राज्यपाल Lt Gen Gurmit Singh ने राजभवन में आयोजित Wildlife Week 2022 कार्यक्रम में प्रतिभाग किया और forests एवं वन्य जीव संरक्षण के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाले अधिकारियों को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया।
कार्यक्रम के दौरान लघु फिल्म “गर्तांग गली ट्रैक”, “Secure Himalaya” और ‘‘Foot Soldier” का अनावरण करने के साथ ही दून आर्ट कांउसिल और राजाजी नेशनल पार्क के संयुक्त प्रयासों से बाघ संरक्षण एवं जागरूकता के लिए लगी ‘‘The Fearless Baagh’’ फोटो प्रर्दशनी का भी अवलोकन किया ।
राज्यपाल ने उत्तराखण्ड देवभूमि के साथ-साथ वनभूमि भी है। उत्तराखण्ड को प्रकृति की नैसर्गिंक सुन्दरता की अनुपम देन प्राप्त जिसका संरक्षण करना हम सभी का दायित्व है। उन्होंने कहा कि हमारी अर्थव्यवस्था का प्रमुख आधार प्रकृति आधारित पर्यटन है। वनों पर काफी कुछ निर्भर है। उन्होंने कहा कि देवभूमि की जैविक विरासत पर हमें गर्व होना चाहिए। इस जैव विविधता को बचाए रखने की हम सबकी जिम्मेदारी है।
राज्यपाल ने कहा कि हमें अपने वनों की प्राकृतिक स्वरूप को बचाने के साथ-साथ ऐसी सुविधाएं विकसित करनी होगी जिससे पर्यटन को बढ़ावा मिले और स्थानीय रोजगार के अवसर बढ़े। उन्होंने कहा कि हमारे सम्मुख वन्यजीव संघर्ष और वनाग्नि जैसी चुनौतियां है जिससे हमें निपटने के लिए ऑर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, ड्रोन टेक्नोलॉजी और आधुनिक तकनीकों का उपयोग करते हुए इन चुनौतियों के समाधान खाजने होंगे।
राज्यपाल ने कहा कि युवाओं को वन संरक्षण और जैव विविधता के प्रति जागरूक किया जाना बहुत जरूरी है, जिससे वे इनका महत्व समझ सकंे। वन आधाारित पर्यटन में यहां अपार सम्भावनाएं हैं इसका हमें सदुपयोग करना होगा। उन्होंने अधिकारियों से जनपदों में नए वन आधारित पर्यटन स्थल विकसित करने को कहा। राज्यपाल ने ेकहा कि वन विभाग के कर्मी विपरीत परिस्थितियों में चुनौतियों के साथ बड़ी सेवा कर रहे है जिसके लिए वह प्रशंसा के पात्र है।