राजभवन ऑडिटोरियम में स्वामी राम हिमालयन विश्वविद्यालय द्वारा ‘‘साइंस ऑफ जॉयफुल लिविंग’’ पर एक दिवसीय सेमिनार आयोजित किया गया

UTTARAKHAND NEWS

राजभवन ऑडिटोरियम में बुधवार को स्वामी राम हिमालयन विश्वविद्यालय द्वारा ‘‘साइंस ऑफ जॉयफुल लिविंग’’ पर एक दिवसीय सेमिनार आयोजित हुआ। सेमिनार का शुभारंभ राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) ने दीप प्रज्वलित कर किया। इस सेमिनार में हिमालयन विश्वविद्यालय के विशेषज्ञ डॉक्टर्स ने आनंदमय जीवन जीने की कला के वैज्ञानिक दृष्टिकोण से संबंधित अपने विचार रखे और बताया कि किस प्रकार प्रत्येक व्यक्ति अपने जीवन में खुश रह सकता है।
सेमिनार में राज्यपाल ने राजभवन में अध्यात्म विद्या के साथ आनंदमय जीवन जीने के विज्ञान के विषय में इस तरह के आयोजन के लिए विश्वविद्यालय के कुलाधिपति डॉ. विजय धस्माना व उनकी टीम को बधाई दी। उन्होंने कहा कि हम हमेशा अपने आप से पूछते हैं कि खुश कैसे रहा जाए और उसका समाधान आज हिमालयन विश्वविद्यालय के विशेषज्ञ डॉक्टर्स ने दिया है। उन्होंने कहा कि हम प्रत्येक आदमी के लिए जरूरी है कि वह खुश रहे। लेकिन परिस्थितियों के कारण हम उदास और दुखी हो जाते हैं। ऐसे समय में भी जीवन को आनंदमय तरीके से जीने के बारे में आज जो जानकारियां दी गई है वह प्रत्येक व्यक्ति के जीवन में काम आएगी।
राज्यपाल ने कहा कि हमें हमेशा दूसरों की भलाई और उनकी सहायता के लिए हर संभव प्रयास करना चाहिए और उसमें जो आनंद और खुशी मिलती है वह अपने आप में अलग ही स्तर की होती है। आनंदमय जीवन जीने के लिए दूसरों पर निर्भर नहीं रहना चाहिए और उसके लिए कोई कारण भी नहीं होना चाहिए। खुशी को हमेशा अपने अंदर से लाने की जरूरत है। हमें हमेशा खुश रहने की आदत डालनी होगी। उन्होंने कहा कि खुशहाल जीवन के विज्ञान को आज स्वामी राम हिमालयन विश्वविद्यालय की टीम ने बहुत सरल तरीके से बताया है जो उपयोगी साबित होगी। उन्होंने उपस्थित लोगों से बताई गई विधियों को जीवन में अपनाने को कहा।
सेमिनार में विश्वविद्यालय के कुलाधिपति डॉ. विजय धस्माना ने स्वामी राम की शिक्षाओं पर आधारित आहार और व्यायाम के साथ-साथ भावनाओं के रचनात्मक उपयोग के द्वारा आनंदमय जीवन को जीने के बारे में बताया। उन्होंने बताया कि यह सेमिनार स्वस्थ शरीर में स्वस्थ दिमाग की अवधारणा पर केंद्रित किए जाने के उद्देश्य से किया गया है। उन्होंने संतुलित आहार का जीवन में महत्व के संबंध में जानकारियां दी और कहा कि जैसे शरीर को स्वस्थ रखने के लिए सही खान-पान व नियमित व्यायाम आवश्यक है, उसी प्रकार सांसों के लिए प्राणायाम व मन को शांत रखने के लिए ध्यान अति आवश्यक है। सेमिनार में डॉ. प्रकाश केशवीय और डॉ. रेनू धस्माना ने मन और ध्यान क्रियाओं के संबंध में जानकारी दी और ध्यान लगाने की विधियां बताईं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *