SCPCR News : ‘बढ़ती नशे की प्रवृत्ति, रोकथाम और पुनर्वास’ विषय पर देहरादून में दो दिवसीय सेमिनार का आयोजन ।।web news।।

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बाल अधिकार संरक्षण आयोग की ओर से ‘बच्चों में बढ़ती नशे की प्रवृत्ति, रोकथाम और पुनर्वास’ विषय पर कार्यशाला का आयोजन किया गया।

बाल अधिकार संरक्षण आयोग की ओर से बच्चों में ‘बढ़ती नशे की प्रवृत्ति, रोकथाम और पुनर्वास’ विषय पर दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला का शुभारंभ मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने किया। कार्यक्रम में उत्तराखंड बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष ऊषा नेगी के साथ ही उत्तरप्रदेश, चंडीगढ़,अरुणाचल प्रदेश एवं अन्य राज्यों के बाल आयोग के अध्यक्ष उपस्थित रहे ।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने बाल आयोग के प्रयासों की सराहना करते हुए माता-पिता से बच्चों को अच्छे संस्कार देने की अपील की। कार्यशाला में मुख्यमंत्री ने कहा कि नशा समेत तमाम विकृतियों से बच्चों को बचाने के लिए उन्हें संस्कारवान बनाना होगा। संस्कारित बच्चे जीवन के किसी भी क्षेत्र में असफल नहीं होते। चूंकि बच्चे स्कूल से ज्यादा समय अपने घर पर बिताते हैं लिहाजा बच्चों को संस्कारवान बनाने की जिम्मेदारी अभिभावकों की है। उन्होंने कहा कि नशा मुक्ति के लिए कार्यशालाओं के आयोजन के साथ ही जनजागरूकता भी जरूरी है। जागरूकता से ही बड़ी से बड़ी सामाजिक बुराइयां दूर हो सकती हैं। उत्तराखंड बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष ऊषा नेगी ने कहा कि बच्चों में बढ़ती नशे की प्रवृत्ति चिंताजनक है। बच्चों को इससे बाहर निकालने के लिए बाल आयोग समेत अन्य विभाग मिलकर कार्य कर रहे हैं, जिसके आने वाले समय में सकारात्मक परिणाम देखने को मिलेंगे ।

कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी कार्यक्रम में समय से पहुंच कर समय की अहमियत भी समझा गए ।

उत्तराखंड सरकार में कैबिनेट के मंत्री गणेश जोशी ने बाल आयोग द्वारा आयोजित कार्यक्रम में समय से कुछ मिनट पहले पहुंचकर सबको अचंभित कर दिया । समय से पहले पहुंच कर उन्होंने समय का मूल्य सभागार उपस्थिति प्रतिभागियों के साथ साथ अपने समकक्ष मंत्रियों को मीडिया के माध्यम से संकेतों में बताया ।
सबके सम्मुख समय से पहुंच कर अच्छा उदहारण पेश किया है इस आदत के पीछे उन्होंने सेना में सेवा देने को बताया । आम तौर पर किसी भी नेता द्वारा समय न पहुँचकर देरी से पहुंचने का वाईपी सिम्बल बना दिया है कैबिनेट मंत्री ने ऐसे अपने समकक्ष नेताओं के लिए सकारात्मक उदाहरण पेश किया।


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