जनपद रुद्रप्रयाग की एन्टी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट, एसओजी व एन्टी नारकोटिक्स टास्क फोर्स द्वारा छात्र-छात्राओं को किया गया जागरुक
पुलिस अधीक्षक रुद्रप्रयाग द्वारा दिये गए निर्देशों व क्षेत्राधिकारी ऑपरेशन्स रुद्रप्रयाग के पर्यवेक्षण में जनपद रुद्रप्रयाग पुलिस के एन्टी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट प्रभारी निरीक्षक मनोज नेगी और एसओजी व एन्टी नारकोटिक्स टास्क फोर्स प्रभारी निरीक्षक योगेन्द्र सिंह गुसाईं द्वारा अटल उत्कृष्ट राजकीय इन्टर कॉलेज रुद्रप्रयाग में जाकर छात्र-छात्राओं को जागरुक किया गया –
मानव तस्करी : मानव तस्करी से तात्पर्य है कि अपने कुत्सित उद्देश्यों की पूर्ति के लिए मनुष्य को बेच देना। हालांकि हमारे जनपद में ऐसे प्रकरण सामने नहीं आये हैं फिर भी हरेक व्यक्ति को इस सम्बन्ध में सतर्क और जागरुक रहना आवश्यक है। दुनियाभर में मानव तस्करी के पीड़ितों में एक-तिहाई बच्चे होते हैं, क्योंकि उनके समझ में नहीं आता है कि उनको कहाँ ले जाया जा रहा है।
मानव तस्करी की परिभाषा
संयुक्त राष्ट्र की परिभाषा के अनुसार, किसी व्यक्ति को डराकर, बलपूर्वक या दोषपूर्ण तरीके से काम लेना, यहाँ-वहाँ ले जाना या बंधक बनाकर रखने जैसे कृत्य तस्करी की श्रेणी में आते हैं।
क्यों होती है मानव तस्करी?
■ गरीबी और अशिक्षा है सबसे बड़ा कारण
■ मांग और आपूर्ति का सिद्धांत
बंधुआ मज़दूरी
■ देह व्यापार
■ सामाजिक असमानता
■ क्षेत्रीय लैंगिक असंतुलन
■ बेहतर जीवन की लालसा
■ सामाजिक सुरक्षा की चिंता
■ महानगरों में घरेलू कामों के लिये भी होती है मानवतस्करी
■ चाइल्ड पोर्नोग्राफी के लिये भी होती है बच्चों की तस्करी
इस सम्बन्ध में सभी को सतर्क और जागरुक रहने के बारे में बताया गया।
एन्टी नारकोटिक्स टास्क फोर्स- मुख्यमंत्री उत्तराखण्ड द्वारा वर्ष 2025 तक उत्तराखण्ड को नशामुक्त करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है, जिसके लिए त्रिस्तरीय एण्टी नारकोटिक्स टास्क फोर्स (ANTF) का राज्य, जनपद और थाना स्तर पर गठन किया गया है। जनपद रुद्रप्रयाग में भी जनपद एवं थाना स्तर पर एएनटीएफ का गठन है। प्रभारी एन्टी नारकोटिक्स टास्क फोर्स रुद्रप्रयाग द्वारा छात्र-छात्राओं को जानकारी देते हुए बताया गया कि ड्रग्स हमारे समाज का सबसे बड़ा अभिशाप है। किसी परिवार का बच्चा यदि ड्रग्स के जाल में फंस जाता है तो उस परिवार की जीवन भर की कमाई, इज्जत सब बरबाद हो जाती है इससे अच्छे-अच्छे परिवार भी बरबार हो जाते हैं। ड्रग्स को समूल नाश करना हमारी जिम्मेदारी है। उत्तराखण्ड पुलिस के द्वारा एन्फोर्समेंट, अवेयरनेस (जागरुकता) और पुनर्वास का कार्य किया जा रहा है। हालांकि जनपद में ड्रग्स के लत सम्बन्धी मामले नहीं आये हैं, परन्तु सभी को सतर्क रहने की आवश्यकता है। सभी छात्र छात्राओं से अपील करते हुए कहा कि वे अपनी उर्जा को सकारात्मक क्रिया-कलापों खेल, पढाई, कल्चरल एक्टीविटी आदि में लगाएं और नशे व ड्रग्स से दूर रहें।
साइबर अपराध – प्रभारी एसओजी रुद्रप्रयाग द्वारा छात्र-छात्राओं को जानकारी देते हुए बताया गया कि वे घर जाकर अपने माता-पिता और अभिभावकों को भी आगाह करें कि, आपका पैसा आपका अपना है, इसे यूं ही जाया न होने दें।
■ किसी भी प्रकार के लोभ लालच, लॉटरी के फेर में न फंसें।
