मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने 17 व्यक्तियों और संस्थाओं को एसडीजी एचीवर अवॉर्ड से सम्मानित किया

UTTARAKHAND NEWS

मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने आज देहरादून में आयोजित कार्यक्रम में 17 व्यक्तियों और संस्थाओं को एसडीजी एचीवर अवॉर्ड से सम्मानित किया, जिसमें 12 संस्थाओं एवं 05 लोगों को व्यक्तिगत रूप से सम्मानित किया गया। मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि वर्ष 2030 तक सतत विकास लक्ष्यों को पूर्ण करने के लिए जनपदों में प्रतियोगिता की भावना के दृष्टिगत इस वर्ष से “एस.डी.जी. एचीवर ट्रॉफी” प्रदान की जायेगी, जिसमें सभी 13 जनपदों के विजेता एवं उपविजेता घोषित किये जायेंगे। उन्होंने कहा कि एस.डी.जी. को पंचायत स्तर तक क्रियान्वित करने के लिए 2030 तक 17-23 सितम्बर तक एस.डी.जी सप्ताह के रूप में मनाया जायेगा। जिसमें सभी विकासखण्डों, पंचायतों विद्यालयों, जनपदों एवं राज्य स्तर पर कार्यशालाएं, जन जागरूकता कार्यक्रम, वाद-विवाद प्रतियोगिता आयोजित की जायेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि विकास के लक्ष्य को हासिल करने के लिये सभी को सम्मिलित रूप से प्रयास करने होंगे। आत्मनिर्भर उत्तराखण्ड बनाने के लिए सबको समन्वित प्रयास करने होंगे। बहुत सी संस्थाएं और व्यक्ति सामाजिक, आर्थिक व पर्यावरण के क्षेत्र में बेहतर काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड को श्रेष्ठ राज्य बनाने के लिये हम सभी को मिलकर आगे बढ़ना है। इकोलॉजी और इकोनोमी में संतुलन बनाकर विकास जरूरी है। उन्होंने एसडीजी इंडेक्स में उत्तराखण्ड को अग्रणी राज्यों की श्रेणी में लाने के लिए और प्रयासों की भी जरूरत बताई। मुख्यमंत्री ने सम्मानित होने वाले व्यक्तियों और संस्थाओं को बधाई देते हुए उम्मीद जताई कि इससे अन्य लोग और संस्थाएं भी प्रेरित होंगे। उन्होंने कहा कि समाज और देश के लिये काम करने वाले व्यक्तियों से मिलकर वे स्वयं प्रेरित होते हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार प्रधानमंत्री जी द्वारा दिए गए मंत्र “सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास” को मूल में रखकर लक्ष्य प्राप्ति के पथ पर अग्रसर है। हम प्रधानमंत्री जी के मार्गदर्शन में उत्तराखण्ड को देश का श्रेष्ठ राज्य बनाने के लिए निरंतर कार्य कर रहे हैं। इस अवसर पर पूर्व मुख्य सचिव एवं ज्यूरी के अध्यक्ष श्री एन रविशंकर, सचिव श्री आर. मीनाक्षी सुंदरम, यूएनडीपी की प्रतिनिधि इसाबेल सचान, सीपीपीजीजी के अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ. मनोज कुमार पंत उपस्थित थे।

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