गोवा के स्वर्णिम तट पर रविवार शाम 52वें भारतीय अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (आईएफएफआई) का रंगारंग समापन हो गया। इस दौरान लगभग 73 देशों की 148 फिल्मों को अंतरराष्ट्रीय खंड में दिखाया गया। महोत्सव में इस बार 95 देशों की 624 फिल्में शामिल की गईं। निर्देशक कार्लोस सौरा की ‘द किंग ऑफ ऑल वर्ल्ड’ (एल रे डी टोडो एल मुंडो) से आगाज करने वाले इस महोत्सव का समापन अभिनेता मनोज बाजपेयी को सम्मानित करने के साथ हुआ। इस मौके पर गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत, केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर के अलावा गीतकार और सीबीएफसी अध्यक्ष प्रसून ठाकुर खासतौर पर मौजूद रहे।
अभिनेता मनोज वाजपेयी ने कहा कि विशाल आबादी वाला देश भारत मनोरंजन में बड़ी ताकत हो सकता है। यह फिल्म महोत्सव सिनेमा की आने वाली पीढ़ियों को प्रोत्साहित करता है। ऐसे तमाम संबोधनों के साथ यह महोत्सव तमाम यादों के साथ विदा हो गया। निर्देशक असगर फरहादी की ग्रैंड प्रिक्स पुरस्कार विजेता फिल्म ए हीरो के प्रर्दशन से महोत्सव का समापन हुआ।
सिनेमा की 55 उत्कृष्ट फिल्मों का किया गया प्रदर्शन
महोत्सव के विश्व पैनोरमा खंड में दुनियाभर से सिनेमा की शानदार 55 उत्कृष्ट फिल्मों का प्रदर्शन किया गया। फेस्टिवल कैलिडोस्कोप का आकर्षण 11 फिल्में रहीं। इनमें टाइटेन (फ्रेंच) और सौद (अरबी) भी शामिल हैं। महोत्सव में प्रसिद्ध हंगेरियन फिल्म निर्माता बेला तार और रूसी फिल्म निर्माता और मंच निर्देशक आंद्रेई कोंचलोव्स्की भी शामिल हुए। बेला तार की फिल्मों को बर्लिन, कान्स और लोकार्नो फिल्म महोत्सव में सराहा जा चुका है।
इंडियन फिल्म पर्सनैलिटी ऑफ द ईयर 2021 का अवॉर्ड मिला हेमा मालिनी को
महोत्सव के आगाज पर प्रसिद्ध अभिनेत्री और सांसद हेमा मालिनी को इंडियन फिल्म पर्सनैलिटी ऑफ द ईयर 2021 का पुरस्कार प्रदान किया गया। इसके अलावा समापन के मौके पर गीतकार प्रसून जोशी को पुरस्कृत किया गया। भारतीय अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव ने विश्व सिनेमा के दिवंगत नायकों को श्रद्धांजलि दी। श्रद्धांजलि के रूप में बर्ट्रेंड टैवर्नियर, क्रिस्टोफर प्लमर, जीन-क्लाउड कैरियर और जीन-पॉल बेलमंडो की फिल्मों का प्रदर्शन किया गया। महोत्सव ने भारतीय सिनेमा के दिग्गज बुद्धदेव दास गुप्ता (निर्देशक), दिलीप कुमार (अभिनेता), नेदुमुदी वेणु (अभिनेता), पुनीत राजकुमार (अभिनेता), संचारी विजय (अभिनेता), सुमित्रा भावे (निर्देशक), सुरेखा सीकरी (अभिनेत्री) और वामन भोंसले (फिल्म संपादक) को भी श्रद्धांजलि दी। इसके अलावा महोत्सव में बड़े पर्दे पर सबसै पहले जेम्स बॉन्ड सर सीन कॉनरी को विशेष श्रद्धांजलि दी गई।
पहली बार ब्रिक्स देशों की फिल्मों को ब्रिक्स फिल्म महोत्सव के माध्यम से प्रदर्शित किया गया
इस महोत्सव में पहली बार 75 युवा फिल्म निर्माताओं, अभिनेताओं, गायकों, पटकथा लेखकों और अन्य लोगों को प्रतिभा दिखाने के लिए मंच प्रदान किया गया। इनका चयन आजादी का अमृत महोत्सव के उत्साह का जश्न मनाने के लिए प्रतियोगिता के माध्यम से किया गया। भारतीय अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव के इतिहास में पहली बार ब्रिक्स देशों की फिल्मों को ब्रिक्स फिल्म महोत्सव के माध्यम से प्रदर्शित किया गया। ब्रिक्स फिल्म महोत्सव में पांच देश ब्राजील, रूस, दक्षिण अफ्रीका, चीन और भारत हैं। इस खंड में 8 फिल्मों की स्क्रीनिंग की गई। इसके अलावा पहली दफा नामचीन ओटीटी प्रमुखों को महोत्सव में बुलाया गया।
हंगरी के इस्तेवन स्जाबो और न्यू हॉलीवुड युग के मिस्टर मार्टिन स्कॉर्सेज को भारतीय अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव में सत्यजीत रे लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार से सम्मानित किया गया। समापन पर असगर फरहादी की फिल्म ए हीरो की स्क्रीनिंग की गई। यह कान्स फिल्म समारोह में ग्रांड प्रिक्स जीत चुकी है। इस आयोजन में आजादी का अमृत महोत्सव भी रंग बिखेरता रहा। इन रंगों महकती लगभग 18 क्यूरेटेड फिल्मों की भी प्रस्तुति की गई।