ञान केन्द्र के वैज्ञानिकों द्वारा विभिन्न विषयों पर दिया गया जिनमें डॉ० एस. एस. सिंह द्वारा सब्जी उत्पादन, वित्त प्रबंधन व उन्नत प्रजातियों का चयन, डॉ० राकेश नेल द्वारा पादप संरक्षण, खाद का महत्व एवं चयन, डॉ० राजेश कुमार द्वारा मृदा संरक्षण व मृदा को उर्वर बनाने के उपाय व बेमौसमी सब्जियों की जानकारी व डॉ० मुक्ता नैनवाल द्वारा कृषि कार्यों में तकनीकी का प्रयोग पर जानकारी दी गई ।
 

प्रतिभागी महिलाओं द्वारा उत्सुकता से प्रशिक्षण में भाग लिया गया व समस्त शंकाओं का निवारण केन्द्र के कृषि वैज्ञानिकों द्वारा किया गया। अध्ययन व भ्रमण व प्रशिक्षण कार्यक्रम में सहयोगी संस्था की ओर से रमेश खत्री, कमल भट्ट व परियोजना की ओर से कॉऑर्डिनेटर ज्योति गोयल, महिला सुगमकर्ता रेशमा साह, ज्योति गौड़, मंजु बुटोला, उष्मीला बिजल्वाण व अंजना रावत व महिला कृषकों में ललिता, प्रबीता,अंकिता, जगदेही, बिमला आदि उपस्थित रहे।
अध्ययन व भ्रमण कार्यक्रम के दूसरे दिन भ्रमण दल जागेश्वर से आगे ग्राम भगरतोला गया जहाँ वन पंचायत सरपंच रेवाधर पांडे द्वारा ग्राम में चल रही विभिन्न आयअर्जक गतिविधियों को दिखाने के साथ ही उनकी विस्तृत जानकारी भी दी गई।
ग्राम भगरतोला क्षेत्र कृषि कार्यो में अग्रणीय एवं आदर्श गांव है यहाँ सब्जी उत्पादन के साथ ही जल सरंक्षण, कीवी उत्पादन, पॉली हाऊस निर्माण, वर्मीकंपोस्ट, मत्स्य पालन व अन्य आयअर्जक गतिविधियों में अग्रणी है। भ्रमण दल ने उनसे काफी जानकारियां प्राप्त की जिसे वे अपनी खेती किसानी में प्रयोग कर अपनी आय को बढ़ा सके।
वापसी में भ्रमण दल द्वारा ग्रामसभा तोली में भुवन चन्द्र भट्ट द्वारा संचालित जागनाथ मसाले व सरसों के तेल की इकाई और जागनाथ फ्रूट सेन्टर के संचालक खिमानंद पाटनी से जूस, अचार, मुरब्बा आदि बनाने की विधि की जानकारी भी प्राप्त की गई। खिमानंद पाटनी द्वारा मौसमी फलों का जूस, अचार मुरब्बा आदि भी आस-पास के ग्रामों से फल क्रय कर तैयार किया जाता है वही भुवनचन्द्र भट्ट द्वारा हल्दी, धनिया आदि मसाले भी नजदीकी ग्रामों से खरीद कर उनका प्रसंस्करण किया जाता है। इस प्रकार की गतिविधियों से जागरूक किसान अन्य किसानों को स्वरोजगार के लिए प्रेरित कर रहे हैं बल्कि स्थानीय ग्रामीणों का पहाड़ी उत्पाद क्रय कर उनको भी लाभान्वित कर रहे हैं ।

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