■ अपने एटीएम का गुप्त पासवर्ड या उसकी सीवीवी (एटीएम के पीछे लिखे 03 अंकीय कोड) किसी भी अन्जान व्यक्ति को नहीं देना है, और न ही एटीएम का प्रयोग करते समय अन्जान लोगों से कोई मदद लेनी है। यदि एटीएम का प्रयोग करना नहीं आता है तो इस कार्य को सीखने हेतु अपने घर के किसी सदस्य की मदद अवश्य लें, एकाध बार उनके साथ ही एटीएम जाकर पैसे निकालना सीखा जा सकता है। फिर भी यदि आपके द्वारा किये जा रहे प्रयासों के बाद भी पैसे नहीं निकल रहे हैं तो अनावश्यक किसी अन्जान से तो मदद बिल्कुल भी न लें। अपने परिचितों से ही मदद लें या फिर अपने बैंक में जाकर पैसों की निकासी करें। आपकी सतर्कता ही आपके पैसों को लुटने से बचा सकती है।
■ किसी भी प्रकार की लाॅटरी जीतने, कौन बनेगा करोड़ पति, रातों रात पैसा डबल या अन्य किसी भी प्रकार के प्रलोभनों मे न आयें।
■ आजकल साइबर ठग बिजली का बिल जमा न होने तथा बिजली कनेक्शन कट जाने सम्बन्धी मैसेज भेजते हैं, यह मैसेज टेक्स्ट या व्हट्सएप के माध्यम से प्राप्त हो सकता है, ऐसे मैसेजों को इग्नौर करें।
अन्जान व्यक्ति के व्हट्सएप या फेसबुक पर आने वाले वीडियो कॉल को रिसीव न करने हेतु बताया गया। ■ साइबर ठग आपकी वीडियो कॉल के साथ अश्लील सामग्री को मिक्स करके ब्लैकमेलिंग करते हैं, साइबर अपराध की भाषा में इसे सेक्सार्सन कहा जाता है।
■ किसी भी अन्जान व्यक्ति से अपने गैजेट्स जैसे मोबाइल, लैपटॉप या कम्प्यूटर पर एनी डेस्क या इस तरह के एप से तकनीकी मदद न लें, साइबर ठग आपकी निजी जानकारी लेकर साइबर अपराध कारित कर सकते हैं।
■ किसी भी स्पैम या अन्जान लिंक को क्लिक न करें। अक्सर व्हट्सएप ग्रुपों मे किसी बड़ी हस्ती के जन्मदिन या किसी अन्य प्रकार का झूठा दिलासा दिये जाने सम्बन्धी लिंक तैरता रहता है, कि इसे 5 लोगों को भेजें या इसमें दी गयी डिटेल्स भरें, आपको फ्री रिचार्ज मिलेगा। ऐसे मैसेज झूठे होते हैं, इन्हें अनावश्यक रूप से शेयर या फारवर्ड न करें।
■ आजकल कई व्हट्सएप ग्रुपों में इस प्रकार के हजारों मैसेज तैरते रहते हैं, जैसे कि, केबीसी से सम्बन्धित, बेरोजगारी भत्ता योजना, फ्री रिचार्ज जैसी स्कीमें, रामबाण योजना और न जाने कितने कुछ।
यदि आप इन मैसेजों से सम्बन्धित लिंक पर जायेंगे तो पाते हैं, कि वहां पर आपको अपनी बहुत सारी डिटेल्स भरनी होती हैं, ऐसे में स्वाभाविक है कि, अन्जान लोगों के पास आपका मोबाइल नम्बर भी चला जाये।
■ इस चीज को मत भूलिए कि, जो कोई भी ठग है, वह न जाने कहां बैठा होगा और हम, आप जैसे लोगों को फोन करता रहेगा। उसने 100 कॉल्स मिलाई और हममें से एक भी झांसे में आ गया तो उसका तो हो गया फिर काम तमाम!!
■ इसलिए किसी भी तरह के भ्रामक मैसेजों या काल के जाल में नहीं फंसना है।
■ हो सके तो अपने फोन के व्हट्सएप की सेटिंग की प्राइवेसी में जाकर ग्रुप्स में जोड़े जाने हेतु उन्हीं लोगों को अधिकृत करें, जिनका नम्बर आपके पास हो। अन्यथा की दशा में आपके नम्बर को न जाने कोई भी किसी भी ग्रुप में एड कर सकता है।
■ साइबर ठगी के कई तरीके हैं, पर उनसे बचने का पहला उपाय तो यही है कि, हमारा संयम और हमारा इग्नोरेंश। संयम यह कि, किसी लालच में न आयें और इग्नोरेंश यह कि, जो चीज समझ में नहीं आ रही उसकी तरफ ध्यान ही न दो, विशेष कर लेन देन के मामलों में।
■ फिर भी जाने अन्जाने में साइबर ठगी के शिकार हो जायें तो साइबर हैल्पलाइन 1930 पर काॅल करें या राष्ट्रीय साइबर अपराध पंजीकरण पोर्टल https://cybercrime.gov.in पर अपने साथ हुई ठगी की डिटेल्स भरें। कुछ समझ न आये तो नजदीकी पुलिस स्टेशन पर जरूर जायें।
इन सभी जानकारियों का विद्यालय के शिक्षकों व छात्र-छात्राओं द्वारा पुलिस का आभार प्रकट किया गया है। आयोजित हुए जागरुकता कार्यक्रम अवसर पर विद्यालय 🏫 के प्रधानाचार्य श्री राजबीर भदौरिया सहित अन्य शिक्षक गण व छात्र-छात्रायें उपस्थित रहे।